जोधपुर : विदेश में नौकरी कर रहे एक युवक की मौत के बाद उसके शव को देश लाने के लिए परिजनों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है. जिस संस्थान में युवक नौकरी करता था, उसके मालिक ने साफ कर दिया है कि शव को यहां भेजने में काफी वक्त लगेगा. ऐसे में वो वहीं उसका अंतिम संस्कार करने की बात कह रहे हैं. हालांकि, परिजन इसके लिए तैयार नहीं हैं और भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, ताकि शव को यहां लाया जा सके. साथ ही स्थानीय प्रशासन के अलावा कांगो एंबेसी और विदेश मंत्रालय को भी इसकी सूचना दी गई है.
दरअसल, शहर के प्रतापनगर सदर थाना क्षेत्र के इंदिरा कॉलोनी निवासी रमेश राठौड़ के बेटे महेंद्र कुमार राठौड़ (25) गत वर्ष अकाउंटेंट की जॉब के लिए कांगो गए थे. महेंद्र का तीन साल का वर्क एग्रीमेंट था. लगातार पिता की महेंद्र से बात होती थी, लेकिन कुछ दिनों पहले पता चला कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इसके चलते उसे गत शनिवार को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इस दौरान एक बार महेंद्र से बात भी हुई. उसने बताया कि उसके अपेंडिक्स की नस पेट में फट गई है. भाई मनीष और पिता ने बताया कि एक बार वीडियो कॉल से बात हुई थी. उस वक्त वो आईसीयू में भर्ती था और उसे ऑक्सीजन चल रही थी. हालांकि, शुक्रवार तक वहां के स्टाफ जल्द छुट्टी मिलने की बात कह रहे थे, लेकिन शनिवार को दोपहर के समय फोन आया कि महेंद्र की साइलेंट अटैक आने से मौत हो गई.
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मृतक के भाई मनीष राठौड़ ने बताया कि पहले कंपनी के मालिक ने कहा था कि वो शव को यहां भेजने में पूरी मदद करेंगे, लेकिन आज उन्होंने मंकी पॉक्स फैलने होने की वजह से अधिक खर्च होने की बात कही. साथ ही कहा गया कि अगर वो प्रयास करते भी हैं तो उन्हें शव को यहां भेजने में कम से कम एक महीने का समय लग सकता है. ऐसे में वो वहां अंतिम संस्कार करवा देते हैं और परिजनों को वीडियो कॉलिंग के जरिए अंतिम दर्शन करा देंगे.
परिजन कल कलेक्टर को देंगे ज्ञापन : अपने जवान बेटे की मौत की जानकारी मिलने के बाद से उसकी मां बेसुध है. पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है. आसपास के लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं. इधर, परिजनों की ओर से कहा गया कि अभी तक उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है. ऐसे में सोमवार को वो जिला कलेक्टर से मिलकर उन्हें घटना से अवगत कराएंगे. साथ ही ज्ञापन सौंपेंगे.