रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से शुक्रवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में झारखंडी अधिकार मार्च निकाल कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से झारखंड का अधिकार झारखंडियों को देने की मांग की गई. अलग-अलग जिले में झामुमो जिला समिति द्वारा निकाले गए मार्च में बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता पार्टी के झंडे-बैनर के साथ शामिल हुए और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को झारखंड और झारखंडी विरोधी करार दिया.
राज्यसभा सांसद महुआ माजी भी हुईं अधिकार मार्च में शामिल
राजधानी रांची में झामुमो का झारखंडी अधिकार मार्च जयपाल सिंह स्टेडियम से निकलकर अमर शहीद अल्बर्ट एक्का चौक तक गया. जिसमें झामुमो जिलाध्यक्ष मुस्ताक आलम, जिला सचिव डॉ हेमलाल के साथ राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी भी शामिल हुईं. झारखंडी अधिकार मार्च अल्बर्ट एक्का चौक पर पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गया. जहां वक्ताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को झारखंड विरोधी करार दिया.
झारखंड का 1.36 लाख करोड़ देने की मांग
झामुमो नेताओं ने कहा कि जब से राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में विकास करने वाली सरकार बनी है, तब से लगातार भाजपा सरकार को अस्थिर करने में लगी है. वक्ताओं ने कहा कि झारखंड का एक लाख, छत्तीस हजार करोड़ रुपये केंद्र अपने पास रोके हुए हैं . झारखंड के लोगों की आकांक्षा को पूरी करने के लिए जो भी फैसले हेमंत सरकार लेती है उसे राजभवन का उपयोग कर लागू नहीं होने देती. झारखंड की मिट्टी,झारखंड के पानी और झारखंड के कोयले से देश-दुनिया रोशन हो रहा है और हम झारखंडियों की किस्मत में विस्थापन और प्रदूषण आता है.
इस मौके पर झामुमो जिला अध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि कोल इंडिया का हेडक्वार्टर मिले यह झारखंड का अधिकार है, लेकिन इस पर केंद्र की सरकार का मौन रहना चिंताजनक है. उन्होंने झारखंड का एक लाख, छत्तीस हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से अविलंब देने की मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार झारखंडियों की हकमारी कर रही है.
युवाओं को भ्रम में डालने के लिए भाजयुमो का आक्रोश मार्च
वहीं मौके पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि राज्य के युवाओं का भविष्य खराब करने वाली दिल्ली की केंद्र सरकार से सवाल पूछने की जगह भाजयुमो के नेता राज्य के युवाओं को भ्रमित करने के लिए आक्रोश रैली कर रहे हैं.
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