पंचकूला: सेक्टर 6 सिविल अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर (निक्कू) यूनिट से काजल नाम की महिला तीसरी मंजिल से नीचे गिर गई थी. इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने काजल (22 साल) की मौत मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा-304A (लापरवाही) के तहत केस दर्ज किया है. मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
मामले के बाद से अस्पताल के डॉक्टरों ने चुप्पी साधी हुई है. सिविल अस्पताल पुलिस चौकी के इंचार्ज कमलदीप सिंह भी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और आरोपियों की पहचान बारे जानकारी देने से बच रहे हैं. उनसे कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर करने में की देरी! घटना 5 अप्रैल की सुबह करीब 6:30 से 7:30 बजे के बीच की बताई गई है. जब पता चला कि काजल तीसरी मंजिल से नीचे गिर गई है. आनन-फानन में अस्पताल की इमरजेंसी में उसका इलाज किया गया. डॉक्टरों ने करीब ढाई दिन तक काजल को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रखा. काजल की हालत अधिक बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे 8 अप्रैल को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया. जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों के मुताबिक अगर काजल को तुरंत चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया होता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी.
खिड़कियों के साथ नहीं लगी सुरक्षा ग्रिल: सिविल अस्पताल 6 की तीसरी मंजिल स्थित जिस निक्कू वार्ड से काजल नीचे गिरी, उसकी सभी खिड़कियों पर किसी प्रकार की कोई सुरक्षा ग्रिल नहीं लगी है. नतीजतन यदि खिड़की के पास किसी मरीज का संतुलन बिगड़ता है, तो वो सीधा नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जाकर गिरेगा. क्योंकि खिड़की के साथ ना तो लोहे की सुरक्षा ग्रिल लगी है और ना ही किसी प्रकार की ऐसी स्लैब है. जिससे बचाव हो सके.
IMA ने अस्पताल प्रबंधन से ली जानकारी: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पदाधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन से मामले संबंधी जानकारी हासिल की है. बीती 9 अप्रैल की सुबह IMA के पदाधिकारियों ने सिविल अस्पताल पहुंचकर चीफ मेडिकल ऑफिसर एवं गायनी वार्ड की चेयरपर्सन डॉक्टर मुक्ता समेत पीएमओ डॉक्टर उमेश मोदी से मीटिंग की थी. अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपने स्तर पर भी मामले की जांच कर हादसे के समय ड्यूटी पर मौजूद सभी कर्मचारी व सुरक्षाकर्मियों के बयान दर्ज किए गए. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की जांच रिपोर्ट किस निष्कर्ष पर पहुंची, इस संबंधी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है.
सीसीटीवी में शाम 6 बजे निक्कू वार्ड में जाती दिखी थी काजल: अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद रिकॉर्डिंग के अनुसार काजल अपनी नवजन्मी बच्ची को दूध पिलाने के लिए 4 अप्रैल की शाम 6 बजे निक्कू यूनिट में जाती दिखाई दी. अस्पताल प्रबंधन व सीसीटीवी कक्ष के कर्मचारियों के अनुसार इसके बाद कोई भी ऐसी फुटेज सामने नहीं आई है, जिसमें काजल निक्कू यूनिट से बाहर आती हुई दिखी हो. स्पष्ट है कि यदि ये सच है तो इस तथ्य के अनुसार जो भी घटित हुआ, वो निक्कू वार्ड के अंदर ही हुआ.
काजल के परिजनों को अस्पताल की जांच पर नहीं भरोसा: काजल के पिता व भाइयों समेत अन्य परिजनों को अस्पताल प्रबंधन की जांच पर भरोसा नहीं है. उनके अनुसार उन्हें काजल के तीसरी मंजिल स्थित निक्कू यूनिट से नीचे गिरने की बात पर भी पूरा भरोसा नहीं है. वहीं, घटना में काजल की जांघ में दो फ्रैक्चर, बाजू और सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगी थी. अभी तक स्पष्ट रूप से ये पता नहीं लग सका है कि काजल संतुलन बिगड़ने पर नीचे गिरी, उसने खुद छलांग लगाई या फिर किसी ने उसे धक्का दिया.
पुलिस काजल के बयान नहीं कर सकी दर्ज: घटना के बाद से काजल बेसुध हालत में थी. हालत अधिक बिगड़ने पर उसे सिविल अस्पताल-6 से पीजीआई रेफर किया गया, लेकिन वो बयान दर्ज करवाने की स्थिति में नहीं आ सकी. इसके बाद काजल ने दम तोड़ दिया. नतीजतन पुलिस काजल के बयान दर्ज नहीं कर सकी. रही अस्पताल प्रबंधन की जांच रिपोर्ट की बात तो उसमें क्या स्पष्ट हुआ है, इस बारे फिलहाल कोई भी डॉक्टर या पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.