जयपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते दिनों जयपुर में उत्तरी रिंग रोड के काम को लेकर 5000 करोड़ रुपए की मंजूरी दी. ये काम अगले 3 महीने में शुरू होगा. वहीं, 'बीरबल की खिचड़ी' बन चुका आगरा रोड पर क्लोवर लीफ का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है. शनिवार को जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से आगरा रोड पर क्लोवर लीफ की सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा कर जमीन का कब्जा एनएचएआई को संभलवाया गया.
क्लोवर लीफ का रास्ता साफ किया : जयपुर में दक्षिणी रिंग रोड पर वाहनों की आवाजाही जरूर है, लेकिन अब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. इसका एक बड़ा कारण आगरा रोड और अजमेर रोड पर अटकी क्लोवर लीफ का काम है. इस वजह से जब रिंग रोड से वहां मुख्य रोड पर उतरते हैं तो जाम के हालात बन जाते हैं. हालांकि, अब जेडीए प्रशासन ने आगरा रोड पर बरसों से हुए अतिक्रमण को हटाते हुए क्लोवर लीफ का रास्ता साफ किया है. मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक ने बताया कि जोन-10 के क्षेत्राधिकार इकोलॉजिकल जोन में स्थित रिंग रोड, क्लोवर लीफ, आगरा रोड, ग्राम बगराना के में आने वाली जिस जमीन को एनएचएआई की ओर से आरओडब्ल्यू के रूप में चाही गई थी, उस पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया गया.
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उन्होंने बताया कि जेडीए स्वामित्व की इस बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से व्यावसायिक प्रयोजन के लिए 35 दुकान, 5 पक्के मकान, 5 टीन शेड नुमा स्ट्रक्चर, आरा मशीनों, थड़ी-ठेले, झुग्गी झोपड़ियां बनाए गए थे. इन अवैध निर्माण को जोन-10 के राजस्व व तकनीकी स्टाफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया. इस जमीन पर जेडीए ने कब्जा लेकर मौके पर ही एनएचएआई को कब्जा संभलवाया. उधर, उत्तरी रिंग रोड को लेकर भी अब काम को गति दी जा रही है. बीते कई वर्ष से केंद्र और राज्य सरकार के बीच उत्तरी रिंग रोड कौन बनाएगा, इसे लेकर पत्राचार ही होता रहा है, लेकिन अब ये स्पष्ट हो गया है कि जमीन अधिग्रहण से लेकर सड़क निर्माण तक का काम एनएचएआई की ओर से ही किया जाएगा.