रायपुर: जून के महीने में कालाष्टमी का पर्व 28 जून शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान शिव और काल भैरव की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. इस दिन भोलेनाथ और काल भैरव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. सभी प्रकार के भय और बाधाएं भी दूर हो जाती है. कालाष्टमी भैरव बाबा की पूजा का दिन है. कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा की विशेष पूजा की जाती है. कहा जाता है कि कलयुग में तीन देवता ही जागृत माने जाते हैं, जिनकी पूजा से तत्काल फलों की प्राप्ति होती है.
जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया "तीन जागृत देवताओं में शरभ, काल भैरव और हनुमान जी हैं. शरभ महादेव जी का ही रूप हैं, जो पक्षी के रूप में इस जगत में विचरण करते हैं. काल भैरव की पूजा तत्काल फल देती है. काल भैरव अत्यंत उग्र देवता हैं, लेकिन जब आप काल भैरव की उपासना करते हैं, तो उनके सौम्य रूप की ही उपासना की जानी चाहिए, क्योंकि काल भैरव अत्यंत उग्र देवता हैं. ये शीघ्र ही नाराज भी होते हैं. कालभैरव, भगवान शिव के अवतार है. इसलिए इनके सौम्य रूप की उपासना करें."
कालभैरव की पूजा के समय क्या करें:
- सरसों के तेल का दिया जलाएं, जिसमें चार बत्ती हो, चार दिशाओं में उसका मुख हो.
- दीये को प्रज्ज्वलित कर दीये में एक चुटकी उड़द, पांच काली मिर्च, 5 लौंग, पीली सरसों डालकर रख दें.
- दीए में कपूर और काला तिल भी डाल दें.
- भैरव बाबा की पूजा में लाल रंग का फूल चढ़ाएं.
- गंगाजल से स्नान कराकर दीपदान करें.
- भैरव बाबा को मिठाई चढ़ाएं.
- उड़द के बड़े और भजिए का भोग लगाएं. उड़द दाल मिली नमकीन चढ़ाएं.
- देसी शराब का भोग लगाएं.
- शराब से अभिषेक भी करें तो तत्काल फल मिलता है.
- काल अष्टमी के दिन इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है. इससे शीघ्र ही फल मिलता है.
- अपने कष्टों के निवारण के लिए और मनोकामना पूर्ति के लिए भैरव बाबा की उपासना शीघ्र फलदायक है.
- इसके बाद भैरव बाबा के मंत्रों का जाप करें.
इन मंत्रों से करें भैरव बाबा को प्रसन्न:
- काल भैरव के मंत्रों में "ॐ भं भैरवाय नमः, ओम बम बटुकाय नमः" महत्वपूर्ण हैं.
- भैरव बाबा का किसी भी मंत्र से जाप कम से कम 27 माला करें.
- संभव हो तो 27000 मंत्रों का जाप करें.
- 10 माला रिपीट करें.
पूजा के समय इन बातों का रखें खास ध्यान:
- भैरव बाबा की पूजा में पवित्रता का ध्यान रखें.
- पवित्र होकर, नए वस्त्र धारण कर लाल आसन पर बैठकर ही बटुक भैरव का पूजन करें.
- गंगाजल से मिठाई और पूजन सामग्री को और आसान को गंगाजल से शुद्ध करें.
- उसके बाद पूर्ण समर्पण भाव से पूर्ण विश्वास के साथ काल भैरव का पूजन करें.
- रुद्राक्ष की माला से पूजन करें, क्योंकि बाबा काल भैरव भगवान शंकर के ही अवतार हैं.
नोट: यहां लिखी सारी बातें ज्योतिष की तरफ से बताई गई है. इसकी पुष्टि ETV भारत नहीं करता है.