ETV Bharat / state

पीलिया का हॉटस्पॉट बना मनेन्द्रगढ़, हर दिन मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा - jaundice patients increased in MCB

मनेन्द्रगढ़ में इन दिनों पीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट है. लोगों को घरों में जाकर बाहरी पेय पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जा रही है.

Manendragarh becomes jaundice hotspot
पीलिया का हॉटस्पॉट बना मनेन्द्रगढ़
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 20, 2024, 11:18 PM IST

मनेन्द्रगढ़ में पीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ी

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: इन दिनों जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ पीलिया का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. 1 अप्रैल से 20 अप्रैल तक पीलिया के 23 मरीजों का जिला अस्पताल मनेन्द्रगढ़ में इलाज हुआ है. भीषण गर्मी में पानी दूषित होने से यह बीमारी क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि क्षेत्र के लोगों को हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

बाहरी पेय पदार्थों से बचने की सलाह: क्षेत्र में बढ़ रही पीलिया को लेकर डॉक्टर बाहर के खुले पेय पदार्थों से बचने की सलाह लोगों को दे रहे हैं. साथ ही पानी उबाल कर ही उपयोग करने की नसीहत दे रहे हैं. गंदा पानी या फिर लस्सी जैसे बाजार में बिकने वाले पेय पदार्थ का सेवन गर्मी में लोग करते है, जो कि बीमारी फैलाती है. निजी हो या सरकारी सभी अस्पतालों में इन दिनों पीलिया के मरीजों में इजाफा हुआ है. इसे लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. क्षेत्र में बढ़ रहे पीलिया के प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र की मितानिनों के द्वारा वार्डों में जाकर लोगों को समझाइश दी जा रही है. मितानिन लोगों को उबले हुए पानी पीने की सलाह दे रहीं हैं. बाजार में खुले और खाद्य पदार्थों से बचने और गन्ना का रस, आम रस, जैसे पेय पदार्थ का सेवन करने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

लोगों को घर-घर जाकर दी जा रही नसीहत: जानकारों की मानें तो पीलिया का कारण दूषित पानी है. यह दूषित पानी के सेवन से होता है. यह बीमारी गर्मी और बरसात के मौसम की शुरुआत में अक्सर होता है. इससे बचने के लिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए. इस बारे में मितानिन अहिल्या विश्वकर्मा ने बताया कि, "हम लोग वार्डों में घूम-घूम कर लोगों को जानकारी दे रहे हैं कि पीलिया से बचने के लिए स्वच्छ पानी पिएं. पानी उबाल कर पिएं. खाने-पीने का ध्यान दें. जो मार्केट में पेय पदार्थ मिलते है, उसमें कौन सा पानी उपयोग किया जा रहा है, इसे लेकर सतर्क रहें. पीलिया झाड़-फूंक से ठीक होने वाली बीमारी नहीं है. इसका उपचार कराएं. अभी हॉस्पिटल में पीलिया के काफी मरीज आ रहे हैं.

अधिक उम्र के लोगों को अधिक खतरा: इस बारे में डॉ. विकास पोद्दार ने कहा कि, "मुख्य रूप से यह मल द्वारा फैलने वाली बीमारी है. यह वायरल बीमारी है, जो भी आदमी मल त्याग करता है. उस मल का पानी कहीं न कहीं से जाकर नदी में मिलता है. वही नल के पानी में आ रहा है. यहीं मुख्य कारण है पीलिया फैलने का. इसमें बहुत ज्यादा इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है. यह बीमारी सात दिन तक बहुत तेजी से बढ़ती है. सात दिन बाद ठीक होने लगती है. हालांकि 40 साल से अधिक उम्र के मरीजों को इस बीमारी में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है."

पेयजल को लगभग बीस मिनट तक उबालकर सेवन करें. पेय पदार्थ और खाने की सामग्री पकाई, उबाली नहीं जाती. ऐसे बाहर बिकने वाले पदार्थ का उपयोग न करें. -डॉक्टर सुरेश तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

मनेन्द्रगढ़ के डॉक्टरों की मानें तो वर्तमान में हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कई लोग बीमार पड़ने पर बैगा की शरण में जाते हैं. ऐसे लोगों को झाड़-फूंक से बचने की सलाह दी गई है. वहीं, बुजुर्ग मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

रायपुर के लाभांडी में ढाई महीने के बच्चे की मौत, स्वास्थ्य विभाग का दावा, ब्रेन इंफेक्शन से गई जान - Child Dies In Labhandi
रायपुर के लाभांडी में डरा रहा डायरिया, लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या, ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए हालात - Raipur Labhandi Diarrhea Hotspot
रायपुर के बाद डायरिया का हॉट स्पॉट बना राजनांदगांव, कई बच्चे चपेट में आए, जानिए इस बीमारी से बचने के उपाय - Diarrhea Outbreak In Rajnandgaon

मनेन्द्रगढ़ में पीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ी

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: इन दिनों जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ पीलिया का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. 1 अप्रैल से 20 अप्रैल तक पीलिया के 23 मरीजों का जिला अस्पताल मनेन्द्रगढ़ में इलाज हुआ है. भीषण गर्मी में पानी दूषित होने से यह बीमारी क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि क्षेत्र के लोगों को हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

बाहरी पेय पदार्थों से बचने की सलाह: क्षेत्र में बढ़ रही पीलिया को लेकर डॉक्टर बाहर के खुले पेय पदार्थों से बचने की सलाह लोगों को दे रहे हैं. साथ ही पानी उबाल कर ही उपयोग करने की नसीहत दे रहे हैं. गंदा पानी या फिर लस्सी जैसे बाजार में बिकने वाले पेय पदार्थ का सेवन गर्मी में लोग करते है, जो कि बीमारी फैलाती है. निजी हो या सरकारी सभी अस्पतालों में इन दिनों पीलिया के मरीजों में इजाफा हुआ है. इसे लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. क्षेत्र में बढ़ रहे पीलिया के प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र की मितानिनों के द्वारा वार्डों में जाकर लोगों को समझाइश दी जा रही है. मितानिन लोगों को उबले हुए पानी पीने की सलाह दे रहीं हैं. बाजार में खुले और खाद्य पदार्थों से बचने और गन्ना का रस, आम रस, जैसे पेय पदार्थ का सेवन करने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

लोगों को घर-घर जाकर दी जा रही नसीहत: जानकारों की मानें तो पीलिया का कारण दूषित पानी है. यह दूषित पानी के सेवन से होता है. यह बीमारी गर्मी और बरसात के मौसम की शुरुआत में अक्सर होता है. इससे बचने के लिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए. इस बारे में मितानिन अहिल्या विश्वकर्मा ने बताया कि, "हम लोग वार्डों में घूम-घूम कर लोगों को जानकारी दे रहे हैं कि पीलिया से बचने के लिए स्वच्छ पानी पिएं. पानी उबाल कर पिएं. खाने-पीने का ध्यान दें. जो मार्केट में पेय पदार्थ मिलते है, उसमें कौन सा पानी उपयोग किया जा रहा है, इसे लेकर सतर्क रहें. पीलिया झाड़-फूंक से ठीक होने वाली बीमारी नहीं है. इसका उपचार कराएं. अभी हॉस्पिटल में पीलिया के काफी मरीज आ रहे हैं.

अधिक उम्र के लोगों को अधिक खतरा: इस बारे में डॉ. विकास पोद्दार ने कहा कि, "मुख्य रूप से यह मल द्वारा फैलने वाली बीमारी है. यह वायरल बीमारी है, जो भी आदमी मल त्याग करता है. उस मल का पानी कहीं न कहीं से जाकर नदी में मिलता है. वही नल के पानी में आ रहा है. यहीं मुख्य कारण है पीलिया फैलने का. इसमें बहुत ज्यादा इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है. यह बीमारी सात दिन तक बहुत तेजी से बढ़ती है. सात दिन बाद ठीक होने लगती है. हालांकि 40 साल से अधिक उम्र के मरीजों को इस बीमारी में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है."

पेयजल को लगभग बीस मिनट तक उबालकर सेवन करें. पेय पदार्थ और खाने की सामग्री पकाई, उबाली नहीं जाती. ऐसे बाहर बिकने वाले पदार्थ का उपयोग न करें. -डॉक्टर सुरेश तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

मनेन्द्रगढ़ के डॉक्टरों की मानें तो वर्तमान में हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कई लोग बीमार पड़ने पर बैगा की शरण में जाते हैं. ऐसे लोगों को झाड़-फूंक से बचने की सलाह दी गई है. वहीं, बुजुर्ग मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

रायपुर के लाभांडी में ढाई महीने के बच्चे की मौत, स्वास्थ्य विभाग का दावा, ब्रेन इंफेक्शन से गई जान - Child Dies In Labhandi
रायपुर के लाभांडी में डरा रहा डायरिया, लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या, ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए हालात - Raipur Labhandi Diarrhea Hotspot
रायपुर के बाद डायरिया का हॉट स्पॉट बना राजनांदगांव, कई बच्चे चपेट में आए, जानिए इस बीमारी से बचने के उपाय - Diarrhea Outbreak In Rajnandgaon
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.