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जस्टिस मूलचंदानी ने राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर किया ज्वॉइन, कहा-मानवाधिकार उल्लंघन पर करेंगे कठोर कार्रवाई - Human rights commission

रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी ने शुक्रवार को राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण किया. इस अवसर पर जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि मानवाधिकार के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई करेंगे.

Retired judge gangaram mulchandani
रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 28, 2024, 4:20 PM IST

मानवाधिकार उल्लंघन पर क्या बोले नए राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राज्य मानवाधिकार आयोग के रिक्त पड़े पद पर रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी की नियुक्ति को राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वीकृति दी. स्वीकृति आदेश के दूसरे दिन जस्टिस मूलचंदानी ने दोपहर करीब 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में कार्यभार ग्रहण किया. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने अपने संकल्प और कार्य योजनाओं को स्पष्ट करते हुए मानव अधिकारों की सुरक्षा और जनमानस की समस्याओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया. इसके साथ उन्होंने कहा कि लोगों के मानवाधिकार सुरक्षित और संरक्षित रहें, इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाएंगे.

मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता: जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं और मानव अधिकारों से संबंधित बिंदुओं को विधायी परिप्रेक्ष्य में स्थायी और प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा. जस्टिस मूलचंदानी ने वर्तमान समय में पब्लिक लाइफ में मूल्यों की कमी पर चिंता जताई और कहा कि लोग अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं और विधायी प्रावधानों का पालन न करके उनका उल्लंघन कर रहे हैं.

पढ़ें: सेवानिवृत न्यायाधीश गंगाराम मूलचंदानी होंगे राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष - Human rights commission

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानव अधिकारों का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है और इन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए आयोग प्रभावी कार्रवाई करेगा. जहां भी मानव अधिकारों के उल्लंघन की शिकायत आएंगी, वहां अनुसंधान किया जाएगा. जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि वह स्वयं इन शिकायतों को देखेंगे, विशेषकर कस्टोडियल परेशानियों के मामले में, अगर पुलिस की ओर से किसी प्रकार का मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है और यह आयोग के संज्ञान में आता है, तो इस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: Rajasthan Right To Health bill: मानवाधिकार आयोग ने लिया प्रसंज्ञान, डॉक्टरों ने निकाला मशाल जुलूस

मानवाधिकारों के मामले में पेंडेंसी होगी कम: आयोग में लम्बे समय से पेंडिंग मामलों को लेकर जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और सभी के सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द विधिसम्मत रूप से निपटाया जाएगा. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रगति होगी. बता दें कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993, (मानवाधिकार संरक्षण, (संशोधन) अधिनियम 2019 अधिनियम संरक्षण 19, 2019 द्वारा संशोधित) की धारा 22 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गुरुवार को सेवानिवृत्त न्यायाधीश गंगाराम मूलचंदानी मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और पूर्व IPS अशोक गुप्ता मानवाधिकार आयोग के सदस्य नियुक्त किया था. जिसमें ये दोनों पद धारण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो के लिए यह नियुक्ति की है.

मानवाधिकार उल्लंघन पर क्या बोले नए राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राज्य मानवाधिकार आयोग के रिक्त पड़े पद पर रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी की नियुक्ति को राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वीकृति दी. स्वीकृति आदेश के दूसरे दिन जस्टिस मूलचंदानी ने दोपहर करीब 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में कार्यभार ग्रहण किया. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने अपने संकल्प और कार्य योजनाओं को स्पष्ट करते हुए मानव अधिकारों की सुरक्षा और जनमानस की समस्याओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया. इसके साथ उन्होंने कहा कि लोगों के मानवाधिकार सुरक्षित और संरक्षित रहें, इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाएंगे.

मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता: जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं और मानव अधिकारों से संबंधित बिंदुओं को विधायी परिप्रेक्ष्य में स्थायी और प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा. जस्टिस मूलचंदानी ने वर्तमान समय में पब्लिक लाइफ में मूल्यों की कमी पर चिंता जताई और कहा कि लोग अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं और विधायी प्रावधानों का पालन न करके उनका उल्लंघन कर रहे हैं.

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उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानव अधिकारों का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है और इन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए आयोग प्रभावी कार्रवाई करेगा. जहां भी मानव अधिकारों के उल्लंघन की शिकायत आएंगी, वहां अनुसंधान किया जाएगा. जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि वह स्वयं इन शिकायतों को देखेंगे, विशेषकर कस्टोडियल परेशानियों के मामले में, अगर पुलिस की ओर से किसी प्रकार का मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है और यह आयोग के संज्ञान में आता है, तो इस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

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मानवाधिकारों के मामले में पेंडेंसी होगी कम: आयोग में लम्बे समय से पेंडिंग मामलों को लेकर जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और सभी के सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द विधिसम्मत रूप से निपटाया जाएगा. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रगति होगी. बता दें कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993, (मानवाधिकार संरक्षण, (संशोधन) अधिनियम 2019 अधिनियम संरक्षण 19, 2019 द्वारा संशोधित) की धारा 22 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गुरुवार को सेवानिवृत्त न्यायाधीश गंगाराम मूलचंदानी मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और पूर्व IPS अशोक गुप्ता मानवाधिकार आयोग के सदस्य नियुक्त किया था. जिसमें ये दोनों पद धारण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो के लिए यह नियुक्ति की है.

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