जींद: हरियाणा के जींद में जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है. कभी डिलीवरी के बाद गंदी पट्टी शरीर में छोड़ दी जाती है, तो कभी इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को उपचार नही मिलता है. यहां कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है. अब यह दुर्व्यवहार आमजन के साथ ही नहीं बल्कि इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक के साथ भी होने लगा है. इमरजेंसी में तैनात महिला चिकित्सक (मेडिकल ऑफिसर) ने एम्बुलेंस रूम में तैनात कर्मचारी पर बदतमीजी करने के आरोप लगाते हुए शिकायत पीएमओ कार्यालय को दी है. पीएमओ कार्यालय ने इसकी जांच के आदेश देते हुए कमेटी गठित की है. वहीं, इस मामले में डिप्टी सिविल सर्जन स्कूल हैल्थ डॉ. रमेश पांचाल ने कहा कि महिलाओं से बदतमीजी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
यह है पूरा मामला: 8 दिसंबर आपातकालीन विभाग में लगातार दुर्घटना के मामले सामने आ रहे थे. इस दौरान इमरजेंसी में चिकित्सक डॉ. मनजीत तैनात थी. मरीज की हालत देखकर उन्होंने एक मरीज को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया. जब सिक्योरिटी गार्ड को एंबुलेंस लगवाने के लिए भेजा गया तो एंबुलेंस रूम में तैनात कर्मचारी द्वारा 30-40 मिनट का समय देकर गार्ड को वापस भेजा गया. मरीज की हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण CMO डा. मनजीत खुद एंबुलेंस रूम में गई और वहां पर एंबुलेंस के लिए कहा. इस दौरान वहां तैनात कर्मचारी ने एमओ डा. मनजीत के साथ दुर्व्यवहार किया और कहा कि वह उन्हें सर कह कर बुलाए. डॉ. मनजीत ने शिकायत में कर्मचारी पर उसके साथ अपमानजनक शब्दों से बात करने के आरोप लगाए हैं और एंबुलेंस 30 से 40 मिनट में आने की बात कही.
मामले के लिए कमेटी गठित: सीएमओ डॉक्टर मनजीत द्वारा बदतमीजी किए जाने और अपमानजनक शब्द के मामले की शिकायत पीएमओ कार्यालय को दी गई है. जिस पर पीएमओ कार्यालय की ओर से तुरंत प्रभाव से संज्ञान लिया गया और तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी का गठन कर मामले की जांच के आदेश दिए.
पहले भी विवादों में रहा है एंबुलेंस रूम: नागरिक अस्पताल का एंबुलेंस पहले भी विवादों में रहा है. कई साल पहले तत्कालीन सीबीआई जज जगदीप लोहान ने एम्बुलेंस के लिए जब एंबुलेंस के कंट्रोल रूम में फोन किया था. तो उन्हें जवाब मिला था कि एम्बुलैंस उड़ कर थोड़े आएगी. इसके बाद तत्कालीन सीबीआई जज खुद घायल मरीज को अपनी गाड़ी में लेकर अस्पताल में पहुंचे थे. तत्कालीन सीबीआई जज को भी उस समय यहां तैनात कर्मचारियों ने अटपटा से जवाब दिया था. इसके अलावा पहले भी कई बार एम्बुलेंस रूम विवादों में रहा है. इसके बाद एंबुलेंस लापरवाही से एक बच्चे की मौत भी हो गई थी. जिसकी गाज तत्कालीन रेफरल सेवा के फ्लीट मैनेजर पर गिरी थी.
किसान आंदोलन और गीता महोत्सव में भेजी थी एंबुलेंस: जींद जिले में इस समय 30 एम्बुलेंस हैं लेकिन खनोरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते स्वास्थ्य विभाग ने अपनी 10 एम्बुलेंस को खनोरी बॉर्डर के एरिया में भेजा हुआ है. इसके अलावा एक एंबुलेंस को विभाग ने सोमवार से शुरू हुए गीता महोत्सव में भेज दिया है. डिप्टी सिविल सर्जन डा. रवि राणा के अनुसार जींद के सिविल अस्पताल में छह एंबुलेंस और दो किलकारी एम्बुलेंस है. किलकारी एम्बुलेंस 9 से 5 बजे तक बच्चों के लिए प्रयोग होती है. अब सिविल अस्पताल के पास 4 से 5 एम्बुलेंस ही बची है. ऐसे में मरीजों को एंबुलेंस मिलने में कुछ दिक्कत होती है.
एंबुलेंस के लिए डायल करें 112: डिप्टी सिविल सर्जन डा. रवि राणा ने कहा कि कोई भी मरीज सीधे अस्पताल से एंबुलेंस नहीं ले सकता. मरीज को पहले 112 पर एंबुलेंस के लिए डायल करना होगा. वहां से लोकेशन के हिसाब से संबंधित कर्मचारी द्वारा एंबुलेंस के रूम में डायल किया जाएगा और एम्बुलैंस उपलब्ध करवाई जाएगी. डा. राणा ने कहा कि उन्होंने आज ही एक पत्र संबंधित सीएमओ और कर्मचारियों को दिया है कि एंबुलेंस के लिए मरीज को डायल 112 पर कॉल करने के लिए बोले. इसके बाद ही एम्बुलेंस उपलब्ध होगी. मामले की जांच से संबंधित कोई भी लिखित लेटर उनके पास नहीं पहुंचा है.
'महिलाओं से बदतमीजी नहीं होगी बर्दाश्त': डिप्टी सिविल सर्जन डेंटल डॉ. रमेश पांचाल ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. महिला चिकित्सक ही नहीं नागरिक अस्पताल में आने वाले किसी के साथ भी दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं होगा. महिला एमओ डा. मनजीत ने मामला उनके नोटिस में लाया था. इसकी लिखित शिकायत भी विभाग को मिल गई है. विभाग ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है. प्रत्येक कर्मचारी को महिलाओं का सम्मान करना होगा.
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