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ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक कर्मचारियों का 9 सूत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल - union bank Employee strike

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

रायपुर में ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक कर्मचारियों ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल किया है. इस दौरान बैंक में ग्राहकों को काफी परेशानी हुई.

union bank Employee nationwide strike in Raipur
यूनियन बैंक कर्मचारियों की हड़ताल (ETV Bharat)

रायपुर: रायपुर सहित पूरे देश में ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल किया है. इसमें AIUBSF, AIUBEF, UBSA, और UBIEU दिल्ली के सदस्यों ने भी भाग लिया. इस हड़ताल की प्रमुख बिंदुओं में क्लर्क की भर्ती न होना, कैजुअल कर्मचारियों को वर्षों के काम के बाद भी रेगुलर ना करना शामिल है. इसके साथ ही बहुत कम वेतन 100 से 200 रुपए रोजाना में काम करवाने जैसी 9 सूत्रीय मांग शामिल है.

हड़ताल के कारण ग्राहक हुए परेशान: बैंक कर्मियों की हड़ताल की वजह से यूनियन बैंक के ब्रांच में स्टाफ कम थे, जिससे ग्राहकों को काफी परेशानी हुई. वहीं, हड़ताल के दौरान यूनियन बैंक की कर्मचारी खुशबू गर्ग ने बताया कि बैंक की ओर से क्लर्क और सब स्टाफ की भर्ती पर कई वर्षों से रोक लगाकर रखी गई है. यूनियन बैंक में बचे कर्मचारियों पर ज्यादा काम का दबाव बनाया जा रहा है.

ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक कर्मचारियों की हड़ताल (ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन)

मैनेजमेंट के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की हड़ताल: संगठन के महासचिव नरेंद्र पाटिल ने कहा कि देशभर में स्टाफ की कमी और कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव के विरोध में हम हड़ताल पर बैठे हैं. यदि मैनेजमेंट की ओर से कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो आगे भी इस तरह के हड़ताल किए जाएंगे. यूनियन बैंक के इतिहास में शायद ही कभी ऐसा हुआ होगा, जब बैंक के कर्मचारी अपने ही मैनेजमेंट के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल कर रहे हैं. स्टाफ की कमी के कारण ट्रांसफर हुए स्टाफ को दूसरा स्टाफ नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही छुट्टी लेने पर भी स्टाफ की कमी का हवाला दिया जाता है.

बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है. ऐसे में बैंक में स्टाफ नहीं होंगे तो इससे न केवल ब्रांच में पदस्थ स्टाफ बल्कि ग्राहकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि स्टाफ की कमी की वजह से ग्राहकों का काम भी प्रभावित होता है.: पोषण साहू, सचिव, यूनियन बैंक एम्पलाइज ऑर्गनाइजेशन

ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक की 9 सूत्री मांग:

  • आईबीपीएस के माध्यम से क्लर्क की पर्याप्त भर्ती की जाए.
  • क्लर्क भर्ती में अप्रेंटिस प्रणाली की शुरुआत नहीं.
  • आकस्मिक कर्मचारियों के अवशोषण के माध्यम से उप कर्मचारियों की भर्ती.
  • सभी संवर्गों में अनुकंपा नियुक्ति को संबंधित संवर्ग में रिक्तियों की पहचान से अलग किया जाना चाहिए.
  • जहां रिक्तियां और अनुरोध दोनों मौजूद है, वहां पर ट्रांसफर आदेश जल्द से जल्द जारी करना अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरण के लिए सभी आवेदनों का पारदर्शिता के साथ निपटारा करना और रिलीविंग के माध्यम से सभी अनुरोध स्थान कारण आदेशों का जल्द से जल्द क्रियान्वयन करना.
  • न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम मजदूरी का भुगतान और बोनस अधिनियम 1965 के तहत बोनस का भुगतान आकस्मिक कर्मचारियों को किया जाना चाहिए.
  • द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करने वाली आउटसोर्सिंग नहीं.
  • मानव संसाधन प्रशासन में बैंक के नियमों नीतियों का उल्लंघन नहीं.
  • 23 जून 2023 को केंद्रीय कार्यालय में संयुक्त फॉर्म के साथ चर्चा के दौरान सहमति मुद्दों का क्रियान्वयन.
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हड़ताल के कारण ग्राहक हुए परेशान: बैंक कर्मियों की हड़ताल की वजह से यूनियन बैंक के ब्रांच में स्टाफ कम थे, जिससे ग्राहकों को काफी परेशानी हुई. वहीं, हड़ताल के दौरान यूनियन बैंक की कर्मचारी खुशबू गर्ग ने बताया कि बैंक की ओर से क्लर्क और सब स्टाफ की भर्ती पर कई वर्षों से रोक लगाकर रखी गई है. यूनियन बैंक में बचे कर्मचारियों पर ज्यादा काम का दबाव बनाया जा रहा है.

ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक कर्मचारियों की हड़ताल (ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन)

मैनेजमेंट के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की हड़ताल: संगठन के महासचिव नरेंद्र पाटिल ने कहा कि देशभर में स्टाफ की कमी और कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव के विरोध में हम हड़ताल पर बैठे हैं. यदि मैनेजमेंट की ओर से कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो आगे भी इस तरह के हड़ताल किए जाएंगे. यूनियन बैंक के इतिहास में शायद ही कभी ऐसा हुआ होगा, जब बैंक के कर्मचारी अपने ही मैनेजमेंट के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल कर रहे हैं. स्टाफ की कमी के कारण ट्रांसफर हुए स्टाफ को दूसरा स्टाफ नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही छुट्टी लेने पर भी स्टाफ की कमी का हवाला दिया जाता है.

बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है. ऐसे में बैंक में स्टाफ नहीं होंगे तो इससे न केवल ब्रांच में पदस्थ स्टाफ बल्कि ग्राहकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि स्टाफ की कमी की वजह से ग्राहकों का काम भी प्रभावित होता है.: पोषण साहू, सचिव, यूनियन बैंक एम्पलाइज ऑर्गनाइजेशन

ज्वाइंट फोरम ऑफ यूनियन बैंक की 9 सूत्री मांग:

  • आईबीपीएस के माध्यम से क्लर्क की पर्याप्त भर्ती की जाए.
  • क्लर्क भर्ती में अप्रेंटिस प्रणाली की शुरुआत नहीं.
  • आकस्मिक कर्मचारियों के अवशोषण के माध्यम से उप कर्मचारियों की भर्ती.
  • सभी संवर्गों में अनुकंपा नियुक्ति को संबंधित संवर्ग में रिक्तियों की पहचान से अलग किया जाना चाहिए.
  • जहां रिक्तियां और अनुरोध दोनों मौजूद है, वहां पर ट्रांसफर आदेश जल्द से जल्द जारी करना अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरण के लिए सभी आवेदनों का पारदर्शिता के साथ निपटारा करना और रिलीविंग के माध्यम से सभी अनुरोध स्थान कारण आदेशों का जल्द से जल्द क्रियान्वयन करना.
  • न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम मजदूरी का भुगतान और बोनस अधिनियम 1965 के तहत बोनस का भुगतान आकस्मिक कर्मचारियों को किया जाना चाहिए.
  • द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करने वाली आउटसोर्सिंग नहीं.
  • मानव संसाधन प्रशासन में बैंक के नियमों नीतियों का उल्लंघन नहीं.
  • 23 जून 2023 को केंद्रीय कार्यालय में संयुक्त फॉर्म के साथ चर्चा के दौरान सहमति मुद्दों का क्रियान्वयन.
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