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नौनिहालों तक न पहुंचे नशे का सामान, झारखंड सीआईडी ने बनाया निगरानी के लिए फूल फ्रूफ प्लान! - Jharkhand CID against drugs

Jharkhand CID team initiative. नशे के खिलाफ प्रशासन लगातार प्रहार कर रहा है. इसके लिए अब झारखंड सीआईडी की टीम भी नौनिहालों को इससे बचाने के लिए नया एक्शन प्लान बनाया है. सीआईडी की टीम अब स्कूल और कॉलेजों में जाकर नशे के खिलाफ और उससे होने वाली समस्या पर सभी से बात करेगी.

Jharkhand CID team will visit schools and colleges to make aware of problem of drug addiction
झारखंड सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज जाकर नशे की समस्या पर छात्रों को जागरूक करेगी
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 26, 2024, 5:59 PM IST

जानकारी देते झारखंड सीआईडी के डीजी

रांचीः राजधानी में नशे के तस्करों की जद में सबसे ज्यादा छात्र आते हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक नशे के तस्करों की पहुंच हो चुकी है. ऐसे में इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अब झारखंड सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर ड्रग्स की समस्या कितनी गंभीर है और कौन-कौन लोग इस धंधे में शामिल हैं, इसका पता लगाएगी. जिसकी शुरुआत राजधानी रांची से की जाएगी.

आउटरीच प्रोग्राम के तहत टारगेट किए जाएंगे स्कूल-कॉलेज

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि स्कूल और कॉलेज के बाहर और भीतर ड्रग्स को लेकर स्थिति कितनी भयावह है. साथ ही कहां-कहां स्कूल और कॉलेज के बाहर ड्रग्स बेचे जाते हैं, इन सारी बातों की जानकारी जुटाई जा रही है. इसके लिए सीआईडी की टीम के द्वारा एक आउटरीच प्रोग्राम बनाया गया है. जिसकी शुरुआत फिलहाल रांची से की जा रही है.

इस आउटरीच प्रोग्राम के तहत सीआईडी की टीम सबसे पहले रांची की सभी शैक्षणिक संस्थानों को टारगेट करेगी. इसके तहत झारखंड सीआईडी अपनी अलग-अलग टीमों को रांची के विभिन्न स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भेजेगी. सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर यह पता लगाएगी कि आखिरकार ड्रग्स की समस्या कितनी बड़ी है. सीआईडी डीजी के अनुसार अभी तक पुलिस के पास यह जानकारी ही नहीं है कि स्कूल-कॉलेज में किस तरह से नशे के तस्कर हावी हैं या फिर क्या वाकई शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति भयवाह है.

गुप्त और खुले तौर पर दे सकते हैं जानकारी

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हों, पढ़ाने वाले शिक्षक हो या फिर गार्जियन, सभी सीआईडी की टीम के सामने आकर या फिर गुप्त रूप से ड्रग्स को लेकर जो जानकारियां उनके पास हैं उसे खुलकर बता सकते हैं. पढ़ने वाले किसी बच्चे, उनके गार्जियन या फिर शिक्षक को अगर इसकी जानकारी है कि उनके स्कूल या कॉलेज में ड्रग्स कारोबारियों का प्रभाव है या स्कूल के आसपास किसी पान गुमटी या चाय दुकान पर ड्रग्स बिकता है, तो वे गुप्त रूप से इसकी जानकारी सीआईडी को दे सकते हैं.

स्कूल चिन्हित, जल्द भेजा जाएगा पत्र

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मेट तैयार किया गया है जो पत्र के रूप में सभी स्कूल और कॉलेजों को भेजा जाएगा. पत्र भेजने के बाद सीआईडी की टीम उन सभी स्कूलों का भ्रमण करेगी और वहां के वरिष्ठ लोगों से लेकर बच्चों तक से ड्रग्स को लेकर बात करेगी. अगर स्कूल और कॉलेज के प्रिंसिपल को ड्रग्स को लेकर कोई जानकारी होगी तो उनसे भी बात की जाएगी. साथ ही यह भी चर्चा भी की जाएगी कि आखिरकार इस समस्या का निवारण कैसे किया जाए.

रिपोर्ट पर कार्रवाई

स्कूल और कॉलेज से जब गुप्त और खुले तौर पर जो रिपोर्ट सीआईडी को मिलेगी, उसके आधार पर ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिससे स्कूल और कॉलेज को नशे के तस्करों की जद से निकाला जा सके. इसके साथ ही नौनिहालों को भी नशे से दूर रखा जा सके.

इसे भी पढ़ें- नशे के सौदागरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाईः नौ तस्कर हुए जिला बदर, गुंडा पंजी में जोड़े गये 37 नाम - Police action against drugs

इसे भी पढ़ें- ड्रग्स माफिया पर लगाम लगाने की कवायद, हर हाल में रोका जाएगा राज्य में नशे का कारोबार - Drugs mafia in Jharkhand

इसे भी पढ़ें- झारखंड में फैलता नशे का कारोबार चिंता का विषय, हाईकोर्ट ने कहा, राज्य और केंद्रीय एजेंसियां चलाएं संयुक्त अभियान, आला अधिकारी बनाए गये प्रतिवादी - Jharkhand High Court

जानकारी देते झारखंड सीआईडी के डीजी

रांचीः राजधानी में नशे के तस्करों की जद में सबसे ज्यादा छात्र आते हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक नशे के तस्करों की पहुंच हो चुकी है. ऐसे में इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अब झारखंड सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर ड्रग्स की समस्या कितनी गंभीर है और कौन-कौन लोग इस धंधे में शामिल हैं, इसका पता लगाएगी. जिसकी शुरुआत राजधानी रांची से की जाएगी.

आउटरीच प्रोग्राम के तहत टारगेट किए जाएंगे स्कूल-कॉलेज

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि स्कूल और कॉलेज के बाहर और भीतर ड्रग्स को लेकर स्थिति कितनी भयावह है. साथ ही कहां-कहां स्कूल और कॉलेज के बाहर ड्रग्स बेचे जाते हैं, इन सारी बातों की जानकारी जुटाई जा रही है. इसके लिए सीआईडी की टीम के द्वारा एक आउटरीच प्रोग्राम बनाया गया है. जिसकी शुरुआत फिलहाल रांची से की जा रही है.

इस आउटरीच प्रोग्राम के तहत सीआईडी की टीम सबसे पहले रांची की सभी शैक्षणिक संस्थानों को टारगेट करेगी. इसके तहत झारखंड सीआईडी अपनी अलग-अलग टीमों को रांची के विभिन्न स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भेजेगी. सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर यह पता लगाएगी कि आखिरकार ड्रग्स की समस्या कितनी बड़ी है. सीआईडी डीजी के अनुसार अभी तक पुलिस के पास यह जानकारी ही नहीं है कि स्कूल-कॉलेज में किस तरह से नशे के तस्कर हावी हैं या फिर क्या वाकई शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति भयवाह है.

गुप्त और खुले तौर पर दे सकते हैं जानकारी

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हों, पढ़ाने वाले शिक्षक हो या फिर गार्जियन, सभी सीआईडी की टीम के सामने आकर या फिर गुप्त रूप से ड्रग्स को लेकर जो जानकारियां उनके पास हैं उसे खुलकर बता सकते हैं. पढ़ने वाले किसी बच्चे, उनके गार्जियन या फिर शिक्षक को अगर इसकी जानकारी है कि उनके स्कूल या कॉलेज में ड्रग्स कारोबारियों का प्रभाव है या स्कूल के आसपास किसी पान गुमटी या चाय दुकान पर ड्रग्स बिकता है, तो वे गुप्त रूप से इसकी जानकारी सीआईडी को दे सकते हैं.

स्कूल चिन्हित, जल्द भेजा जाएगा पत्र

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मेट तैयार किया गया है जो पत्र के रूप में सभी स्कूल और कॉलेजों को भेजा जाएगा. पत्र भेजने के बाद सीआईडी की टीम उन सभी स्कूलों का भ्रमण करेगी और वहां के वरिष्ठ लोगों से लेकर बच्चों तक से ड्रग्स को लेकर बात करेगी. अगर स्कूल और कॉलेज के प्रिंसिपल को ड्रग्स को लेकर कोई जानकारी होगी तो उनसे भी बात की जाएगी. साथ ही यह भी चर्चा भी की जाएगी कि आखिरकार इस समस्या का निवारण कैसे किया जाए.

रिपोर्ट पर कार्रवाई

स्कूल और कॉलेज से जब गुप्त और खुले तौर पर जो रिपोर्ट सीआईडी को मिलेगी, उसके आधार पर ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिससे स्कूल और कॉलेज को नशे के तस्करों की जद से निकाला जा सके. इसके साथ ही नौनिहालों को भी नशे से दूर रखा जा सके.

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