पलामूः झारखंड का पलामू प्रमंडल गर्मी के मौसम में भीषण पेयजल की संकट से जूझता है. साथ ही प्रत्येक दूसरे वर्ष यह इलाका अकाल या सुखाड़ का सामना करता है. फरवरी के महीने से ही पलामू प्रमंडल के मुख्यालय मेदिनीनगर का अधिकांश इलाके में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है. करीब एक दशक बाद पलामू को झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर पलामू के छतरपुर से विधायक हैं. पेयजल समस्या, अकाल और सुखाड़ को लेकर वे कई मौकों पर आवाज उठाते रहे है.
मीडिया से बातचीत में झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कई बातें कही हैं. राधाकृष्ण किशोर का कहना है कि पेयजल एवं आपूर्ति विभाग की 80 प्रतिशत योजनाएं फंक्शनल नहीं है. विभाग की योजनाएं हकीकत में कुछ और कागज पर कुछ नजर आती हैं. मंत्री राधाकृष्ण किशोर का कहना है कि पलामू के इलाके को 1200 मिलीमीटर बारिश की जरूरत है, लेकिन पर्याप्त बारिश नहीं होती है. 700 से 800 मिलीमीटर बारिश में भी यह इलाका अकाल और सुखाड़ से जूझने लगता है.
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 400 से 500 मिलीमीटर बारिश होती है. लेकिन राजस्थान में कम बारिश होने के बावजूद वहां की सरकार ने अपने प्रोडक्ट को आगे बढ़ाया है. झारखंड में बारिश का पानी नहीं बच पाता है. 80 प्रतिशत बारिश का पानी बह जाता है. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार वाटर कंजर्वेशन को लेकर गंभीर है. मेदिनीनगर और छतरपुर के इलाके में पेयजल आपूर्ति को लेकर में विभागीय सचिव से बात करेंगे एवं पानी की समस्या का समाधान कराने का प्रयास करेंगे.
मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि विधायक मद से पेयजल आपूर्ति योजना को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मेंटेनेंस नहीं करता है. उन्होंने कहा कि मामले को कैबिनेट में उठाया है और कहा है कि विधायक मद या निजी क्षेत्र की कंपनियां के द्वारा पेयजल आपूर्ति योजनाओं को सरकार एडॉप्ट करें, ताकि समय के साथ पेयजल आपूर्ति योजनाओं को मेंटेनेंस किया जा सके.
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