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हजारीबाग में पुलिस पदाधिकारी को न्यायिक पदाधिकारी ने दी ट्रेनिंग, मिले अहम टिप्स - POLICE OFFICER TRAINING

हजारीबाग में डालसा की ओर से पुलिस पदाधिकारियों को खास ट्रेनिंग दी गई. कार्यक्रम में पीड़िता, दुर्घटना समेत अन्य मामलों पर जानकारी दी गई.

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प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 20, 2024, 2:10 PM IST

हजारीबाग: जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से सिविल कोर्ट परिसर में प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न थानों के कई अनुसंधानकर्ता और आरक्षियों ने भाग लिया. इसके साथ ही न्याय व्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें सीडब्ल्यूसी के सदस्य, एलएडीसी के सदस्य, अभियोजन के सदस्य व मध्यस्थ मौजूद थे. इस कार्यक्रम में कई कानून की बारीकियों से सभी को अवगत कराया गया.

जांच में होने वाली परेशानियों का मिला समाधान

इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं और अन्य हितधारकों को विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में अनुसंधानकर्ता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता के साथ मित्रवत व्यवहार करने और सबसे पहले उन्हें मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही.

जानकारी देते डालसा सचिव और एसडीपीओ (ETV BHARAT)

प्रशिक्षण सह जागरूकता अभियान के दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने जांच के दौरान आने वाली कठिनाइयों को भी सभी के समक्ष रखा, जिसका सटीक समाधान उन्हें बताया गया. मंच का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना और न्यायिक दंडाधिकारी जूही कुमारी ने किया.

डालसा सचिव गौरव खुराना ने भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां अनुसंधानकर्ताओं को दी और कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी दिया. वहीं, जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशाल कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं को पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता का बयान, उसका मेडिकल टेस्ट और चार्जशीट जमा करने की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी.

साथ ही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम दीपक कुमार मल्लिक ने मोटर यान दुर्घटना से संबंधित नए कानून और उससे जुड़ी समय सीमा के बारे में विस्तारपूर्वक अनुसंधानकर्ताओं को बताया और लोगों को इसका ध्यान रखते की नसीहत दी.

इसके अलावा अधिवक्ता नवनीश चंद्र प्रसाद ने महिलाओं से जुड़े कई कानून के बारे में सभी को जानकारी दी. जबकि विशेष लोक अभियोजक रमेश कुमार ने एनडीपीएस से संबंधित कानून और उसमें अनुसंधान की बारीकियों से उन्हें अवगत कराया. इस मौके पर एडिशनल एसपी अमित कुमार ने भी अनुसंधानकर्ताओं को एनडीपीएस कानून के तहत सामानों को जब्त करने, अभियुक्त की गिरफ्तारी करने और सामानों को सील करने की प्रक्रियाओं का विस्तारपूर्वक जिक्र किया.

ये भी पढ़ें: जन शिकायत समाधान कार्यक्रमः कई समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान, हजारीबाग पुलिस ने सुनी दिव्यांग फरियादी की समस्या

ये भी पढ़ें: हजारीबाग में अपराधियों का तांडव, सरेआम गोली मारकर कर दी प्रखंड प्रमुख के पति की हत्या

हजारीबाग: जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से सिविल कोर्ट परिसर में प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न थानों के कई अनुसंधानकर्ता और आरक्षियों ने भाग लिया. इसके साथ ही न्याय व्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें सीडब्ल्यूसी के सदस्य, एलएडीसी के सदस्य, अभियोजन के सदस्य व मध्यस्थ मौजूद थे. इस कार्यक्रम में कई कानून की बारीकियों से सभी को अवगत कराया गया.

जांच में होने वाली परेशानियों का मिला समाधान

इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं और अन्य हितधारकों को विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में अनुसंधानकर्ता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता के साथ मित्रवत व्यवहार करने और सबसे पहले उन्हें मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही.

जानकारी देते डालसा सचिव और एसडीपीओ (ETV BHARAT)

प्रशिक्षण सह जागरूकता अभियान के दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने जांच के दौरान आने वाली कठिनाइयों को भी सभी के समक्ष रखा, जिसका सटीक समाधान उन्हें बताया गया. मंच का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना और न्यायिक दंडाधिकारी जूही कुमारी ने किया.

डालसा सचिव गौरव खुराना ने भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां अनुसंधानकर्ताओं को दी और कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी दिया. वहीं, जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशाल कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं को पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता का बयान, उसका मेडिकल टेस्ट और चार्जशीट जमा करने की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी.

साथ ही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम दीपक कुमार मल्लिक ने मोटर यान दुर्घटना से संबंधित नए कानून और उससे जुड़ी समय सीमा के बारे में विस्तारपूर्वक अनुसंधानकर्ताओं को बताया और लोगों को इसका ध्यान रखते की नसीहत दी.

इसके अलावा अधिवक्ता नवनीश चंद्र प्रसाद ने महिलाओं से जुड़े कई कानून के बारे में सभी को जानकारी दी. जबकि विशेष लोक अभियोजक रमेश कुमार ने एनडीपीएस से संबंधित कानून और उसमें अनुसंधान की बारीकियों से उन्हें अवगत कराया. इस मौके पर एडिशनल एसपी अमित कुमार ने भी अनुसंधानकर्ताओं को एनडीपीएस कानून के तहत सामानों को जब्त करने, अभियुक्त की गिरफ्तारी करने और सामानों को सील करने की प्रक्रियाओं का विस्तारपूर्वक जिक्र किया.

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