रांची: केंद्रीय बजट पर सबकी निगाहें टिकी हैं. एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट में झारखंड के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रावधान करने की लगातार मांग हो रही है. व्यवसायियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने झारखंड के लिए विशेष पैकेज के साथ ही स्टील प्लांट लगाने जैसे कई सुझाव दिए हैं ताकि रोजगार के साथ-साथ राज्य का तेजी से विकास हो सके.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे गए पत्र की जानकारी देते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि हमारे व्यक्तिगत टैक्स और जीएसटी से जुड़े कई प्रस्ताव हैं, इसके अलावा हमने आधारभूत संरचना विकास, कृषि विकास के लिए भी कई सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमने यह भी सुझाव दिया है कि झारखंड क्षेत्र में एक और स्टील प्लांट कैसे स्थापित किया जा सकता है. स्टील प्लांट के आने से पूरे क्षेत्र का कायापलट हो जाता है.
आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि चैंबर ने यह भी मांग की है कि रक्षा और रेलवे के बड़े केंद्र स्थापित किए जाएं, क्योंकि इनका मूल कच्चा माल लोहा है और झारखंड से लोहा दूसरे राज्यों में भेजा जाता है, इसलिए अगर ये बड़े प्लांट स्थापित होते हैं, तो झारखंड की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ सकेगी और केंद्र सरकार का यह विजन भी पूरा हो सकेगा कि पूर्वी भारत अब भारत का विकास इंजन बने.
उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में मैनपावर की कोई कमी नहीं है, आप देखेंगे कि झारखंड के मजदूर दूसरे राज्यों में जाकर वहां औद्योगिक कार्यों में लगे हैं, इसलिए अगर उन्हें अपने राज्य में ही काम मिल जाए, तो पलायन की समस्या भी खत्म हो जाएगी और हमारा पैसा हमारे राज्य में ही रहेगा.
व्यवसायियों को मिले सामाजिक सुरक्षा
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने केंद्र सरकार से बजट में व्यवसायियों के लिए सामाजिक सुरक्षा की मांग की है और स्वास्थ्य बीमा के नियमों को लचीला बनाने का भी अनुरोध किया है. इसके अलावा मोटर पार्ट्स पर 28% जीएसटी को घटाकर 17% करने और हेलमेट जैसी सड़क सुरक्षा वस्तुओं की दर को भी कम करने का अनुरोध किया है.
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आदित्य मल्होत्रा के अनुसार व्यवसायियों को 65 वर्ष की आयु के बाद ही पेंशन स्वास्थ्य सुविधा मिलनी चाहिए क्योंकि एक व्यवसायी का जीवन भर टैक्स भरने में महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसलिए उन्हें सामाजिक सुरक्षा का दर्जा देने की बहुत आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि अगर आपके लोग स्वस्थ रहते हैं तो यह बहुत बड़ी संपत्ति है. देश के लिए इस वर्ष के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रमुखता से आवंटित किया जाना चाहिए और हमारी मांग है कि जीडीपी का 5% स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित होना चाहिए. कृषि क्षेत्र में कई चीजें लाने से भी कृषि को बढ़ावा मिलेगा. जैसे एमएसपी का मूल्य तय होगा तो किसान को हमेशा एक न्यूनतम मूल्य मिलेगा. हम नई तकनीक जैसे ड्रोन, वर्टिकल फार्मिंग, स्पेस इकोनॉमी और ऐसे नए सनराइज सेक्टर को कृषि के क्षेत्र और अपने उत्पादों में कैसे शामिल कर सकते हैं? हमारी मांग यह भी रही है कि हमारे झारखंड के सभी शहरों में अंडरपास, ओवरपास, आरओबी की बेहतर प्लानिंग हो ताकि शहरों का विकास हो सके.
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