पलामूः एक फिल्म बनती है जिसमें कहा जाता है कि जेएनयू के छात्रों को सड़क पर खड़ा कर गोली मार देना चाहिए. केंद्र सरकार भी यह चाहती है कि इन छात्रों को गोली मार दी जाए. जेएनयू में पढ़ने वाले छात्र कहां से आते है, जेएनयू में पढ़ने वाले छात्र गरीब परिवारों से होते हैं. ये तमाम बातें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने पलामू में मीडिया के साथ बात करते हुए कही हैं.
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय सोमवार को पलामू के दौरे पर मनातू आए. जिला के अति नक्सल प्रभावित इलाका मनातू में उन्होंने डिग्री कॉलेज को लेकर किए जा रहे आंदोलन में भाग लिया. इस आंदोलन में छात्रों का साथ देने के बाद वह पलामू सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत की. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि सरकार की पॉलिसी छात्र विरोधी है, लगातार बड़े यूनिवर्सिटी पर हमले किए जा रहे हैं. एक फिल्म बनती है और कहा जाता है कि जेएनयू के छात्रों को सड़क पर खड़ा कर गोली मार देना चाहिए सरकार भी यही सोचती है. छात्र अधिकार को लेकर लड़ाई लड़ने वालों पर यूएपीए के तहत मुकदमा किया जाता है.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, एजेंसी में लोगो की कैसे होती है भर्ती
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और एजेंसी और कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा किया है. धनंजय ने कहा कि देश भर के 40 से अधिक परीक्षाएं लेने की जिम्मेदारी एनटीए पर है. 2017 में इसका गठन हुआ था लेकिन इसमें शामिल होने वाले लोग कौन हैं. आखिर उनकी भर्ती कैसे होती है, नीट जैसी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो रहे हैं. केंद्र सरकार की नीतियों ने एनटीए को बर्बाद कर दिया है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी सीयूईटी के कारण गरीब छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है वे छात्र फॉर्म तक नहीं भर पा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- जेएसएससी पीजीटी परीक्षा विवादपर छात्रों का आंदोलन जारी, आयोग ने साधी चुप्पी! जानिए कैसे हुई गड़बड़ी - JSSC PGT exam