रांची: बिहार में सियासी संकट का असर झारखंड में भी दिख सकता है, क्योंकि झारखंड में भी बिहार सरकार के मुख्य राजनीतिक दल जेडीयू अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि को मजबूत करने में जुटा हुआ है. इसे लेकर तीन फरवरी 2024 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार के भी आने की बात झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद खीरू महतो ने कही थी, लेकिन बिहार में सियासी भूचाल के बीच अब यह लगभग तय हो गया है कि तीन फरवरी को नीतीश कुमार का रामगढ़ में होने वाला कार्यक्रम रद्द हो चुका है. हालांकि पार्टी की ओर से अब तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
इंडी गठबंधन की एकता पर उठे सवालः बिहार में जनता दल यूनाइटेड और राजद की जोड़ी के टूटने के आसार के बाद देशभर में इंडी गठबंधन की एकता पर सवाल उठ रहे हैं. झारखंड में भी इंडी गठबंधन के मजबूत घटक दल होने के नाते यह कयास लगाए जा रहे हैं कि झारखंड जेडीयू अब इंडिया गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ेगी. बिहार में चल रही सियासी खींचातानी के बीच झारखंड के जेडीयू नेताओं ने चुप्पी साध ली है.
झारखंड जेडीयू नीतीश कुमार के साथः इस संबंध में झारखंड जेडीयू के प्रदेश स्तर के नेता और प्रदेश महासचिव श्रवण कुमार ने बताया कि जब तक शीर्ष नेतृत्व से स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं आ जाता है, तब तक कुछ भी कहना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड जेडीयू अपने कार्यकर्ताओं के साथ अपने सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार संग कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है. उनकी तरफ से जो भी दिशा निर्देश दिया जाएगा, उसी आधार पर झारखंड जेडीयू के सभी नेता और कार्यकर्ता अपना काम करेंगे. उन्होंने बताया कि झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद खीरू महतो सियासी हलचल पर निगरानी बनाए हुए हैं, जो भी निर्णय होगा वो सभी कार्यकर्ताओं के बीच रखा जाएगा.
झारखंड में जनाधार बनाने में जुटा है जेडीयूः मालूम हो कि झारखंड में जदयू अपना जनाधार को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसको लेकर पिछले दो महीने में कई बार झारखंड के प्रदेश प्रभारी सह बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद ललन सिंह झारखंड दौरा कर चुके हैं, लेकिन अब बिहार में नए सियासी तालमेल के बीच झारखंड जेडीयू का क्या रूख होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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