रांची: एक तरफ राजनीतिक पार्टियां झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई हैं तो दूसरी तरफ सामाजिक संगठन भी अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. झारखंड जनाधिकार महासभा ने भाजपा भगाओ, झारखंड बचाओ और हेमंत सरकार जन मुद्दों पर वादा निभाओं के नारे के साथ विशाल धरना प्रदर्शन की तैयारी की है. धरना का आयोजन राजभवन के सामने 10 सितंबर को होगा. इसमें अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में संगठन से जुड़े लोगों के जुटान का दावा किया जा रहा है.
महासभा की दलील है कि 2019 के विधानसभा में इंडिया गठबंधन ने अपनी घोषणा पत्र में जन मुद्दों से जुड़े कई वादे किए थे. भाजपा की डबल इंजन की सरकार से परेशान होकर झारखंडियों ने 2019 में इंडिया गठबंधन को जनादेश दिया था. सरकार बनने के बाद भी कई वादे किए गए. पांच साल में हेमंत सरकार ने जन अपेक्षा अनुसार कई काम किए हैं लेकिन अनेक जरूरी वादे अभी भी अधूरे हैं. वहीं, पिछले पांच साल में भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा लगातार राज्य सरकार को गिराने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश होती रही.
किन मुद्दों को लेकर होगा धरना प्रदर्शन
- लैंड बैंक रद्द करने की मांग.
- झारखंड भूमि अधिग्रहण (संशोधन) अधिनियम, 2017 रद्द करने की मांग.
- व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर लंबित वन पट्टों के वितरण की मांग.
- ईचा-खरकाई डैम, लुगुबुरू पावर प्लांट समेत जनविरोधी परियोजनाओं को रद्द करने की मांग.
- पेसा नियमावली को अधिसूचित करने की मांग.
- दलितों को जाति प्रमाण पत्र और भूमि पट्टा देने की मांग.
- आंगनबाड़ी और मिड डे मिल के तहत हर दिन अंडा देने की मांग.
- लंबे समय से जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को रिहा करने की मांग.
संगठन की ओर से बताया गया है कि 10 सितंबर को सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक राजभवन के सामने इन मसलों को लेकर महाजुटान होगा. झारखंड जनाधिकार महासभा की ओर से बताया गया है कि अगर इन 8 प्रमुख मांगों को हेमंत सरकार पूरा नहीं करती है तो विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.