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हरियाणा बीजेपी के खिलाफ संयुक्त किसान-मजदूर की महापंचायत, 17 सितंबर को 'बीजेपी को हराने का संकल्प अभियान' करेंगे शुरू - Joint Farmer Laborer Mahapanchayat

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 7, 2024, 7:16 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 8:34 PM IST

Joint Farmer Laborer Mahapanchayat: हरियाणा में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ किसान-मजदूर एकत्रित हो रहे हैं. शनिवार को हुई महापंचायत में संयुक्त किसान-मजदूर ने फैसला किया है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए हर हाल में लड़ेंगे और 17 सितंबर से गांव-गांव जाकर बीजेपी को हराने का संकल्प अभियान शुरू करेंगे.

Joint Farmer Laborer Mahapanchayat
Joint Farmer Laborer Mahapanchayat (Etv Bharat)
हरियाणा बीजेपी के खिलाफ संयुक्त किसान-मजदूर की महापंचायत (Etv Bharat)

हिसार: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, हरियाणा के मजदूर, किसान आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने की रणनीति लगभग तैयार कर चुके हैं. मजदूर-किसानों का कहना है कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंग. यह संकल्प संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय मजदूर संगठनों की संयुक्त किसान-मजदूर महापंचायत में लिया गया. प्रदेशभर से हजारों मजदूरों वे किसानों ने तय किया है कि 17 सितंबर को प्रदेश के तमाम गांवों में जाकर मजदूर किसान पंचायत आयोजित कर बीजेपी को हराने का संकल्प अभियान शुरू किया जाएगा.

बीजेपी के खिलाफ रोष: किसानों-मजदूरों की यह महापंचायत हिसार की अनाज मंडी में आयोजित की गई. इसकी अध्यक्षता प्रदेश के किसान, मजदूर, कर्मचारी संगठनों के संयुक्त अध्यक्ष मंडल ने की. महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा व मजदूर संगठनों के राष्ट्रीय नेता जोगेंद्र सिंह उग्राह. पी कृष्णा प्रसाद आदि ने की. इस दौरान उन्होंने इस महापंचायत को संबोधित किया और कहा कि पिछले 5 साल से बीजेपी ने किसानों और मजदूरों पर केवल दमन किया है.

'किसानों-मजदूरों पर बीजेपी ने दमन किया': उन्होंने कहा कि 5 सालों से बीजेपी का यह रवैया पूरे देश और दुनिया ने देखा है. कोविड महामारी के दौरान जब देश में नागरिक बिना दवाइयों और इलाज के मारे जा रहे थे, उसी समय किसानी और खेती को बर्बाद करने के लिए तीन कृषि कानून पारित किए गए. मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए चार लेबर कोड्स पास किए गए. इतना ही नहीं, बीजेपी ने देश- प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी विभागों को तबाह किया है और उन्हें बड़े-बड़े कॉरपोरेट घरानों को सौंपा है. अभियान के जरिए इन मुद्दों को आगामी विधानसभा चुनावों में प्रमुख रूप से उठाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने पर भड़के बृजभूषण शरण सिंह, बोले - खिलाड़ियों का नहीं था आंदोलन, रची गई थी साजिश - Brijbhushan Sharan Singh

ये भी पढ़ें: हरियाणा विधानसभा चुनाव: पंचकूला और कालका सीट पर जातीय समीकरण बड़ा फैक्टर, जानिए किसके हाथ में है जीत की कुंजी! - Caste equation

हरियाणा बीजेपी के खिलाफ संयुक्त किसान-मजदूर की महापंचायत (Etv Bharat)

हिसार: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, हरियाणा के मजदूर, किसान आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने की रणनीति लगभग तैयार कर चुके हैं. मजदूर-किसानों का कहना है कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंग. यह संकल्प संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय मजदूर संगठनों की संयुक्त किसान-मजदूर महापंचायत में लिया गया. प्रदेशभर से हजारों मजदूरों वे किसानों ने तय किया है कि 17 सितंबर को प्रदेश के तमाम गांवों में जाकर मजदूर किसान पंचायत आयोजित कर बीजेपी को हराने का संकल्प अभियान शुरू किया जाएगा.

बीजेपी के खिलाफ रोष: किसानों-मजदूरों की यह महापंचायत हिसार की अनाज मंडी में आयोजित की गई. इसकी अध्यक्षता प्रदेश के किसान, मजदूर, कर्मचारी संगठनों के संयुक्त अध्यक्ष मंडल ने की. महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा व मजदूर संगठनों के राष्ट्रीय नेता जोगेंद्र सिंह उग्राह. पी कृष्णा प्रसाद आदि ने की. इस दौरान उन्होंने इस महापंचायत को संबोधित किया और कहा कि पिछले 5 साल से बीजेपी ने किसानों और मजदूरों पर केवल दमन किया है.

'किसानों-मजदूरों पर बीजेपी ने दमन किया': उन्होंने कहा कि 5 सालों से बीजेपी का यह रवैया पूरे देश और दुनिया ने देखा है. कोविड महामारी के दौरान जब देश में नागरिक बिना दवाइयों और इलाज के मारे जा रहे थे, उसी समय किसानी और खेती को बर्बाद करने के लिए तीन कृषि कानून पारित किए गए. मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए चार लेबर कोड्स पास किए गए. इतना ही नहीं, बीजेपी ने देश- प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी विभागों को तबाह किया है और उन्हें बड़े-बड़े कॉरपोरेट घरानों को सौंपा है. अभियान के जरिए इन मुद्दों को आगामी विधानसभा चुनावों में प्रमुख रूप से उठाया जाएगा.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 8:34 PM IST
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