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Jharkhand Vidhan Sabha Chunav: उमाकांत के जेएमएम में शामिल से चंदनकियारी का बदला सियासी समीकरण!

आजसू के कद्दावर नेता उमाकांत रजक जेएमएम में शामिल हो गये हैं. उनके जाने के बाद चंदनकियारी सीट के राजनीतिक समीकरण में बदलाव हुआ है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

Jharkhand Assembly Elections 2024 political equation of Chandankiyari seat after Umakant Rajak joined JMM
बोकारो में आजसू की प्रेस वार्ता (Etv Bharat)

बोकारो: झारखंड सरकार में मंत्री रह चुके चंदनकियारी के पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने आजसू पार्टी को छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही चंदनकियारी का राजनीतिक समीकरण भी बदलने लगा है.

उमाकांत रजक आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव भी रहे. 2010 के चुनाव में आजसू के टिकट पर पहली दफा चंदनकियारी से चुनाव लड़े और विधायक बने. उस समय राज्य में भाजपा और आजसू के नेतृत्व में सरकार बनी और उमाकांत को मंत्री बनने का अवसर मिला. लेकिन 2014 एवं 2019 के चुनाव में इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. यहां वर्तमान में अमर कुमार बाउरी विधायक हैं, जो भाजपा के प्रतिपक्ष के नेता हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

आजसू नेता का बयान (ETV Bharat)

2014 के चुनाव में भाजपा आजसू एलायंस के तहत ही चुनाव हुआ था लेकिन तब उमाकांत और अमर कुमार बाउरी के बीच दोस्ताना संघर्ष हुआ था. 2019 के चुनाव में भाजपा और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. उसमें अमर बाउरी दोबारा विधायक बने. इस बार भी चंदनकियारी को लेकर भाजपा-आजसू गठबंधन में पेंच फंसता दिख रहा था और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे. जिसमें चंदनकियारी से उमाकांत और अमर बाउरी दोनों ही चुनाव लड़ेंगे लेकिन एलायंस में गणित कैसा बैठेगा, इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी.

यह संभावना जताई जा रही थी कि 2014 की तरह इस बार भी चंदनकियारी में भाजपा और आजसू उम्मीदवार के बीच दोस्ताना संघर्ष हो सकता है. लेकिन भाजपा के नेतृत्व में राज्य में किसी भी जगह दोस्ताना संघर्ष से साफ तौर पर इनकार कर दिया. उसके बाद उमाकांत के पास चुनाव लड़ने के लिए आजसू छोड़ने के सिवाय और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा. पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि अगर ऐसी स्थिति हुई तो उमाकांत झारखंड मुक्ति मोर्चा या जयराम महतो के नेतृत्व में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा में शामिल हो सकते हैं और उसी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. आखिरकार उमाकांत झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो चुके हैं और चंदनकियारी से झामुमो के टिकट पर इनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.

आजसू नेता उमाकांत रजक के पार्टी छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उमाकांत रजक के आजसू पार्टी छोड़ने के बाद जेएमएम ज्वाइन करने से पार्टी पर कोई विशेष अंतर नहीं आएगा. पार्टी एनडीए के पक्ष में कार्य करेगी. चंदनकियारी विधानसभा में भी एनडीए प्रत्याशी को ही सफलता हासिल होगी. बोकारो जिले के चार विधानसभा में आजसू के कार्यकर्ता गठबंधन के प्रत्याशी को बढ़त दिलाने का काम करेंगे. यह बातें पार्टी के जिला अध्यक्ष सचिन महतो ने पत्रकारों से बात करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर को गोमिया विधानसभा से पार्टी प्रत्याशी लंबोदर महतो अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इस दौरान बड़े मार्जिन से जीत का आगाज भी किया जाएगा. सचिन महतो ने कहा कि जिस वादे के साथ वर्तमान सरकार आई थी. वह वादे आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके गोमिया विधायक अपने क्षेत्र में 700 करोड़ की योजना को धरातल पर उतरने का काम किए हैं. जब उनसे सरकार के कामकाज का हिसाब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ नहीं किया.

पूर्व में रही है जेएमएम की सीट

चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रभाव पहले से रहा है. झामुमो के टिकट पर हारू रजवार यहां से कई दफा चुनाव जीत चुके हैं. वर्तमान में भी चंदनकियारी विधानसभा में झामुमो का प्रभाव है. पिछले चुनाव में झामुमो नेता संतोष रजवार के पुत्र विजय रजवार ने झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़कर अच्छा खासा वोट प्राप्त किया था. दूसरी ओर उमाकांत रजक के पास भी अपना एक बड़ा जनाधार है. ऐसी स्थिति में इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि झामुमो के कार्यकर्ताओं ने अगर ईमानदारी से उमाकांत रजक का साथ दिया तो, इस चुनाव में चंदनकियारी विधानसभा का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल सकता है.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Election 2024: डुमरी से आजसू का कौन होगा प्रत्याशी, तीन नेताओं ने ठोंक रखा है दावा

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बोकारो: झारखंड सरकार में मंत्री रह चुके चंदनकियारी के पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने आजसू पार्टी को छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही चंदनकियारी का राजनीतिक समीकरण भी बदलने लगा है.

उमाकांत रजक आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव भी रहे. 2010 के चुनाव में आजसू के टिकट पर पहली दफा चंदनकियारी से चुनाव लड़े और विधायक बने. उस समय राज्य में भाजपा और आजसू के नेतृत्व में सरकार बनी और उमाकांत को मंत्री बनने का अवसर मिला. लेकिन 2014 एवं 2019 के चुनाव में इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. यहां वर्तमान में अमर कुमार बाउरी विधायक हैं, जो भाजपा के प्रतिपक्ष के नेता हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

आजसू नेता का बयान (ETV Bharat)

2014 के चुनाव में भाजपा आजसू एलायंस के तहत ही चुनाव हुआ था लेकिन तब उमाकांत और अमर कुमार बाउरी के बीच दोस्ताना संघर्ष हुआ था. 2019 के चुनाव में भाजपा और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. उसमें अमर बाउरी दोबारा विधायक बने. इस बार भी चंदनकियारी को लेकर भाजपा-आजसू गठबंधन में पेंच फंसता दिख रहा था और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे. जिसमें चंदनकियारी से उमाकांत और अमर बाउरी दोनों ही चुनाव लड़ेंगे लेकिन एलायंस में गणित कैसा बैठेगा, इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी.

यह संभावना जताई जा रही थी कि 2014 की तरह इस बार भी चंदनकियारी में भाजपा और आजसू उम्मीदवार के बीच दोस्ताना संघर्ष हो सकता है. लेकिन भाजपा के नेतृत्व में राज्य में किसी भी जगह दोस्ताना संघर्ष से साफ तौर पर इनकार कर दिया. उसके बाद उमाकांत के पास चुनाव लड़ने के लिए आजसू छोड़ने के सिवाय और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा. पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि अगर ऐसी स्थिति हुई तो उमाकांत झारखंड मुक्ति मोर्चा या जयराम महतो के नेतृत्व में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा में शामिल हो सकते हैं और उसी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. आखिरकार उमाकांत झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो चुके हैं और चंदनकियारी से झामुमो के टिकट पर इनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.

आजसू नेता उमाकांत रजक के पार्टी छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उमाकांत रजक के आजसू पार्टी छोड़ने के बाद जेएमएम ज्वाइन करने से पार्टी पर कोई विशेष अंतर नहीं आएगा. पार्टी एनडीए के पक्ष में कार्य करेगी. चंदनकियारी विधानसभा में भी एनडीए प्रत्याशी को ही सफलता हासिल होगी. बोकारो जिले के चार विधानसभा में आजसू के कार्यकर्ता गठबंधन के प्रत्याशी को बढ़त दिलाने का काम करेंगे. यह बातें पार्टी के जिला अध्यक्ष सचिन महतो ने पत्रकारों से बात करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर को गोमिया विधानसभा से पार्टी प्रत्याशी लंबोदर महतो अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इस दौरान बड़े मार्जिन से जीत का आगाज भी किया जाएगा. सचिन महतो ने कहा कि जिस वादे के साथ वर्तमान सरकार आई थी. वह वादे आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके गोमिया विधायक अपने क्षेत्र में 700 करोड़ की योजना को धरातल पर उतरने का काम किए हैं. जब उनसे सरकार के कामकाज का हिसाब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ नहीं किया.

पूर्व में रही है जेएमएम की सीट

चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रभाव पहले से रहा है. झामुमो के टिकट पर हारू रजवार यहां से कई दफा चुनाव जीत चुके हैं. वर्तमान में भी चंदनकियारी विधानसभा में झामुमो का प्रभाव है. पिछले चुनाव में झामुमो नेता संतोष रजवार के पुत्र विजय रजवार ने झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़कर अच्छा खासा वोट प्राप्त किया था. दूसरी ओर उमाकांत रजक के पास भी अपना एक बड़ा जनाधार है. ऐसी स्थिति में इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि झामुमो के कार्यकर्ताओं ने अगर ईमानदारी से उमाकांत रजक का साथ दिया तो, इस चुनाव में चंदनकियारी विधानसभा का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल सकता है.

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