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सरहुल के जुलूस में हेमंत सोरेन को लेकर निकली झांकी आक्रोश की अभिव्यक्ति, भाजपा समाज को बांट रही- झामुमो - Tableau of Sarhul regarding Hemant

JMM targeted BJP. एक बार फिर से झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा पर मुखर है. रांची में प्रेस वार्ता कर पार्टी ने भाजपा को समाज को बांटने वाली पार्टी कहा है. इसके साथ ही सरहुल के जुलूस में हेमंत सोरेन को लेकर निकाली गयी झांकी को आक्रोश की अभिव्यक्ति करार दिया.

Jharkhand Mukti Morcha termed BJP as party that divides society
सरहुल में हेमंत सोरेन को निकाली गयी झांकी पर जेएमएम ने कहा ये आक्रोश की अभिव्यक्ति है
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 13, 2024, 9:17 AM IST

Updated : Apr 13, 2024, 10:00 AM IST

रांची में जेएमएम की प्रेस वार्ता

रांची: सरहुल के दौरान विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा निकाली गई झांकियों को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र की आदिवासी-मूलवासी विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ स्वाभाविक अभिव्यक्ति करार दिया है. इसके साथ ही भाजपा पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाया.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय रांची में संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरहुल में किसी राजनीतिक दल द्वारा झांकी नहीं निकाली गई थी बल्कि सामाजिक संगठनों की शोभा यात्रा थी. इसमें सिर्फ हेमंत सोरेन पर हुए जुल्म को ही प्रदर्शित नहीं किया गया था. बल्कि जल, जंगल और जमीन की लूट के खिलाफ जनाक्रोश था, जो सरहुल की शोभा यात्रा में दिखाई दिया.

झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग आदिवासी-मूलवासियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक नहीं लगा सकता. आयोग के आदेश पर झांकी निकालने वाले संगठनों पर केस किया तो वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. आदिवासियों को उजाड़ने, प्रकृति को समाप्त करने और वन अधिकार कानून को समाप्त करने के खिलाफ जो आक्रोश सरहुल की झांकी में दिखा, वह स्वभाविक गुस्सा था. जब उद्योगपतियों के साथ मिलकर भाजपा सृष्टि के मूल तत्व को समाप्त करने की साजिश रचेगी तो उसके खिलाफ जनचेतना की अभिव्यक्ति भी होगी.

भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप

जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा समाज को ही बांटने में लगी है. जिस तरह से उनके नेता गुजरात, राजस्थान में क्षत्रिय समाज के लोगों को अपमानित किया है, उसका खामियाजा भाजपा को आने वाले समय में जरूर भुगतना पड़ेगा.

भाजपा बताए कि आदिवासी धर्म कोड कहां है- जेएमएम

रांची में जेएमएम के संवाददाता सम्मेलन के दौरान झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के नेताओं को रांची में सरहुल के जुलूस में उमड़े जनसमूह को यह बताना चाहिए कि उनका अलग सरना धर्म कोड कहां है. झारखंड की महागठबंधन की सरकार ने तो विधानसभा से पारित कराकर अलग सरना धर्मकोड की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी उसका क्या हुआ. भाजपा और उनके पूंजीपति मित्रों की नजर पहले महाराष्ट्र के पर थी, झारखंड के सारंडा और छत्तीसगढ़ के जंगलों पर है. जब जंगल ही नहीं बचेगा तो फिर आदिवासी कैसे सुरक्षित रहेगा.

आदिवासी और सच्चे सनातनी 21 अप्रैल के उलगुलान न्याय महारैली में होंगे शामिल- सुप्रियो

केंद्र सरकार की तानाशाही, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर विपक्षी दलों के नेताओं को जेल भेजने और संविधान पर खतरे खिलाफ 21 अप्रैल को होनेवाली महारैली को लेकर भाजपा भ्रम फैला रही है. भाजपा के नेता यह समझ लें कि महारैली आदिवासी-मूलवासी और सच्चे सनातनी लोगों की होगी. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट पर पूछे सवाल पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गोड्डा सांसद के पोस्ट और बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं हैं. क्योंकि सत्ता जाता देख वे और उनके नेता घबराए हुए हैं, हताशा में हैं.

इसे भी पढ़ें- सरहुल के दिन निकली हेमंत सोरेन वाली झांकी पर विवाद गहराया, भाजपा की मांग- साजिश रचने वालों को करें बेनकाब, सत्ता पक्ष ने दी सफाई - Hemant Soren tableau controversy

इसे भी पढे़ं- हेमंत सोरेन से जुड़ी सरहुल में निकाली झांकी को लेकर कार्रवाईः 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर, आचार संहिता उल्लंघन का आरोप - FIR for Hemant Soren Tableau

इसे भी पढ़ें- पहली बार दिखी हेमंत सोरेन की सलाखों के पीछे वाली तस्वीर, अबतक दिल्ली के सीएम दिखे हैं इस भूमिका में, क्या है माजरा - Sarhul tableau

रांची में जेएमएम की प्रेस वार्ता

रांची: सरहुल के दौरान विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा निकाली गई झांकियों को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र की आदिवासी-मूलवासी विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ स्वाभाविक अभिव्यक्ति करार दिया है. इसके साथ ही भाजपा पर समाज को तोड़ने का आरोप लगाया.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय रांची में संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरहुल में किसी राजनीतिक दल द्वारा झांकी नहीं निकाली गई थी बल्कि सामाजिक संगठनों की शोभा यात्रा थी. इसमें सिर्फ हेमंत सोरेन पर हुए जुल्म को ही प्रदर्शित नहीं किया गया था. बल्कि जल, जंगल और जमीन की लूट के खिलाफ जनाक्रोश था, जो सरहुल की शोभा यात्रा में दिखाई दिया.

झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग आदिवासी-मूलवासियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक नहीं लगा सकता. आयोग के आदेश पर झांकी निकालने वाले संगठनों पर केस किया तो वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. आदिवासियों को उजाड़ने, प्रकृति को समाप्त करने और वन अधिकार कानून को समाप्त करने के खिलाफ जो आक्रोश सरहुल की झांकी में दिखा, वह स्वभाविक गुस्सा था. जब उद्योगपतियों के साथ मिलकर भाजपा सृष्टि के मूल तत्व को समाप्त करने की साजिश रचेगी तो उसके खिलाफ जनचेतना की अभिव्यक्ति भी होगी.

भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप

जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा समाज को ही बांटने में लगी है. जिस तरह से उनके नेता गुजरात, राजस्थान में क्षत्रिय समाज के लोगों को अपमानित किया है, उसका खामियाजा भाजपा को आने वाले समय में जरूर भुगतना पड़ेगा.

भाजपा बताए कि आदिवासी धर्म कोड कहां है- जेएमएम

रांची में जेएमएम के संवाददाता सम्मेलन के दौरान झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के नेताओं को रांची में सरहुल के जुलूस में उमड़े जनसमूह को यह बताना चाहिए कि उनका अलग सरना धर्म कोड कहां है. झारखंड की महागठबंधन की सरकार ने तो विधानसभा से पारित कराकर अलग सरना धर्मकोड की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी उसका क्या हुआ. भाजपा और उनके पूंजीपति मित्रों की नजर पहले महाराष्ट्र के पर थी, झारखंड के सारंडा और छत्तीसगढ़ के जंगलों पर है. जब जंगल ही नहीं बचेगा तो फिर आदिवासी कैसे सुरक्षित रहेगा.

आदिवासी और सच्चे सनातनी 21 अप्रैल के उलगुलान न्याय महारैली में होंगे शामिल- सुप्रियो

केंद्र सरकार की तानाशाही, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर विपक्षी दलों के नेताओं को जेल भेजने और संविधान पर खतरे खिलाफ 21 अप्रैल को होनेवाली महारैली को लेकर भाजपा भ्रम फैला रही है. भाजपा के नेता यह समझ लें कि महारैली आदिवासी-मूलवासी और सच्चे सनातनी लोगों की होगी. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट पर पूछे सवाल पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गोड्डा सांसद के पोस्ट और बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं हैं. क्योंकि सत्ता जाता देख वे और उनके नेता घबराए हुए हैं, हताशा में हैं.

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Last Updated : Apr 13, 2024, 10:00 AM IST
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