रांचीः झारखंड में लोकसभा चुनाव से पूर्व नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए राज्य में सक्रिय नक्सली संगठन और नक्सलियों के स्प्लिन्टर ग्रुप के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में आईईडी बम को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है.
लोकसभा चुनाव को लेकर बनाई गई खास रणनीति
लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो और लोकतंत्र के महापर्व में नक्सली खलल नहीं डाल सकें इसे लेकर झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. झारखंड के वैसे इलाके जहां नक्सली संगठन चुनाव में बाधा डालते हैं, उन इलाकों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि नक्सलियों पर नकेल कसा जा सके. अभियान ना सिर्फ भाकपा माओवादियों के खिलाफ चलाया जा रहा है, बल्कि पीएलएफआई, टीपीसी और जेजेएमपी जैसे नक्सलियों के स्प्लिंटर ग्रुप पर भी नकेल कसा जा रहा है.
चाईबासा, बोकारो, लातेहर और चतरा पर विशेष फोकस
हाल के दिनों में बोकारो और चतरा में नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ी हैं. इसी सप्ताह बोकारो में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुआ था. वहीं चतरा में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए थे. ऐसे में बोकारो और चतरा में नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोकसभा चुनाव से पूर्व नक्सलियों पर पूरी तरह से नकेल कसा जा सके.
वहीं पिछले दो सालों से झारखंड का चाईबासा जिला पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. भाकपा माओवादियों का शीर्ष दस्ता कोल्हान इलाके में भ्रमणशील है. कोल्हान में आईईडी बम की सुरक्षा घेरे में नक्सली अपने आप को सुरक्षित रखे हुए हैं. इस इलाके में आईईडी बम को ढूंढना और उसे निष्क्रिय करना पुलिस के लिए अब तक बड़ी चुनौती रही है. वहीं लातेहर, पलामू और लोहरदगा में नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है. लातेहर, पलामू और चतरा में भाकपा माओवादियों के अलावा टीपीसी और जेजेएमपी जैसे उग्रवादी संगठनों का भी जोर है. ऐसे में नक्सली और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ विशेष रणनीति के तहत अभियान चलाया जा रहा है.
आईईडी बम को निष्क्रिय किया जा रहा है
झारखंड के कोल्हान इलाके में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती नक्सलियों के द्वारा जमीन के भीतर लगाए गए विभिन्न तरह के आईईडी बम हैं. इन आईईडी का शिकार ना सिर्फ भोले-भाले ग्रामीण हो रहे हैं, बल्कि पुलिस वाले भी समय-समय पर आईईडी के चपेट में आ रहे हैं. ऐसे समय में इस इलाके को आईईडी बम से मुक्त करवाने का अभियान भी साथ-साथ चल रहा है. पिछले एक साल के भीतर केवल कोल्हान इलाके से ही नक्सलियों के द्वारा जमीन के भीतर लगाए गए 500 से ज्यादा आईईडी बम को निष्क्रिय किया गया है. यह काम अभी भी लगातार जारी है.
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