रांची:भाजपा नेता और राज्यपाल रहे कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा रांची में लगाए जाने पर राजनीति गर्म हो गई है.झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने सरकार और प्रशासन से तत्काल कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा हटाने और प्रतिमा लगवाने में शामिल रांची सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व मंत्री और विधायक सीपी सिंह, रांची की पूर्व मेयर आशा लकड़ा और पूर्व डिप्टी मेयर विजयवर्गीय पर कार्रवाई की मांग की है. दरअसल, 15 अगस्त के दिन रांची के बिरसा चौक और पुरानी विधानसभा के बीच में जगन्नाथपुर थाना के सामने वाले चौक पर बाबूलाल मरांडी ने कैलाशपति मिश्र की आदम कद प्रतिमा का अनावरण किया था.
कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
इस संबंध में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के नेता पुष्कर महतो ने कहा कि कोर्ट ने रांची के चौक-चौराहों पर किसी की भी प्रतिमा लगाने से मना कर रखा है तो फिर कैसे प्रतिमा लगा दी गई ? उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के दिन आनन-फानन में भाजपा नेताओं ने ध्वजारोहण के नाम पर प्रतिमा का अनावरण कर दिया. पुष्कर महतो ने कहा कि दरअसल, भाजपा के नेता ही कैलाशपति मिश्र जैसी हस्ती को अपमानित करने के लिए धुर्वा के विवादित जगह पर उनकी प्रतिमा स्थापित कर दी है.
रांची से रामगढ़ तक का शहीद कॉरिडोर खंडित हुआ
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के नेता पुष्कर महतो ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी डेमोग्राफी की बात करती है तो उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा स्थापित करने से अमर शहीदों की डेमोग्राफी चेंज हुई है . रांची से लेकर रामगढ़ तक अमर शहीदों का एक कॉरिडोर है. जिसमें बिरसा मुंडा, सरदार पटेल, विश्वनाथ शाहदेव से लेकर शेख भिखारी तक की प्रतिमा लगी है. ऐसे में इन शहीदों के बीच में कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा कैसे लगा दी गई.
प्रतिमा लगाने के खिलाफ 24 को मोरहाबादी में महाजुटान
सीपीआई की किसान महासभा से जुड़े झारखंड आंदोलनकारी पुष्कर महतो ने कहा कि कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा हटाने के लिए 24 अगस्त को मोरहाबादी में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के नेताओं का महाजुटान होगा. लोगों से हरवे-हथियार के साथ मोरहाबादी पहुंचने को कहा गया है. वहीं संकल्प सभा में आगे की रणनीति पर चर्चा के बाद झारखंड बंद की तिथि का ऐलान किया जाएगा.
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