देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में एनडीए और इंडिया ब्लॉक जोर-शोर से जुटा है. जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है सीटों पर दावों का दौर भी शुरू हो गया है. इसी क्रम में झामुमो की ओर से देवघर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी गई है.
झामुमो की बैठक में आया सुझाव
दरअसल, विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर देवघर झामुमो जिला कमेटी के कार्यकर्ताओं के साथ जिला अध्यक्ष संजय शर्मा ने बुधवार को बैठक की. इस दौरान कार्यकर्ताओं की ओर से सुझाव दिया गया कि इस बार महागठबंधन की ओर से झामुमो अपना प्रत्याशी देवघर विधानसभा सीट पर खड़ा करे. कार्यकर्ताओं का कहना था कि गठबंधन के तहत देवघर सीट हमेशा राजद या कांग्रेस पार्टी के कोटे में चला जाता है. इस बार झामुमो को मौका मिलना चाहिए. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने दावा करते हुए कहा है कि यदि देवघर सीट से झामुमो का कैंडिडेट खड़ा किया जाता है तो निश्चित रूप से देवघर इंडिया गठबंधन की झोली में जाएगी.
केंद्रीय नेतृत्व को कराया जाएगा अवगत
कार्यकर्ताओं से सुझाव मिलने के बाद झामुमो के जिला अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने इच्छा जाहिर की है कि इस बार देवघर विधानसभा सीट से झामुमो का कैंडिडेट दिया जाए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता भी कह रही है कि इस बार देवघर विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा अपना कैंडिडेट खड़ा करें तो लोग ज्यादा उत्साह के साथ झामुमो को मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं और लोगों का सुझाव मिला है. केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर इस स्थिति से अवगत कराया जाएगा. इसके बाद आगे की रणनीति बनायी जाएगी.
क्या होगा राजद का भविष्य
अब सवाल उठता है कि अगर देवघर से झामुमो का कैंडिडेट खड़ा किया जाता है तो राजद का क्या होगा. इंडिया गठबंधन के तहत देवघर विधानसभा सीट ज्यादातर राजद के खाते में रही है. कई बार राजद ने इस सीट से जीत भी दर्ज की है. हालांकि वर्ष 2009 के चुनाव के बाद पिछले दो चुनावों में गठबंधन दल के सहयोग के बाद भी राजद प्रत्याशी को जीत नहीं मिली है. वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में देवघर विधानसभा सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की है.
चार बार झामुमो खड़ा कर चुका है प्रत्याशी
हालांकि राज्य गठन होने के बाद वर्ष 2000,2005,2009 और 2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने देवघर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी खड़ा कर किस्मत आजमायी थी. जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशियों ने बेहतर प्रदर्शन किया था. वर्ष 2014 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के खड़ा होने की वजह से राजद प्रत्याशी सुरेश पासवान को करारी हार का सामना करना पड़ा था. जबकि वर्ष 2019 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जब राजद का सहयोग किया तो राजद के कैंडिडेट भारतीय जनता पार्टी के नारायण दास से महज ढाई से तीन हजार से वोट से हारा था.
झामुमो और राजद में घमासान
लेकिन क्या झामुमो कार्यकर्ताओं की यह मांग इतनी आसानी से पूरी हो पाएगी. क्योंकि तीन बार राजद कोटे से सुरेश पासवान इस सीट से विधायक रहे हैं. ऐसे में क्या राष्ट्रीय जनता दल देवघर विधानसभा सीट को अपनी झोली से झामुमो की झोली में जाने देगी?.
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