मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : कबर बिज्जू, कब्र कोदकर लाश खाने की वजह से ही इसे यह नाम मिला है. एमसीबी जिले के केल्हारी तहसील अन्तर्गत ग्राम केल्हारी में कबर बिज्जू देखे जाने के बाद दहशत का माहौल है. बीते दो दिन से यह जीव केल्हारी के रहवासी मकानों के आस-पास घूम रहा है, जिसके चलते ग्रामीण घबराए हुए हैं. गांववालों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी गई है.
रहवासी इलाके में घूम रहा है कबर बिज्जू : बीते दो दिन से केल्हारी बस स्टैंड के समीप रहवासी इलाकों में कबर बिज्जू को देखा गया है. जय श्री मेडिकल स्टोर के पीछे आवासीय इलाके में कबर बिज्जू ने डेरा जमा लिया है. वह दिन के उजाले में कहीं छुप जाता है. जैसे ही रात होती है, अंधेरे में सैर करने निकल जाता है. इस वजह से यहां आस पास रहने वाले लोग डरे हुए हैं. हालांकि, केल्हारी वन परिक्षेत्र के रेंजर रघुराज सिंह जल्द ही कबर बिज्जू को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ने की बात कही है.
खतरनाक जंगली जानवर है कबर बिज्जू : भारत में सिवेट या ग्रेव बडगर की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. सिवेट मांसाहारी स्तनधारी जीव हैं, जो विवर्रिडे परिवार से संबंधित हैं. टोडी बिल्लियों (Toddy Cat) के रूप में भी जाने जाते हैं. सिवेट निशाचर जानवर हैं, जो कई तरह के आवासों में रहते हैं.
अलग अलग नामों से जाना जाता है सीवेट : कबर बिज्जू को अलग अलग क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है. इसे दिल्ली में कब्र खोदने वाला कब्र बिज्जू, कोलकाता में बच्चा चुराने वाला भाम और महाराष्ट्र में प्याज चोर (कंडेचोर) के रूप में जाना जाता है. लोग सिवेट को 'बुरा शगुन' और उपद्रव करने वाले कीट भी मानते हैं. कई जगहों पर इसे
पर्यावरण के नजरिए से अहम है सीवेट : कबर बिज्जू जानवर पारिस्थितिकी तंत्र में अहम भूमिका निभाते हैं. सिवेट कृंतक आबादी को नियंत्रित करते हैं और बीजों के फैलाव में प्रमुख योगदानकर्ता होते हैं. क्योंकि वे मांस के अलावा अक्सर फल, जामुन और कॉफी बीन्स खाते हैं. कुछ सिवेट प्रजातियों को आश्रय और खाद्य संसाधनों की तलाश में मानव प्रधान जगहों में जाते हुए देखा गया है. देश में कई मौकों पर वाइल्डलाइफ एसओएस और रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सिवेट को बचाया है.