लातेहारः लातेहार जिले के मनिका विधानसभा क्षेत्र में चुनाव, इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बन गया है. मनिका विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेसी कार्यकर्ता ही बगावत पर उतर गए हैं. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष निर्दलीय चुनावी मैदान में आ गए हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन के मजबूत साथी राष्ट्रीय जनता दल के लोग भी कांग्रेस प्रत्याशी से पूरी तरह दूरी बनाते हुए खुलकर समाजवादी पार्टी के पक्ष में उतर गए हैं.
दरअसल मनिका विधानसभा क्षेत्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र सिंह 16000 से भी अधिक मतों से चुनाव जीते थे. गत चुनाव में उन्हें लगभग 74000 वोट मिले थे. वही उनके प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी को 57758 वोट आए थे.
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राष्ट्रीय जनता दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे. इस कारण भाजपा प्रत्याशी को आसानी से हराने में कामयाब भी रहे थे. लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में भी मनिका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग 1500 वोटों की बढ़त मिल गई थी.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लगभग 74000 और भाजपा प्रत्याशी को लगभग 72500 वोट मिले थे. उपरोक्त दोनों चुनाव में इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एक होकर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल बदल चुकी है. विधानसभा चुनाव 2024 में मनिका विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामचंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उनसे नाराज कांग्रेसियों ने ही बगावत कर दी है.
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुनेश्वर उरांव को कांग्रेसियों ने ही बागी प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतार दिया है. मुनेश्वर उरांव के साथ पिछले कई वर्षों से कांग्रेस का झंडा ढोने वाले बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हो गए हैं. कांग्रेस का वोट बैंक भी मुनेश्वर उरांव के साथ साफ दिखाई दे रहा है. इस नए समीकरण से कांग्रेस के समक्ष एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
राजद ने पकड़ लिया अलग रास्ता
इधर, मनिका विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता भी अपना प्रत्याशी चाह रहे थे. भारतीय जनता पार्टी के मजबूत नेता रघुपाल सिंह को एक वर्ष पहले ही राष्ट्रीय जनता दल में शामिल किया गया था और चुनाव की तैयारी भी आरंभ कर दी गई थी. परंतु इंडिया गठबंधन के द्वारा मनिका विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस को दिए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखा गया.
राजद नेता रघुपाल सिंह ने इस के चलते समाजवादी पार्टी का दामन थामा और मनिका विधानसभा के चुनाव में उतर गए. उनके समर्थन में राजद के अधिकांश कार्यकर्ता और नेता भी आ गए.
कहा तो यह भी जा रहा है कि वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के कुछ नेताओं को छोड़कर शेष सभी लोग रघुपाल सिंह के पक्ष में खड़े हो गए हैं. राष्ट्रीय जनता दल की मनिका विधानसभा क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. इस स्थिति में कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र सिंह के समक्ष यह भी एक बड़ी चुनौती बन गई है.
अपने काम के बदौलत रामचंद्र सिंह को है जीत का भरोसा
इधर बदले हुए समीकरण के बावजूद विधायक रामचंद्र सिंह को पूरा भरोसा है कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों में जितने काम किए हैं, उसके अनुसार उन्हें जनता का पूरा समर्थन मिलेगा. रामचंद्र सिंह का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों में उन्होंने पिछले 5 वर्षों में विकास की गंगा बहा दी है.
उन्होंने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में मनिका विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह सुविधा संपन्न हो जाएगा. उनका कहना है कि इंडिया गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले लोग जनता को धोखा दे रहे हैं. ऐसे लोग इंडिया गठबंधन को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है. इस बार मनिका विधानसभा क्षेत्र से ऐतिहासिक जीत हासिल होगी.
डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं लोग
इधर इंडिया गठबंधन में आई इस दरार को पाटने तथा डैमेज कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस के कई बड़े नेता लग गए हैं. लातेहार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुनेश्वर उरांव के बागी होने से उरांव जनजाति के वोट के बिखराव को रोकने के लिए कांग्रेस ने गूंजर उरांव को कांग्रेस का कार्यकारी जिला अध्यक्ष बना दिया है. हालांकि कांग्रेस कितना डैमेज कंट्रोल कर सकेगा यह आने वाले कुछ दिनों में स्पष्ट हो पाएगा.
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