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कलयुगी पिता ने नाबालिग बेटी से किया दुष्‍कर्म, कोर्ट ने दोषी को सुनाई उम्रकैद की सजा - Life imprisonment to rapist father

Life imprisonment to rapist of minor daughter: दिल्ली की अदालत ने अपनी 11 साल की बेटी से दुष्‍कर्म करने के मामले में दोषी को आजीवन कैद की सुजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 2, 2024, 4:30 PM IST

Updated : May 2, 2024, 5:39 PM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी द‍िल्‍ली में एक बड़ा ही शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक कलयुगी प‍िता ने पत्‍नी की मौत के बाद से अपनी 11 साल की बेटी के साथ दुष्‍कर्म क‍िया. इस मामले में द‍िल्‍ली की एक अदालत ने दोषी प‍िता को आजीवन कैद की सुजा सुनाई है. अदालत ने पीड़‍िता को राहत और पुनर्वास के ल‍िए 12 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश भी द‍िया.

पीड़ित बच्ची को उसके भविष्य के मद्देनजर 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया गया है. कोर्ट की तरफ से इस संबंध में आदेश 27 अप्रैल का सुनाया गया. कलयुगी प‍िता को पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया गया था. व‍िशेष न्‍यायाधीश अनु अग्रवाल ने दोषी प‍िता को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने आदेश में यह भी साफ कर द‍िया कि उम्र कैद का मतलब 'दोषी की बची हुई प्राकृतिक लाइफ' से है.

ये भी पढ़ें: मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई याचिका, इस दिन होगी सुनवाई

कोर्ट ने इस घ‍िनौनी घटना पर फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि 'पापा की लाडली' फ्रेज प‍िता-बेटी के बीच के स्‍नेहपूर्ण र‍िश्‍तों को दर्शाता है, लेक‍िन जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो बच्‍चे को क्‍या करना चाह‍िए. कोर्ट की तरफ से यह भी कहा कि गया क‍ि एक बच्चे को अपने पैरेंट्स पर बिना शर्त भरोसा होता है.

बच्‍चे को अपने माता प‍िता से प्यार, स्नेह और सुरक्षा की उम्मीद रहती है. लेक‍िन जब एक घर के भीतर ही बच्‍चा यौन उत्पीड़न का श‍िकार होता है तो उसके पास कहीं और जाने की कोई जगह नहीं होती है. कोर्ट कार्यवाही के दौरान अत‍िर‍िक्‍त सरकारी अभियोजक अरुण केवी ने दोषी के ल‍िए अध‍िकतम सजा की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने अपने आदेश के दौरान यह भी कहा क‍ि अगर दर‍िंदा बच्‍चे का जैव‍िक प‍िता था तो यह व‍िश्‍वास के साथ व‍िश्‍वासघात और सोशल वैल्‍यू की हानि के समान है.

यह भी पढ़ें-चुनाव के दौरान डीप फेक वीडियो पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका की गई दायर, इस दिन होगी सुनवाई

नई दिल्ली: देश की राजधानी द‍िल्‍ली में एक बड़ा ही शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक कलयुगी प‍िता ने पत्‍नी की मौत के बाद से अपनी 11 साल की बेटी के साथ दुष्‍कर्म क‍िया. इस मामले में द‍िल्‍ली की एक अदालत ने दोषी प‍िता को आजीवन कैद की सुजा सुनाई है. अदालत ने पीड़‍िता को राहत और पुनर्वास के ल‍िए 12 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश भी द‍िया.

पीड़ित बच्ची को उसके भविष्य के मद्देनजर 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया गया है. कोर्ट की तरफ से इस संबंध में आदेश 27 अप्रैल का सुनाया गया. कलयुगी प‍िता को पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया गया था. व‍िशेष न्‍यायाधीश अनु अग्रवाल ने दोषी प‍िता को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने आदेश में यह भी साफ कर द‍िया कि उम्र कैद का मतलब 'दोषी की बची हुई प्राकृतिक लाइफ' से है.

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कोर्ट ने इस घ‍िनौनी घटना पर फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि 'पापा की लाडली' फ्रेज प‍िता-बेटी के बीच के स्‍नेहपूर्ण र‍िश्‍तों को दर्शाता है, लेक‍िन जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो बच्‍चे को क्‍या करना चाह‍िए. कोर्ट की तरफ से यह भी कहा कि गया क‍ि एक बच्चे को अपने पैरेंट्स पर बिना शर्त भरोसा होता है.

बच्‍चे को अपने माता प‍िता से प्यार, स्नेह और सुरक्षा की उम्मीद रहती है. लेक‍िन जब एक घर के भीतर ही बच्‍चा यौन उत्पीड़न का श‍िकार होता है तो उसके पास कहीं और जाने की कोई जगह नहीं होती है. कोर्ट कार्यवाही के दौरान अत‍िर‍िक्‍त सरकारी अभियोजक अरुण केवी ने दोषी के ल‍िए अध‍िकतम सजा की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने अपने आदेश के दौरान यह भी कहा क‍ि अगर दर‍िंदा बच्‍चे का जैव‍िक प‍िता था तो यह व‍िश्‍वास के साथ व‍िश्‍वासघात और सोशल वैल्‍यू की हानि के समान है.

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Last Updated : May 2, 2024, 5:39 PM IST
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