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तीर्थराज पुष्कर में झूला महोत्सव बना श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र - Jhula Mahotsav In Pushkar

Jhula Mahotsav In Pushkar, तीर्थराज पुष्कर के रमा बैकुंठनाथ मंदिर में आयोजित 15 दिवसीय झूला महोत्सव श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर परिसर में स्थित शीशमहल में देर शाम भगवान वेंकटेश और भगवती गोदांबाजी के झूले के हिंडोले के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर आ रहे हैं.

Jhula Mahotsav In Pushkar
रमा बैकुंठनाथ मंदिर में झूला महोत्सव (ETV BHARAT AJMER)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 19, 2024, 6:21 PM IST

पुष्कर में झूला महोत्सव (ETV BHARAT AJMER)

अजमेर : तीर्थराज पुष्कर के रमा बैकुंठनाथ मंदिर में आयोजित 15 दिवसीय झूला महोत्सव श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर परिसर में स्थित शीशमहल में देर शाम भगवान वेंकटेश और भगवती गोदांबाजी के झूले के हिंडोले के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर आ रहे हैं. साथ ही यहां आने वालों का मन परिसर में बनी झांकियां मोह ले रही हैं. वहीं, भजन मंडलियों की ओर से सावन के झूलों पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियों का सिलसिला जारी है.

पुष्कर में नए श्रीरंगजी का मंदिर 125 साल से भी अधिक प्राचीन है. दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित नए श्रीरंगजी के मंदिर में दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार विविध परंपराएं और रस्में निभाई जाती हैं. इसी क्रम में नए श्रीरंगजी के मंदिर में 15 दिवसीय झूला महोत्सव मनाया जा रहा है. झूला महोत्सव की शुरुआत सावन मास की छोटी तीज से बड़ी तीज तक होता है. देर शाम 7 से 10 बजे तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का मेला लगाता है.

Jhula Mahotsav In Pushkar
रमा बैकुंठनाथ मंदिर (ETV BHARAT AJMER)

इसे भी पढ़ें - मकराना में झूला महोत्सव का आयोजन...ठाकुर जी की शान में भजनों की प्रस्तुति

मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि झूला महोत्सव के तहत शीशमहल के कपाट खोले हुए हैं, जहां भगवान वेंकटेश और गोदांबाजी को रत्न आभूषणों से सजाया गया है. देर शाम को श्रद्धालु यहां मंदिर में आते हैं और यहां रमा बैकुंठनाथ के दर्शन के बाद शीशमहल में भगवान वेंकटेश और गोदांबाजी के रत्न जड़ित हिंडोले को झुलाने की श्रद्धालुओं में होड़ लगी रहती है. यह अवसर जिस भी श्रद्धालु को मिलता है, वो खुद को भाग्यशाली समझता है. भगवान को झुलाने के बाद श्रद्धालु मनमोहक प्रदर्शनी देखने के लिए शीशमहल जाते हैं. यहां भगवान विष्णु के दसावतार, धार्मिक नगरी पुष्कर की झलक, राम और कृष्ण की झांकियां के भी दर्शन करते हैं.

Jhula Mahotsav In Pushkar
झूला महोत्सव बना श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र (ETV BHARAT AJMER)

श्रद्धालु भक्ति की सरिता में लगाते हैं गोते : झूला महोत्सव के प्रत्येक दिन मंदिर परिसर में भजन मंडलियां सावन पर आधारित भजनों की प्रस्तुति देती हैं. श्रद्धालु घंटों तक यहीं बैठकर मंत्र मुग्ध होकर भक्ति की सरिता में गोते लगाते हैं. वहीं, प्रसाद लेने के बाद अपने घरों को लौटते हैं.

पुष्कर में झूला महोत्सव (ETV BHARAT AJMER)

अजमेर : तीर्थराज पुष्कर के रमा बैकुंठनाथ मंदिर में आयोजित 15 दिवसीय झूला महोत्सव श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर परिसर में स्थित शीशमहल में देर शाम भगवान वेंकटेश और भगवती गोदांबाजी के झूले के हिंडोले के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर आ रहे हैं. साथ ही यहां आने वालों का मन परिसर में बनी झांकियां मोह ले रही हैं. वहीं, भजन मंडलियों की ओर से सावन के झूलों पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियों का सिलसिला जारी है.

पुष्कर में नए श्रीरंगजी का मंदिर 125 साल से भी अधिक प्राचीन है. दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित नए श्रीरंगजी के मंदिर में दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार विविध परंपराएं और रस्में निभाई जाती हैं. इसी क्रम में नए श्रीरंगजी के मंदिर में 15 दिवसीय झूला महोत्सव मनाया जा रहा है. झूला महोत्सव की शुरुआत सावन मास की छोटी तीज से बड़ी तीज तक होता है. देर शाम 7 से 10 बजे तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का मेला लगाता है.

Jhula Mahotsav In Pushkar
रमा बैकुंठनाथ मंदिर (ETV BHARAT AJMER)

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मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि झूला महोत्सव के तहत शीशमहल के कपाट खोले हुए हैं, जहां भगवान वेंकटेश और गोदांबाजी को रत्न आभूषणों से सजाया गया है. देर शाम को श्रद्धालु यहां मंदिर में आते हैं और यहां रमा बैकुंठनाथ के दर्शन के बाद शीशमहल में भगवान वेंकटेश और गोदांबाजी के रत्न जड़ित हिंडोले को झुलाने की श्रद्धालुओं में होड़ लगी रहती है. यह अवसर जिस भी श्रद्धालु को मिलता है, वो खुद को भाग्यशाली समझता है. भगवान को झुलाने के बाद श्रद्धालु मनमोहक प्रदर्शनी देखने के लिए शीशमहल जाते हैं. यहां भगवान विष्णु के दसावतार, धार्मिक नगरी पुष्कर की झलक, राम और कृष्ण की झांकियां के भी दर्शन करते हैं.

Jhula Mahotsav In Pushkar
झूला महोत्सव बना श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र (ETV BHARAT AJMER)

श्रद्धालु भक्ति की सरिता में लगाते हैं गोते : झूला महोत्सव के प्रत्येक दिन मंदिर परिसर में भजन मंडलियां सावन पर आधारित भजनों की प्रस्तुति देती हैं. श्रद्धालु घंटों तक यहीं बैठकर मंत्र मुग्ध होकर भक्ति की सरिता में गोते लगाते हैं. वहीं, प्रसाद लेने के बाद अपने घरों को लौटते हैं.

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