गोड्डा: जिले के महगामा में 300 बेड के अस्पताल निर्माण को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इसका शिलान्यास किया है. पहले इसका शिलान्यास सीएम चंपई सोरेन को करना था, लेकिन वे किसी अपरिहार्य कारणों से नहीं आ सके. वहीं इस अस्पताल को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है.
बोरियो के जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि शिलान्यास भले ही हो गया है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि यह बन भी जाएगा. उन्होंने आगे यह भी कहा कि अगर यह अस्पताल बन भी गया तो राजमहल सांसद विजय हांसदा क्षेत्र में मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे.
सांसद पर धोखा देने का आरोप
आपको बता दें कि लोबिन हेंब्रम लंबे समय से अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं और पार्टी के खिलाफ बयान देते रहे हैं. 300 बेड अस्पताल के मुद्दे पर लोबिन हेंब्रम का मानना है कि कोयला खनन क्षेत्र ललमटिया बोरियो विधान सभा के अंतर्गत है जबकि इससे संबंधित सभी प्रशासनिक कार्य ऊर्जानगर में होते हैं जो महगामा विधान सभा क्षेत्र में है. ऐसे में उनका कहना है कि ललमटिया के लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़े, उनकी जमीन बर्बाद हो और अस्पताल महगामा में बने, यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है. इससे पहले भी लोबिन ने यह मुद्दा उठाया था. वह अपनी आवाज उठाते रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में उन्हें आश्वासन दिया गया था, लेकिन उनकी पार्टी के सांसद विजय हांसदा ने उन्हें धोखा दिया है.
उल्लेखनीय है कि यह अस्पताल ईसीएल राजमहल परियोजना के सीएसआर के तहत बनाया जा रहा है, जिसे कोल इंडिया की मंजूरी प्राप्त है. हालांकि ललमटिया और महगामा की दूरी काफी करीब है, लेकिन इस पूरे मामले के पीछे क्रेडिट वॉर है. इससे पहले इस संबंध में गोड्डा लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे और विधायक भी आमने-सामने आ चुके हैं.
सांसद से नाराजगी
एक तरफ महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह इस बात से खुश हैं कि उनके क्षेत्र में इतना बड़ा अस्पताल बन रहा है. वहीं लोबिन हेम्ब्रम इस बात से नाराज हैं, लेकिन उनका गुस्सा दीपिका से नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी की सरकार और राजमहल सांसद विजय सांसद से है. लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने की संभावना है.
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