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जेएनयू छात्र संघ चुनावः एक मतदाता को मिलते हैं पांच बैलेट पेपर, जानिए किस तरह होता है मतदान - JNU student union election 2024

JNU student union election 2024: जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए 22 मार्च को मतदान और 24 मार्च को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित होंगे. जानिए यहां किस तरह से होता है मतदान..

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 19, 2024, 5:08 PM IST

नई दिल्लीः जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जुटे हुए हैं. मंगलवार रात को एबीवीपी और लेफ्ट दोनों छात्र संगठनों द्वारा मशाल जुलूस का निकाला जाएगा. वहीं बुधवार को अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के बीच डिबेट होगी. अध्यक्षीय डिबेट जेएनयू छात्र संघ चुनाव में एक आकर्षण का केंद्र होता है. इसके बाद 21 को चुनाव प्रचार बंद रहेगा. 22 मार्च को मतदान होगा और फिर 24 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होंगे.

ये भी पढ़ें: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: एबीवीपी के बाद लेफ्ट के भी उम्मीदवार घोषित, सेंट्रल पैनल के लिए चुनावी मैदान में कुल 19 प्रत्याशी

इसके साथ ही जेएनयू को एक नवनिर्वाचित छात्र संघ मिलेगा. जेएनयू छात्र संघ में मतदान की प्रक्रिया क्या है इसके बारे में ईटीवी भारत विस्तार से बताने जा रहा है. बता दें कि जेएनयू में 13 अलग-अलग स्कूल हैं. इन स्कूलों में बने मतदान केंद्रों पर ही मतदान होता है. इस बार के चुनाव में कल 7751 छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए योग्य हैं. जेएनयू के छात्र अंबुज मिश्र ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर बैलेट पेपर से वोट डाले जाते हैं.

ऐसे डाले जाते हैं वोट
जेएनयू के छात्र और कई चुनावों में मतदान कर चुके अंबुज मिश्र ने बताया कि जो भी मतदाता जिस स्कूल का छात्र/छात्रा है उसका वोट वहां की वोटर लिस्ट में होता है. जब कोई मतदाता अपने संबंधित मतदान केंद्र पर वोट डालने जाता है तो उसके पास जेएनयू का आईडी कार्ड होना आवश्यक है. अपना आईडी कार्ड दिखाने के बाद मतदाता को सेंट्रल पैनल के चार पदों के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के चार अलग-अलग बैलेट पेपर मिलते हैं.

साथ ही काउंसलर का चुनाव लड़ रहे संबंधित स्कूल के प्रत्याशियों के नाम का एक अलग बैलेट पेपर मिलता है. इस तरह एक मतदाता को कुल मिलाकर पांच बैलेट पेपर मिलते हैं. इन बैलेट पेपर पर पदवार सभी प्रत्याशियों के नाम लिखे रहते हैं. जिस मतदाता को जिस प्रत्याशी को वोट देना होता है वो उसके नाम के आगे मुहर लगा देता है और उसका वोट पड़ जाता है. मुहर लगाने के बाद बैलेट पेपर को इस तरह से मोड़ना अनिवार्य होता है कि उस पर दूसरी तरफ स्याही न लगे. इसके बाद बैलेट पेपर को बैलेट बॉक्स में डाल दिया जाता है.

पिछले चुनाव में हुआ था रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान

बता दें कि चार साल पहले वर्ष 2019 में हुए जेएनयू छात्र संघ चुनाव में रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान हुआ था. कुल 5760 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

ये भी पढ़ें: जेएनयू में चुनाव प्रचार जोरों पर, अलग-अलग अंदाज में लोगों को साध कर छात्र संगठन कर रहे वोट अपील



नई दिल्लीः जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जुटे हुए हैं. मंगलवार रात को एबीवीपी और लेफ्ट दोनों छात्र संगठनों द्वारा मशाल जुलूस का निकाला जाएगा. वहीं बुधवार को अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के बीच डिबेट होगी. अध्यक्षीय डिबेट जेएनयू छात्र संघ चुनाव में एक आकर्षण का केंद्र होता है. इसके बाद 21 को चुनाव प्रचार बंद रहेगा. 22 मार्च को मतदान होगा और फिर 24 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होंगे.

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इसके साथ ही जेएनयू को एक नवनिर्वाचित छात्र संघ मिलेगा. जेएनयू छात्र संघ में मतदान की प्रक्रिया क्या है इसके बारे में ईटीवी भारत विस्तार से बताने जा रहा है. बता दें कि जेएनयू में 13 अलग-अलग स्कूल हैं. इन स्कूलों में बने मतदान केंद्रों पर ही मतदान होता है. इस बार के चुनाव में कल 7751 छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए योग्य हैं. जेएनयू के छात्र अंबुज मिश्र ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर बैलेट पेपर से वोट डाले जाते हैं.

ऐसे डाले जाते हैं वोट
जेएनयू के छात्र और कई चुनावों में मतदान कर चुके अंबुज मिश्र ने बताया कि जो भी मतदाता जिस स्कूल का छात्र/छात्रा है उसका वोट वहां की वोटर लिस्ट में होता है. जब कोई मतदाता अपने संबंधित मतदान केंद्र पर वोट डालने जाता है तो उसके पास जेएनयू का आईडी कार्ड होना आवश्यक है. अपना आईडी कार्ड दिखाने के बाद मतदाता को सेंट्रल पैनल के चार पदों के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के चार अलग-अलग बैलेट पेपर मिलते हैं.

साथ ही काउंसलर का चुनाव लड़ रहे संबंधित स्कूल के प्रत्याशियों के नाम का एक अलग बैलेट पेपर मिलता है. इस तरह एक मतदाता को कुल मिलाकर पांच बैलेट पेपर मिलते हैं. इन बैलेट पेपर पर पदवार सभी प्रत्याशियों के नाम लिखे रहते हैं. जिस मतदाता को जिस प्रत्याशी को वोट देना होता है वो उसके नाम के आगे मुहर लगा देता है और उसका वोट पड़ जाता है. मुहर लगाने के बाद बैलेट पेपर को इस तरह से मोड़ना अनिवार्य होता है कि उस पर दूसरी तरफ स्याही न लगे. इसके बाद बैलेट पेपर को बैलेट बॉक्स में डाल दिया जाता है.

पिछले चुनाव में हुआ था रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान

बता दें कि चार साल पहले वर्ष 2019 में हुए जेएनयू छात्र संघ चुनाव में रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान हुआ था. कुल 5760 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

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