पटनाः जिंदगी की अखाड़े में गरीबों को पटकनी देते हुए अन्नु गुप्ता ने कुश्ती में कामयाबी हासिल की. बहुत जल्द इनकी जिंदगी बदलने वाली है. बिहार सरकार बहुत जल्द मेडल लाओ नौकरी पाओ के तहत नौकरी देने वाली है. पटना में अन्नु ने ईटीवी भारत से बातचीच समाज के उस चेहरे को उजागर किया जो अभिशाप बना हुआ है. गांव की बेटी अगर कुछ करने के लिए आगे बढ़ती है तो ये समाज ताना देने में पीछे नहीं रहती है.
दंगल फिल्म से प्रेरितः ऐसा ही सफर अन्नु का भी रहा लेकिन इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज अपनी कामयाबी से ताना देने वाले समाज का मुंह बंद करने का काम किया. अन्नु बताती हैं कि 2016 में आई आमिर खान की फिल्म दंगल से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आई. आज कई गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी है. 2016 में ही साक्षी मलिक की कामयाबी को देखकर काफी हौसला मिला. उसी दिन ठान ली कि मैं भी कुश्ती में नाम कमाउंगी.
पहली कमाई 100 रुपएः ईटीवी भारत से बातचीच करते हुए बताया कि 2016 से पहले मैं एथलीट करती थी. एथलीट में भी राष्ट्रीय स्तर पर मेडल प्राप्त कर चुकी है लेकिन इसमें अपना भविष्य नहीं देखते हुए घर आ गई. गांव में दंगल हुआ करता था. पैसे के लालच में गांव में कुश्ती लड़ना शुरू की. जीतने पर 100, 200 रुपए मिल जाते थे, जिससे घर का राशन खरीदती थी. गांव की कुश्ती से ही आज यहां तक पहुंची है.
"जिला स्तर, स्टेट, राष्ट्रीय महिला पहलवानी में 21 गोल्ड मेडल जीत चुकी है. पिछले साल गोवा में नेशनल गेम ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त की. वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में लगातार दो बार बिहार कुमारी का खिताब जीती. 2021 में शाहाबाद केसरी का भी खिताब अपने नाम की." -अन्नु गुप्ता, पहलवान
'गांव के लोग मारते थे ताने': अनु ने कहा कि मैं जब कुश्ती खेलना शुरू की तो गांव वाले मुझे ताना मारते थे कि लड़की होकर कुश्ती खेलेगी. लेकिन मैं उनकी बातों की परवाह नहीं करती थी. मेरे घर की माली हालत ठीक नहीं है. मेरे मम्मी पापा का काफी सपोर्ट मिला. जो गांव के लोग ताने मारते थे वहीं आज देखकर खुशी जाहिर करते हैं क्योंकि मैं लगातार कुश्ती में मेडल जीत रही हूं.
5 लाख रुपए का कर्जः अन्नु ने कहा कि मुझे पहलवान बनने के लिए मेरे मम्मी पापा ने मुझ पर खर्च करने के लिए लगभग 5 लाख रुपए कर्ज लिए हैं. जमीन को भी गिरवी रखकर बैंक से लोन लिए हैं. अब मुझे उम्मीद है कि मुझे मेडल प्राप्त हुआ है तो सरकार के तरफ से नौकरी मिलेगी. इससे मैं अपने परिवार के भरण पोषण के साथ-साथ लोगों और बैंकों से लिए कर्ज को भी चुका सकूंगी.
बेटी की सफलता पर रोने लगे पिताः अन्नु के पिता भगवान शाह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रोने लगे. कहा कि जब मेरी बेटी कुश्ती खेलने जाती थी गांव के लोग ताना मारते थे. कहते थे कि बेटी को अकेले मत छोड़ो, भाग जाएगी, आपकी बदनामी होगी. लेकिन मैंने उस बातों पर ध्यान नहीं दिया. मैं अपने बेटी को कहती थी कि जैसे तुमको आगे बढ़ाना है बढ़ो हम पूरा सहयोग करेंगे.
"आज मुझे खुशी है कि हमारी बेटी मेडल जीत रही है अब गांव के लोग मुझे आदर से बुलाते हैं. बेटी को नौकरी मिलेगी तो हम जो कर्ज ले रखे हैं उसको चुकाऊंगा." -भगवान शाह, अन्नु के पिता
किराना दुकान चलाते हैं पिताः अन्नु के पिता भगवान शाह घर पर किराना दुकान चलाते हैं. भगवान शाह खुद टीवी पेशेंट हैं. अनु वर्तमान में अपनी करियर संवारने के लिए हरियाणा में ओलंपियन साक्षी मलिक के कोच रहे कुलदीप मलिक से ट्रेनिंग ले रही है. अन्नु कि इस सफलता पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन संकरण ने खुशी जतायी. कहा कि लड़की ने गरीबी से लड़कर यहां तक पहुंची है जो काबिले तारीफ है.
"इस वर्ष लोकसभा चुनाव है. लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद मेडल लाओ नौकरी पाओ के तहत नौकरी दी जाएगी. बिहार के खिलाड़ी हर खेल में आगे बढ़ रहे हैं. जिसका परिणाम है कि बिहार सरकार ने उन खिलाड़ियों के लिए मेडल लाओ नौकरी पाओ के तहत नौकरी दे रही है." -रविंद्रन संकरण, डीजी, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण
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