चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन से अलग हुई जेजेपी और बीजेपी के नेता अब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में आक्रामक हो गए हैं. पहले जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने सीएम नायब सैनी को लेकर तीखी टिप्पणी की. जब सीएम नायब सैनी से इस बारे में सवाल हुए, तो उन्होंने इस पर जो कहा उससे सियासी पारा चढ़ गया.
जेजेपी ने किसानों के मुद्दे पर सीएम पर किया वार: जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने सीएम नायब सैनी को लेकर टिप्पणी की थी. दिग्विजय चौटाला ने उनको हरियाणा का चरणजीत सिंह चन्नी बताया और उन पर किसानों की अनदेखी करने के आरोप लगाए. वहीं दुष्यंत चौटाला ने भी गेहूं खरीद के मामले में प्रदेश सरकार पर हमला किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पलटवार किया.
सीएम ने दुष्यंत चौटाला पर किया बड़ा हमला: सीएम नायब सैनी ने दुष्यंत चौटाला को खुद के गिरेबान में झांकने की सलाह दी. उन्होंने कहा "जेजेपी के खुद के विधायक ने किस तरह की बात विधानसभा में उनके खिलाफ कही है. उनको समझना चाहिए कि उनके विधायक जो उनकी पार्टी के सिंबल पर चुनकर आए हैं, वही उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. यहां पारदर्शिता के आधार पर भाजपा सरकार काम करती है. चाहे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल थे और अब मैं मुखिया के तौर पर देख रहा हूं. भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं है. कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त मिला तो, सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे. अगर कोई एप्लीकेशन आती है, तो दुष्यंत चौटाला पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की बिल्कुल जांच करवाएंगे."
पूर्व सीएम मनोहर लाल ने भी किया पलटवार: पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी दुष्यंत चौटाला के बयान पर कहा "अगर पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दोषी हुए, तो बख्शेंगे नहीं." यानी अब साढ़े चार साल सत्ता में एक साथ रहे बीजेपी और जेजेपी नेता अलग होने के बाद एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक हो गए हैं.
इनेलो बीजेपी और जेजेपी पर हुई तल्ख: इस मामले में इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा "इन्होंने साढ़े चार साल प्रदेश को लूटा. आज मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कोई अर्जी आएगी तो जांच करेंगे. शराब घोटाले और रजिस्ट्री घोटाले की जांच हो चुकी है. अगर मुख्यमंत्री में दम है तो इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करें और उन लोगों के नाम उजागर करें. आज भी ये लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. ये लुटेरों का गिरोह है. अब ये दोनों एक दूसरे पर भड़ास निकाल रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं. ऐसे 19 घोटाले हैं. जिनमें सरकार शामिल हैं. मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद घोटालों में शामिल हैं."
सीएम के बयान पर क्या कहती है जेजेपी? भ्रष्टाचार को लेकर छिड़ी इस सियासी जंग पर जेजेपी के मीडिया इंचार्ज दीपकमल सहारण का कहना है "सीएम नायब सैनी अभी तक सीएम के रोल में खुद को नहीं डाल पाए हैं. अभी तक वे पार्टी के नेता और सांसद की भूमिका से बाहर नहीं निकल पाए हैं. उनको विपक्ष द्वारा किसानों के मुद्दों पर बात करना पसंद नहीं आ रहा है. वे कहते हैं कि उनकी पार्टी के नेता मंडियों में फैली अव्यवस्था की बात कर रहें हैं."
उन्होंने कहा "चार साल जब जेजेपी सरकार में थी और हमारे विधायक दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाते थे, तो फिर चार साल में सीएम बीजेपी के थे तो फिर जांच क्यों नहीं करवाई. हमारे विधायक ही क्यों, कांग्रेस के विधायक भी सरकार पर आरोप लगाते हैं. इसलिए सभी विधायकों के आरोपों को सरकार को बराबर की नजर से देखना चाहिए. सरकार को कहना चाहिए की कोई भी विधायक किसी दल का किसी पर आरोप लगा रहा है उसकी जांच की जाएगी. सीएम का पद गंभीर होता है, उनको किसानों की समस्या प्राथमिकता से निपटानी चाहिए. राजनीति बाद में करनी चाहिए."
क्या है इस आरोप प्रत्यारोप के मायने? बीजेपी और जेजेपी के बीच छिड़ी इस जंग पर राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी ने कहा "दुष्यंत चौटाला का बीजेपी के साथ जो साढ़े चार साल संबंध रहा है. वो ऊपर नीचे होता रहा है. जो दुष्यंत चौटाला के पास विभाग थे. उनमें खामियां और अनियमितताओं को लेकर बातें होती रहती थी. ये बात बीजेपी ही नहीं अन्य लोगों की तरफ से भी सामने आती रही थी. चाहे बात रजिस्ट्री घोटाले की हो, शराब घोटाले या धान खरीद घोटाले की. इससे संबंधित सभी विभाग दुष्यंत चौटाला के पास थे."
उन्होंने कहा "जब ये साथ थे तो उस वक्त बीजेपी के लोग कहते थे कि जब अलग होंगे तो ये सभी फाइलें खोली जाएंगी. बीजेपी के अंदर ये बातें खुलकर कहीं जा रही थी. अब जब जेजेपी सरकार से बाहर निकलकर कंपिटीटर बन गई है, तो जब उनकी तरफ से वार किया जाएगा, तो इधर से भी पलटवार होना तय है. ये उसी कड़ी का हिस्सा है. इससे ज्यादा कुछ नहीं है. सीएम का बयान एप्लीकेशन आएगी तो जांच की जाएगी, ज्यादा तल्ख बयान नहीं माना जा सकता. जैसे शराब घोटाले की जांच हो चुकी है, लेकिन उसका नतीजा क्या निकला वो सामने नहीं आया है."
धीरेंद्र अवस्थी ने कहा "जांच में क्या निकला उसको जानने की मांग लोग कर रहे हैं. उसके लिए किसी एप्लीकेशन की जरूरत नहीं है? जिस दिन सरकार चाहेगी. उसी दिन जांच की रिपोर्ट सामने रख सकती है. वैसे ही रजिस्ट्री घोटाले की भी बात है. उसमें छोटे लोग पकड़े गए. बात कही जाती रही कि जिनपर कार्रवाई होनी चाहिए थी. उन पर नहीं हुई. इसलिए अगर जेजेपी की तरफ से सरकार पर कोई हमला किया जाएगा, तो फिर इधर से भी जवाब आएगा."