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ज्ञानवापी प्रकरणः वजूखाना के सर्वे मामले की सुनवाई से जज मनीष कुमार ने खुद को किया अलग

ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'शिवलिंग' को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र के सर्वे को लेकर दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई से हाईकोर्ट के जज मनीष कुमार निगम ने स्वयं को अलग कर लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 6:21 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने गुरुवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'शिवलिंग' को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र के सर्वे को लेकर दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया है. वाराणसी के जिला जज के गत 21 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली इस पुनरीक्षण याचिका पर अब 31 जनवरी को सुनवाई होगी. वाराणसी अदालत ने गत 21 अक्टूबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'शिव लिंग' को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था.

श्रृंगार गौरी पूजा मुकदमे में वादी में से एक राखी सिंह की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका के अनुसार वाराणसी अदालत के समक्ष अर्जी दाखिल कर कहा था कि 'शिवलिंग' को छोड़कर वजूखाना का सर्वेक्षण विवादित संपत्ति के धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए आवश्यक है. इसलिए वहां के सर्वे के लिए एएसआई को निर्देशित किया जाए. जिला न्यायाधीश ने याची की अर्जी खारिज करते हुए आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को उस क्षेत्र की विधिवत सुरक्षा करने का आदेश दिया था. जहां 'शिव लिंग' पाया गया है, इसलिए एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है. क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने गुरुवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'शिवलिंग' को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र के सर्वे को लेकर दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया है. वाराणसी के जिला जज के गत 21 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली इस पुनरीक्षण याचिका पर अब 31 जनवरी को सुनवाई होगी. वाराणसी अदालत ने गत 21 अक्टूबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'शिव लिंग' को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था.

श्रृंगार गौरी पूजा मुकदमे में वादी में से एक राखी सिंह की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका के अनुसार वाराणसी अदालत के समक्ष अर्जी दाखिल कर कहा था कि 'शिवलिंग' को छोड़कर वजूखाना का सर्वेक्षण विवादित संपत्ति के धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए आवश्यक है. इसलिए वहां के सर्वे के लिए एएसआई को निर्देशित किया जाए. जिला न्यायाधीश ने याची की अर्जी खारिज करते हुए आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को उस क्षेत्र की विधिवत सुरक्षा करने का आदेश दिया था. जहां 'शिव लिंग' पाया गया है, इसलिए एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है. क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.

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