ग्वालियर: ग्वालियर नगर निगम की मेयर इन काउंसिल के यूपी से डीजल खरीदने के फैसले के बाद देश भर में मध्य प्रदेश में सबसे महंगे बिक रहे पेट्रोलियम पदार्थों को लेकर बहस शुरू हो गई है. मेयर इन काउंसिल ने उत्तर प्रदेश के झांसी से सस्ता डीजल खरीदने के लिए प्रस्ताव पास किया है जिसे नगर निगम से मंजूरी मिल चुकी है. ऐसा करने से नगर निगम को उम्मीद है कि वह साल भर में करीब 87 लाख रुपये की बचत कर सकेगा.
ग्वालियर नगर निगम फैसले पर विपक्षी भाजपा पार्षद खड़े कर रहे हैं सवाल
लेकिन फिलहाल एमआईसी पर विपक्ष यानी भाजपा हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि यदि सस्ता डीजल ही चाहिए तो दिल्ली और हरियाणा से ईधन खरीदा जाए क्योंकि वहां उत्तर प्रदेश से भी सस्ता है. नगर निगम के बचत के गणित पर विपक्ष में बैठे भाजपा पार्षद सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका आरोप है कि ग्वालियर नगर निगम प्रदेश सरकार से अनुदान ले रही है और उत्तर प्रदेश का खजाना भरने की तैयारी में है. दरअसल नगर निगम को हर साल अपने वाहनों को चलाने के लिए करोड़ों का डीजल खरीदना होता है.
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प्रदेश में ज्यादा वैट होने के साथ ही अन्य टैक्स लगाए जाने से डीजल-पेट्रोल महंगा है. ऐसे में नगर निगम ने बचत का गणित निकाला है. नगर निगम अपनी डीजल की जरूरत को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश के झांसी से डीजल खरीदने जा रहा है. नगर निगम को झांसी से डीजल 4 रुपये 31 पैसे प्रति लीटर सस्ता मिलेगा. नगर निगम परिषद से भी इसे मंजूरी मिल चुकी है.
इस फैसले का बीजेपी के पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि नगर निगम अनुदान प्रदेश से लेता है और खजाना उत्तर प्रदेश का भरेगा. यह गलत है. ऐसी स्थिति में नगर निगम के लिए कहा जा सकता है कि जिस थाली में खाया उसी में ही छेद किया. विपक्षी बीजेपी पार्षदों द्वारा इस कदम का विरोध किए जाने पर कांग्रेस की नगर सरकार के एमआईसी मेंबर अवधेश कौरव का बयान सामने आया है.
एमआईसी मेंबर अवधेश कौरव ने कहा, कई सालों से यूपी से खरीदा जा रहा है डीजल
उनका कहना है कि कांग्रेस की नगर सरकार यह पहली बार नहीं करने जा रही है. पूर्व में कोरोना काल के दौरान प्रशासकों द्वारा भी खर्चों को कम करने के लिए यह कदम उठाया जा चुका है. सत्तारूढ़ कांग्रेस का कहना है कि कई सालों से यूपी से डीजल खरीदा जा रहा है. वहां डीजल सस्ता होने की वजह तत्कालीन प्रशासकों ने यह फैसला लिया था. जिसका एमआईसी में अब नवीनीकरण किया गया है. यह कोई नया मामला नहीं है.
झांसी से डीजल खरीदने पर निगम को 87 लाख की होगी बचत
गौरतलब है कि नगर निगम में करीब 30 करोड़ का डीजल हर साल खर्च होता है. यदि 4.31 पैसे सस्ता डीजल झांसी से लाया जाएगा तो निगम को करीब 87 लाख से ज्यादा की बचत होगी. प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से कहीं ज्यादा वैट और अन्य टैक्स पेट्रोलियम पदार्थों पर लगते हैं. जिसके कारण देश भर में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल मध्य प्रदेश में मिलता है.