बलौदाबाजार: दामाखेड़ा में 21 करोड़ की लागत से कबीर सागर तालाब सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. कुछ दिनों पहले दामाखेड़ा में जोरदार बारिश हुई. तेज बारिश के चलते यहां बन रही दीवार अचानक ही भरभराकर गिर पड़ी. स्थानीय लोगों का कहना है कि दीवार को खड़ा करने में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया. अगर दीवार की नींव को मजबूत बनाया जाता तो दीवार नहीं गिरती. दीवार के गिरने की घटना पर निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार और अफसरों की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.
दामाखेड़ा में बन रही दीवार गिरी: कबीर सागर पर 21 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य कराया जा रहा है. निर्माण कार्य की स्वीकृति पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी थी. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां चल रहे निर्माण कार्य और यहां हुए नुकसान की देख रेख के लिए कभी कोई अधिकारी यहां नहीं आता है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा की थी कि दामाखेड़ा का नाम अब कबीर धाम के नाम से जाना जाएगा. दामाखेड़ा कबीर पंथियों के लिए बड़े आस्था की जगहों में एक रहा है. जिस जगह पर निर्माण कार्य चल रहा है उस जगह पर संत कबीर की प्रतिमा स्थापित होनी है. जिस वक्त यहां बन रही दीवार गिरी गनीमत रही कि वहां पर कोई मौजूद नहीं था, वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था.
दीवार गिरने पर उठे सवाल: कबीर सागर के भईतर बन रहे बाउंड्रीवाल गिरने पर अब उसके निर्माण और गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने शुरु हो गए हैं. स्थानीय लोगों ने दबी जुबान से निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किए जाने की बात कही है. कहा जा रहा है कि निर्माण में इंजीनियरों और ठेकेदारों ने घोर लापरवाही बरती है. निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग नहीं करना भी गुणवत्ता की कसौटी पर भारी पड़ा है.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर जांच दल गठित: दीवार गिरने की घटना को कलेक्टर दीपक सोनी ने गंभीरता से लिया है. कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है. जांच टीम अपर कलेक्टर के निर्देशन में काम करेगी. जांच दल में एसडीएम शिमगा अंशुल वर्मा, कार्यपालन अभियंता सहित कई अधिकारी इसमें शामिल किए गये हैं.