रायपुर: संयुक्त शिक्षक संघ का कहना है कि ''मोदी की गारंटी'' का खुला उलंघन हो रहा है. साल 2018 में युक्तियुक्तकरण किया जा चुका है. जिस पर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र 2023 की “मोदी की गारंटी” में ये कहा गया था कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 57000 रिक्त पदों पर शिक्षक भर्ती होगी. यह पद सेटअप 2008 अनुसार ही स्वीकृत है. साथ ही ये भी कहा गया है कि पूर्व में सरकार द्वारा बंद किए गए स्कूल को फिर से खोले जाएंगे.
''मोदी की गारंटी का है खुला उल्लंघन'': संयुक्त शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि स्कूल खोले जाने की जगह स्कूलों को बंद किया जा रहा है. इस तरह यह युतियुक्तकरण “मोदी की गारंटी” का खुला उलंघन है. विसंगति पूर्ण युतियुक्तकरण और ऑनलाइन अवकाश स्वीकृति के विरोध में, शिक्षक एलबी संवर्ग की मुख्य मांग "प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करते हुए वेतन विसंगति दूर कर, क्रमोन्नति, पदोन्नति, पुरानी पेंशन, अवकाश गणना सहित शिक्षा विभाग में निहित सभी लाभ देने की मांग कर रहे हैं.
"इस युक्तियुक्तकरण से छत्तीसगढ़ की शिक्षा का स्तर पूरी तरह से कमजोर होगा. शिक्षक बड़ी संख्या में प्रभावित और परेशान होंगे. पदोन्नति के पद बहुत ही कम हो जाएंगे. जिससे शिक्षकों को पदोन्नति का अवसर प्राप्त नहीं हो पाएगा. यह वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत 2008 के सेटअप पूरी तरह से विपरीत है. इसमें शिक्षा का अधिकार कानून और नई शिक्षा नीति का पालन नहीं किया गया है. इसके साथ ही ऑनलाइन अवकाश स्वीकृति से शिक्षकों को काफी परेशानी होगी और अपने पारिवारिक तथा सामाजिक दायित्व के निर्वहन में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा''. - केदार जैन, प्रदेश अध्यक्ष, संयुक्त शिक्षक संघ
शिक्षा सचिव और सीएम के नाम ज्ञापन: संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदर्शन में संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन, प्रांतीय पदाधिकारी ममता खालसा, ओमप्रकाश बघेल,अर्जुन रत्नाकर, गिरजा शंकर शुक्ला, सोहन यादव, माया सिंह, नरोत्तम चौधरी, रूपानंद पटेल, ताराचंद जायसवाल, विजय राव, हरीश सिन्हा, अमित दुबे, शहादत अली मौजूद रहे.