गिरिडीह: हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. राज्यपाल ने शपथ ग्रहण की तिथि 28 नवंबर तय की है. इस बीच हेमंत मंत्रिमंडल में किन विधायकों को जगह मिलेगी. गिरिडीह जिले से किसे मंत्री बनाया जाएगा. गांडेय से दूसरी बार जीती कल्पना मुर्मू सोरेन को मंत्री बनाया जाएगा या फिर दूसरी बार जीते पार्टी के वरिष्ठ नेता सुदिव्य कुमार को मंत्री बनाया जाएगा. इसको लेकर काफी चर्चा हो रही है.
जेएमएम ने लगातार दूसरी बार दर्ज की जीत
गांडेय विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का दबदबा रहा है. इस सीट पर जेएमएम के सालखन सोरेन चार बार विधायक रह चुके हैं. सरफराज अहमद एक बार और कल्पना मुर्मू सोरेन दो बार विधायक रह चुकी हैं. यह सीट जेएमएम के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है लेकिन गिरिडीह सीट का इतिहास ऐसा नहीं है. कांग्रेस ने इस सीट पर तीन बार जीत दर्ज की है. सीपीआई ने चार बार जीत दर्ज की है. सीपीआई के चतुरानन मिश्रा ने तो यहां से हैट्रिक भी लगाई थी.
वहीं 1995 के बाद इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा. 1995 और 2000 में लगातार दो बार यहां भाजपा ने जीत दर्ज की. 2005 में झामुमो के मुन्नालाल ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की. इसके बाद 2009 में एक बार और 2014 में भाजपा के टिकट पर निर्भय शाहाबादी ने झाविमो से जीत दर्ज की. वहीं 2019 में झामुमो के टिकट पर खड़े सुदिव्य कुमार ने जीत दर्ज की.
झामुमो नेता सुदिव्य ने 2024 में फिर जीत दर्ज की और लगातार दो बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले झामुमो नेता बन गए. जिस सीट पर भाजपा का दबदबा माना जाता रहा है, वहां पर लगातार दो बार जीत दर्ज कर सुदिव्य ने अपनी काबिलियत साबित कर दी है. ऐसे में मंत्री पद की रेस में सुदिव्य का नाम भी चर्चा में है.
क्या बेबी की जगह लेंगे सुदिव्य
जब 2019 में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने थे, तब गिरिडीह जिले के डुमरी विधायक जगरनाथ महतो को मंत्री बनाया गया था. जब 2023 में जगरनाथ महतो का निधन हुआ, तो जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी डुमरी उपचुनाव जीतीं और उन्हें मंत्री बनाया गया. जनवरी में हेमंत सोरेन जेल चले गए और चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बन गए.
चंपाई कैबिनेट में भी बेबी देवी को जगह मिली और उन्हें महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री बनाया गया. जेल से बाहर आने के बाद हेमंत फिर से मुख्यमंत्री बने. इस बार भी बेबी देवी को कैबिनेट में जगह दी गई. अब जब विधानसभा चुनाव हुए, तो बेबी देवी हार गईं. ऐसे में सुदिव्य को लेकर चर्चाओं को बल मिल रहा है. अब देखना यह है कि सुदिव्य को मंत्री बनाया जाएगा या संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी जाएगी.
यह भी पढ़ें:
हेमंत कैबिनेट में झामुमो, कांग्रेस, राजद, माले से कितने विधायक बनेंगे मंत्री, 28 को शपथ ग्रहण
28 नवंबर को झारखंड में फिर से बनेगी हेमंत सरकार, पेश किया दावा, राज्यपाल को सौंपा समर्थन पत्र