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MP के 7793 स्कूलों में सिर्फ 1 टीचर, कांग्रेस का मोहन सरकार से सवाल, कितना हुआ सुधार - Jitu Patwari questions MP Education - JITU PATWARI QUESTIONS MP EDUCATION

मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार से सवाल पूछे हैं. जीतू पटवारी ने कई आंकोड़े जारी करते हुए बताया कि एमपी के 7793 स्कूलों में सिर्फ एक ही टीचर है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.

JITU PATWARI QUESTIONS MP EDUCATION
MP के 7793 स्कूलों में सिर्फ 1 टीचर, कांग्रेस का मोहन सरकार से सवाल, कितना हुआ सुधार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 5:22 PM IST

भोपाल। प्रदेश के 47 जिलों के 7 हजार 793 स्कूल सिर्फ एक टीचर के भरोसे चल रहे हैं. विंध्य क्षेत्र में 1747 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है और 554 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है. कांग्रेस ने प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार से पूछा है कि क्या सरकार यह बताएगी कि प्रदेश के स्कूलों की इस स्थिति में कितना सुधार हुआ है? सरकार झूठे आंकड़ों के जरिए सच्चाई छुपाने वाली सरकार शिक्षा को लेकर अपने सरोकार साफ करे.

बुंदेलखंड के 1431 स्कूल 1 शिक्षक के भरोसे

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य शिक्षा पोर्टल 2.0 के आंकड़ों के आधार पर कहा कि 'प्रदेश के 2621 स्कूलों में कोई शिक्षक ही नहीं है. 47 जिलों में 7793 स्कूलों में केवल एक टीचर है. विंध्य क्षेत्र में 1747 स्कूल सिर्फ एक टीचर के भरोसे है. जबकि 554 स्कूलों में कोई टीचर ही नहीं है. यही स्थिति चंबल इलाके की भी है. चंबल अंचल में 1246 स्कूल में सिर्फ 1 टीचर है और 558 स्कूलों में टीचर ही नहीं है.

महाकौशल क्षेत्र में 710 स्कूलों में एक टीचर है और 140 स्कूल सिर्फ एक ही टीचर के भरोसे चल रहे हैं. मध्य भारत के 1147 स्कूलों में एक शिक्षक है और 363 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है.

मालवा-निमाड़ क्षेत्र में 1512 स्कूलों में एक टीचर है और 471 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 1431 स्कूलों में एक टीचर ही है और 537 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है.

यहां पढ़ें...

MP Education System: एमपी के बैतूल में शिक्षा के अजीबो-गरीब हाल, झोपड़ी में चल रहा सरकारी स्कूल, प्रदेश के एजुकेशन की पोल खोलती तस्वीरें

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सरकार बताए कब बदलेगी स्थिति

जीतू पटवारी ने सवाल किया कि प्रदेश सरकार बताए कि इस स्थिति में अब कितना सुधार हुआ है. यदि कुछ टीचर्स की भर्ती हुई है, तो उस अनुपात में बच्चे भी बढ़ गए हैं. वर्तमान में टीचर्स और स्टूडेंट्स की उपस्थिति का अनुपात कितना है. उन्होंने आरोप लगाया कि सच्चाई यह है कि प्रदेश की मोहन सरकार शिक्षा को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं है. यही कारण है कि स्कूल छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

भोपाल। प्रदेश के 47 जिलों के 7 हजार 793 स्कूल सिर्फ एक टीचर के भरोसे चल रहे हैं. विंध्य क्षेत्र में 1747 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है और 554 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है. कांग्रेस ने प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार से पूछा है कि क्या सरकार यह बताएगी कि प्रदेश के स्कूलों की इस स्थिति में कितना सुधार हुआ है? सरकार झूठे आंकड़ों के जरिए सच्चाई छुपाने वाली सरकार शिक्षा को लेकर अपने सरोकार साफ करे.

बुंदेलखंड के 1431 स्कूल 1 शिक्षक के भरोसे

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य शिक्षा पोर्टल 2.0 के आंकड़ों के आधार पर कहा कि 'प्रदेश के 2621 स्कूलों में कोई शिक्षक ही नहीं है. 47 जिलों में 7793 स्कूलों में केवल एक टीचर है. विंध्य क्षेत्र में 1747 स्कूल सिर्फ एक टीचर के भरोसे है. जबकि 554 स्कूलों में कोई टीचर ही नहीं है. यही स्थिति चंबल इलाके की भी है. चंबल अंचल में 1246 स्कूल में सिर्फ 1 टीचर है और 558 स्कूलों में टीचर ही नहीं है.

महाकौशल क्षेत्र में 710 स्कूलों में एक टीचर है और 140 स्कूल सिर्फ एक ही टीचर के भरोसे चल रहे हैं. मध्य भारत के 1147 स्कूलों में एक शिक्षक है और 363 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है.

मालवा-निमाड़ क्षेत्र में 1512 स्कूलों में एक टीचर है और 471 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 1431 स्कूलों में एक टीचर ही है और 537 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है.

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सरकार बताए कब बदलेगी स्थिति

जीतू पटवारी ने सवाल किया कि प्रदेश सरकार बताए कि इस स्थिति में अब कितना सुधार हुआ है. यदि कुछ टीचर्स की भर्ती हुई है, तो उस अनुपात में बच्चे भी बढ़ गए हैं. वर्तमान में टीचर्स और स्टूडेंट्स की उपस्थिति का अनुपात कितना है. उन्होंने आरोप लगाया कि सच्चाई यह है कि प्रदेश की मोहन सरकार शिक्षा को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं है. यही कारण है कि स्कूल छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

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