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झारखंड में हर सहयोगी दल चाहता है अधिक लोकसभा सीट, आखिर कैसे बनेगा सर्वमान्य फार्मूला!

Jharkhand Congress troubled. झारखंड में कांग्रेस पार्टी के साथ साथ इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग तय नहीं हो पा रहा है. सर्वमान्य फार्मूला ना बन पाने के कारण प्रदेश कांग्रेस की मुसीबत बढ़ती जा रही है.

Jharkhand Congress troubled regarding seat sharing of INDIA parties
I.N.D.I.A पार्टियों के सीट शेयरिंग को लेकर झारखंड कांग्रेस परेशान
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 23, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Jan 23, 2024, 4:25 PM IST

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर जेएमएम और राजद नेताओं के बयान

रांची: भाजपा को परास्त करने के लिए विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A तो बना लिया है. लेकिन कम से कम झारखंड में कोई भी विपक्षी दल त्याग नहीं करना चाहता है. इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मुद्दा झारखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी भरा साबित हो रहा है.

झामुमो, राजद, जदयू, वाममोर्चा हर कोई की इच्छा ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट ओर चुनाव लड़ने की है जबकि राज्य में कुल जमा 14 लोकसभा सीट ही है. ऐसे में कांग्रेस इस दुविधा में पड़ी है कि आखिर राज्य में कैसे सीट शेयरिंग का फार्मूला तय किया जाए और कैसे भाजपा को शिकस्त दी है. इन सबके बीच लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने शनिवार को एक बार फिर प्रदेश कार्यसमिति से 04 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को भेज दिया है.

09-10 को छोड़ मांग रहे हैं सिर्फ 07 सीट- झामुमोः झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 में सबसे ज्यादा 30 सीट जीतने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि राजनीतिक दलों को ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा रखना उनका अधिकार है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है अपने कार्यकर्ताओं के इच्छा का पालन करना.

I.N.D.I.A के दलों के बीच त्याग करने के वाम मोर्चा के नेताओं की सलाह पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि झामुमो त्याग कर ही सिर्फ 07 लोकसभा सीट की डिमांड कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं की इच्छा 09-10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की है. लेकिन बहुत सोच-समझकर झामुमो सिर्फ 07 सीट लोकसभा सीट मांग की है, यह भी एक त्याग है.

चार सीट इसलिए मांग रहे क्योंकि हम मजबूत हैं- राजदः 20 जनवरी को प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राज्य की चार लोकसभा सीट पलामू, चतरा, कोडरमा और गोड्डा सीट पर दावेदारी का प्रस्ताव पारित कर लालू प्रसाद को भेजा है. इस सवाल पर राजद नेता राजेश यादव कहते हैं कि इन सीटों पर हम इसलिए दावेदारी करते हैं क्योंकि यहां हमारा वोट बैंक MY (मुस्लिम-यादव) के रूप में बहुत मजबूत है. वह कहते हैं कि इसके अलावा भी बहुत सारे जिलों में यादव निर्णायक भूमिका में है.

लेफ्ट का दावा बरकरार, जदयू भी चाहता है टिकटः राज्य में I.N.D.I.A दलों के बीच सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझा पाना आसान नहीं लगता क्योंकि किसी भी पार्टी में त्याग का भाव नहीं दिखता. हर कोई भाजपा और मोदी को परास्त करना चाहता है लेकिन कौन गठबंधन धर्म को निभाने के लिए त्याग करेगा तो सभी एक दूसरे का मुंह देखने लग जाते हैं. लेफ्ट मोर्चा का हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद, राजमहल पर दावेदारी है तो जदयू भी कम से कम एक सीट चाहता है. वहीं आप जैसी पार्टी जिसका अभी राज्य में कोई वजूद ऐसा नहीं कि लोकसभा चुनाव जीत जाए, बावजूद इसके वह रांची और धनबाद पर दावेदारी ठोकने में पीछे नहीं है.

इन सबके बीच अच्छी बात सिर्फ एक है कि सीटों की दावेदारी के साथ राज्य के सभी इंडिया दलों के नेता अंतिम फैसला आलकमान पर छोड़ने की बात कहते हैं. लेकिन इन सबके बीच सवाल यह भी बन जाता है कि अगर I.N.D.I.A दल के आलाकमान सीट शेयरिंग कर भी लेते हैं तो ग्रासरूट पर इन दलों के नेता और कार्यकर्ता किस हद तक अपने सहयोगी दलों को जीत दिलाने के लिए काम करते नजर आएंगे, यह बड़ा सवाल है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में जेएमएम अधिक सीटों पर लड़ेगा चुनाव, सीट शेयरिंग पर दिल्ली में झामुमो-कांग्रेस के बीच बैठक में फाइनल हुआ फॉर्मूला

इसे भी पढ़ें- सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला बनाने में जुटी पार्टियां, झामुमो, कांग्रेस, राजद सबकी अलग गणित

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इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर जेएमएम और राजद नेताओं के बयान

रांची: भाजपा को परास्त करने के लिए विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A तो बना लिया है. लेकिन कम से कम झारखंड में कोई भी विपक्षी दल त्याग नहीं करना चाहता है. इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मुद्दा झारखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी भरा साबित हो रहा है.

झामुमो, राजद, जदयू, वाममोर्चा हर कोई की इच्छा ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट ओर चुनाव लड़ने की है जबकि राज्य में कुल जमा 14 लोकसभा सीट ही है. ऐसे में कांग्रेस इस दुविधा में पड़ी है कि आखिर राज्य में कैसे सीट शेयरिंग का फार्मूला तय किया जाए और कैसे भाजपा को शिकस्त दी है. इन सबके बीच लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने शनिवार को एक बार फिर प्रदेश कार्यसमिति से 04 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को भेज दिया है.

09-10 को छोड़ मांग रहे हैं सिर्फ 07 सीट- झामुमोः झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 में सबसे ज्यादा 30 सीट जीतने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि राजनीतिक दलों को ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा रखना उनका अधिकार है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है अपने कार्यकर्ताओं के इच्छा का पालन करना.

I.N.D.I.A के दलों के बीच त्याग करने के वाम मोर्चा के नेताओं की सलाह पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि झामुमो त्याग कर ही सिर्फ 07 लोकसभा सीट की डिमांड कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं की इच्छा 09-10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की है. लेकिन बहुत सोच-समझकर झामुमो सिर्फ 07 सीट लोकसभा सीट मांग की है, यह भी एक त्याग है.

चार सीट इसलिए मांग रहे क्योंकि हम मजबूत हैं- राजदः 20 जनवरी को प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राज्य की चार लोकसभा सीट पलामू, चतरा, कोडरमा और गोड्डा सीट पर दावेदारी का प्रस्ताव पारित कर लालू प्रसाद को भेजा है. इस सवाल पर राजद नेता राजेश यादव कहते हैं कि इन सीटों पर हम इसलिए दावेदारी करते हैं क्योंकि यहां हमारा वोट बैंक MY (मुस्लिम-यादव) के रूप में बहुत मजबूत है. वह कहते हैं कि इसके अलावा भी बहुत सारे जिलों में यादव निर्णायक भूमिका में है.

लेफ्ट का दावा बरकरार, जदयू भी चाहता है टिकटः राज्य में I.N.D.I.A दलों के बीच सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझा पाना आसान नहीं लगता क्योंकि किसी भी पार्टी में त्याग का भाव नहीं दिखता. हर कोई भाजपा और मोदी को परास्त करना चाहता है लेकिन कौन गठबंधन धर्म को निभाने के लिए त्याग करेगा तो सभी एक दूसरे का मुंह देखने लग जाते हैं. लेफ्ट मोर्चा का हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद, राजमहल पर दावेदारी है तो जदयू भी कम से कम एक सीट चाहता है. वहीं आप जैसी पार्टी जिसका अभी राज्य में कोई वजूद ऐसा नहीं कि लोकसभा चुनाव जीत जाए, बावजूद इसके वह रांची और धनबाद पर दावेदारी ठोकने में पीछे नहीं है.

इन सबके बीच अच्छी बात सिर्फ एक है कि सीटों की दावेदारी के साथ राज्य के सभी इंडिया दलों के नेता अंतिम फैसला आलकमान पर छोड़ने की बात कहते हैं. लेकिन इन सबके बीच सवाल यह भी बन जाता है कि अगर I.N.D.I.A दल के आलाकमान सीट शेयरिंग कर भी लेते हैं तो ग्रासरूट पर इन दलों के नेता और कार्यकर्ता किस हद तक अपने सहयोगी दलों को जीत दिलाने के लिए काम करते नजर आएंगे, यह बड़ा सवाल है.

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Last Updated : Jan 23, 2024, 4:25 PM IST
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