ETV Bharat / state

झारखंड में मजबूती से लड़ेगी नीतीश की पार्टी, जेडीयू ने इन 12 सीटों पर किया दावा - Jharkhand Assembly Election

Assembly Election 2024. झारखंड विधानसभा चुनाव में जदयू भी इस बार मजबूती से ताल ठोक रही है. पिछले प्रदर्शन को भूलते हुए पार्टी इस बार 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती हैं.

jdu-preparing-to-contest-jharkhand-assembly-election-with-bjp
ग्राफिक्स इमेज (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2024, 5:42 PM IST

रांची: 2014 का विधानसभा चुनाव यूपीए के साथ और 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड इस बार एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहती है. ऐसे में झारखंड की राजनीति में यह कयास लगने लगा है कि बदली हुई राजनीतिक परिदृश्य में जदयू को झारखंड एनडीए में कितनी सीटें मिल सकती हैं. साथ ही वर्ष 2000 से 2024 तक झारखंड में जनता दल यूनाइटेड की कितनी ताकत बची है?

jdu-preparing-to-contest-jharkhand-assembly-election-with-bjp
GFX (ETV BHARAT)

झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह की मानें तो बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौके पर चौका लगाना खूब जानते हैं. नीतीश कुमार की पार्टी का जनाधार और राजनीतिक ताकत भले ही लगातार छिन्न हुई हो लेकिन उन्हें यह भी पता है कि भाजपा की केंद्र सरकार को उनके सहारे की जरूरत है. यही वजह है कि झारखंड में 11-12 सीट की दावेदारी ठोक दी है. पार्टी इस बार एनडीए में 12 सीटों की डिमांड भी इसलिए कर रही है ताकि सहयोगी भाजपा पर एक दबाव बना रहे.

राज्य में जदयू कमजोर नहीं: प्रदेश प्रवक्ता

जदयू के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारी पार्टी जदयू पूरी गंभीरता से विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, भले ही 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खुला हो लेकिन तब इसकी वजह कुछ और थी न कि संगठन का कमजोर होना. प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने बताया कि 2014 में पार्टी UPA के साथ मिलकर 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उस समय देश में प्रचंड मोदी लहर था, जिसका नुकसान जदयू को उठाना पड़ गया.

2019 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने अपने दम पर 46 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की थी. 45 सीट पर पार्टी सिंबल के साथ नामांकन हुआ था जबकि जमशेदपुर पूर्वी में सरयू राय का समर्थन जदयू ने किया था. लेकिन 05 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने की वजह से पार्टी के 40 उम्मीदवार ही मैदान में थे.

jdu-preparing-to-contest-jharkhand-assembly-election-with-bjp
GFX (ETV BHARAT)

2014 में बाघमारा सीट ही ऐसी थी जहां मुकाबले में जदयू उम्मीदवार थे. भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो को तब जलेश्वर महतो ने कड़ी टक्कर दी थी. 2019 में जदयू का चुनावी प्रदर्शन इस कदर खराब था कि मझगांव से प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू 12 वें स्थान पर थे.

जदयू के प्रदेश प्रवक्ता कहते हैं कि 2019 में चुनाव से ठीक पहले ही पार्टी के लचर प्रदर्शन की वजह यह थी कि झामुमो की मांग पर भारत निर्वाचन आयोग ने जदयू का चुनाव चिह्न 'तीर' को छीनकर नया चुनाव चिह्न 'ट्रैक्टर से खेत जोतता किसान दे दिया था, जिसका जबर्दस्त नुकसान पार्टी को उठाना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: झारखंड में जदयू: समय के साथ होता गया बिखराव, आखिर कैसे लगेगी चुनावी नैया पार

ये भी पढ़ें: सीटों पर बीजेपी से हो रही है बात, एनडीए फोल्डर में चुनाव लड़ने का संजय झा ने किया दावा

रांची: 2014 का विधानसभा चुनाव यूपीए के साथ और 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड इस बार एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहती है. ऐसे में झारखंड की राजनीति में यह कयास लगने लगा है कि बदली हुई राजनीतिक परिदृश्य में जदयू को झारखंड एनडीए में कितनी सीटें मिल सकती हैं. साथ ही वर्ष 2000 से 2024 तक झारखंड में जनता दल यूनाइटेड की कितनी ताकत बची है?

jdu-preparing-to-contest-jharkhand-assembly-election-with-bjp
GFX (ETV BHARAT)

झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह की मानें तो बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौके पर चौका लगाना खूब जानते हैं. नीतीश कुमार की पार्टी का जनाधार और राजनीतिक ताकत भले ही लगातार छिन्न हुई हो लेकिन उन्हें यह भी पता है कि भाजपा की केंद्र सरकार को उनके सहारे की जरूरत है. यही वजह है कि झारखंड में 11-12 सीट की दावेदारी ठोक दी है. पार्टी इस बार एनडीए में 12 सीटों की डिमांड भी इसलिए कर रही है ताकि सहयोगी भाजपा पर एक दबाव बना रहे.

राज्य में जदयू कमजोर नहीं: प्रदेश प्रवक्ता

जदयू के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारी पार्टी जदयू पूरी गंभीरता से विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, भले ही 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खुला हो लेकिन तब इसकी वजह कुछ और थी न कि संगठन का कमजोर होना. प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने बताया कि 2014 में पार्टी UPA के साथ मिलकर 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उस समय देश में प्रचंड मोदी लहर था, जिसका नुकसान जदयू को उठाना पड़ गया.

2019 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने अपने दम पर 46 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की थी. 45 सीट पर पार्टी सिंबल के साथ नामांकन हुआ था जबकि जमशेदपुर पूर्वी में सरयू राय का समर्थन जदयू ने किया था. लेकिन 05 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने की वजह से पार्टी के 40 उम्मीदवार ही मैदान में थे.

jdu-preparing-to-contest-jharkhand-assembly-election-with-bjp
GFX (ETV BHARAT)

2014 में बाघमारा सीट ही ऐसी थी जहां मुकाबले में जदयू उम्मीदवार थे. भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो को तब जलेश्वर महतो ने कड़ी टक्कर दी थी. 2019 में जदयू का चुनावी प्रदर्शन इस कदर खराब था कि मझगांव से प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू 12 वें स्थान पर थे.

जदयू के प्रदेश प्रवक्ता कहते हैं कि 2019 में चुनाव से ठीक पहले ही पार्टी के लचर प्रदर्शन की वजह यह थी कि झामुमो की मांग पर भारत निर्वाचन आयोग ने जदयू का चुनाव चिह्न 'तीर' को छीनकर नया चुनाव चिह्न 'ट्रैक्टर से खेत जोतता किसान दे दिया था, जिसका जबर्दस्त नुकसान पार्टी को उठाना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: झारखंड में जदयू: समय के साथ होता गया बिखराव, आखिर कैसे लगेगी चुनावी नैया पार

ये भी पढ़ें: सीटों पर बीजेपी से हो रही है बात, एनडीए फोल्डर में चुनाव लड़ने का संजय झा ने किया दावा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.