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खूंटी सदर अस्पताल से गायब रहीं डॉ नीलम दास को सरकार ने किया बर्खास्त, कोरोना काल से थीं गायब - Dr Neelam Das sacked - DR NEELAM DAS SACKED

Dr Neelam Das sacked. खूंटी सदर अस्पताल से गायब चल रहीं डॉ नीलम दास को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. डॉ नीलम कोरोना काल से ही गायब थीं, जिसके बाद इस संबंध में विभाग को पत्राचार किया गया था.

Dr Neelam Das sacked
खूंटी सदर अस्पताल (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 8, 2024, 1:59 PM IST

खूंटी : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें मुख्य रूप से खूंटी सदर अस्पताल में पदस्थापित विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी (पैथोलॉजी) डॉ. नीलम दास को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई. खूंटी सदर अस्पताल के सिविल सर्जन नागेश्वर मांझी ने बताया कि डॉ. नीलम दास कोरोना काल में अचानक अस्पताल से गायब पाई गईं. डॉक्टर को कई रिमाइंडर भेजे गए लेकिन जब डॉक्टर की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो सिविल सर्जन ने विभाग से पत्राचार किया.

सिविल सर्जन का बयान (ईटीवी भारत)

सिविल सर्जन ने उस समय विभाग को बताया कि डॉ. नीलम दास बिना सूचना के गायब हैं. उसके बाद जांच के बाद लगातार अनुपस्थित रहने के कारण डॉक्टर को बर्खास्त करने का अनुरोध विभाग से किया गया, जिसके बाद बुधवार को सरकार ने बर्खास्तगी की स्वीकृति दे दी है.

सदर अस्पताल के कुछ डॉक्टरों ने बताया कि डॉ. नीलम दास कोरोना काल में गर्भवती थीं और उस समय उन्होंने छुट्टी ली थी, लेकिन वे कई महीनों तक अस्पताल नहीं लौटीं और न ही उन्होंने अस्पताल को किसी प्रकार का जवाब दिया. उसके बाद सिविल सर्जन ने कोरोना काल से अस्पताल नहीं आने का कारण पूछते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

वहीं सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया जाता है. डॉक्टरों के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण अब तक लगभग सभी प्रखंड क्षेत्रों में पदस्थापित डॉक्टरों के वेतन में कटौती की गई है. इतना ही नहीं कई डॉक्टरों को शो कॉज किया गया है और स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.

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सिविल सर्जन का बयान (ईटीवी भारत)

सिविल सर्जन ने उस समय विभाग को बताया कि डॉ. नीलम दास बिना सूचना के गायब हैं. उसके बाद जांच के बाद लगातार अनुपस्थित रहने के कारण डॉक्टर को बर्खास्त करने का अनुरोध विभाग से किया गया, जिसके बाद बुधवार को सरकार ने बर्खास्तगी की स्वीकृति दे दी है.

सदर अस्पताल के कुछ डॉक्टरों ने बताया कि डॉ. नीलम दास कोरोना काल में गर्भवती थीं और उस समय उन्होंने छुट्टी ली थी, लेकिन वे कई महीनों तक अस्पताल नहीं लौटीं और न ही उन्होंने अस्पताल को किसी प्रकार का जवाब दिया. उसके बाद सिविल सर्जन ने कोरोना काल से अस्पताल नहीं आने का कारण पूछते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

वहीं सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया जाता है. डॉक्टरों के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण अब तक लगभग सभी प्रखंड क्षेत्रों में पदस्थापित डॉक्टरों के वेतन में कटौती की गई है. इतना ही नहीं कई डॉक्टरों को शो कॉज किया गया है और स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.

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