हजारीबागः समाहरणालय परिसर में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां भारी संख्या में फरियादी अपनी समस्या को लेकर पहुंचे. सबसे अधिक समस्या जमीन विवाद से जुड़ी हुई थी. कई ऐसे फरियादी पहुंचे, जिन्होंने पुलिसिया कार्रवाई पर ही सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि थाना और कोर्ट के चक्कर काट के पूरा परिवार परेशान है.
झारखंड में बेहतर पुलिसिंग को लेकर मुख्यमंत्री और डीजीपी के आदेशानुसार हजारीबाग जिला प्रशासन की ओर से समाहरणालय परिसर में जन शिकायत समाधान शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें पुलिस मुख्यालय की ओर से डीआईजी वायरलेस अश्विनी कुमार सिन्हा उपस्थित हुए. उनके साथ शिविर में जिले के एसपी अरविंद कुमार सिंह, एसडीओ शैलेश कुमार, सीडीपीओ, डीएसपी समेत सभी थाना के थाना प्रभारी उपस्थित हुए.
शिविर में सैकड़ो की संख्या में फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंचे. अधिकतर मामले जमीन विवाद से जुड़े हुए थे. कई ऐसे मामले आए जो पुलिसिंग पर ही सवालिया निशान खड़ा कर रहे थे. महिला थाना में भी सास ससुर और बहू के झगडे़ के मामले भी आए. सभी मामलों को बारीकी से सुना गया और फिर संबंधित थाना को सुपूर्द कर दिया गया.
फरियादियों ने अपनी फरियाद लेकर सीधे डीआईजी और एसपी से मुलाकात की. उनकी फरियाद सुनने के बाद उस मामले को थाना प्रभारी और संबंधित डीएसपी को सुपूर्द कर दिया गया. ताकि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो सके. जो भी फरियाद आ रहे थे उसे लिपिबद्ध भी किया गया. सभी थाना ने शिकायत के लिए अलग फाइल भी तैयार किया. उम्मीद दिलाई गी कि 7 दिनों के अंदर समस्या का समाधान हो जाएगा.
कार्यक्रम में डीआईजी वायरलेस अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से शिविर का आयोजन किया गया है. जिसका उद्देश्य समस्या का समाधान करना है. समाज के अंतिम पायदान तक पुलिस पहुंचे इसके लिए यह बेहतर कदम माना जा रहा है. जिस तरह से बड़ी संख्या में फरियादी पहुंच रहे हैं ऐसे में कहा जाएगा कि यह कार्यक्रम सफल है. उन्होंने कहा कि पीपल फ्रेंडली पुलिस का कॉन्सेप्ट हजारीबाग में पूरा होता दिख रहा है.
जन शिकायत समाधान शिविर में कई मामले आए लेकिन उसमें से बरकट्ठा थाना के चेचकपी पंचायत की शिकायत अचंभित करने वाली थी. यहां 27 फरवरी 2021 को अवैध माइनिंग को लेकर 13 लोगों पर कैसे किया गया था. सभी वहां मजदूरी करते थे. विभाग ने उन पर कैसे कर दिया. सभी को जेल जाना पड़ा. उन्हीं में एक फरियादी ने बताया कि थाना प्रभारी ने बिना किसी नोटिस के ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
सभी को बेल लेना पड़ा और अब हर तारीख पर कोर्ट का चक्कर काटना पड़ रहा है. पूरा परिवार परेशान हो गया है. जिन लोगों पर केस किया गया था सभी मजदूर हैं. ऐसे में उनका जीवन यापन करना भी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि उस वक्त के थाना प्रभारी का व्यवहार और कार्य प्रणाली ठीक नहीं थी. ऐसे में यह उम्मीद लगा कर आए हैं कि न्याय मिलेगा और उस मामले का पटाक्षेप भी हो जाएगा.
वहीं विष्णुगढ़ से बबलू कुमार सिंह भी अपनी फरियाद लेकर शिविर में पहुंचे. उन्होंने बताया कि अपनी समस्या को लेकर उपायुक्त के पास दो बार, एसडीओ के पास तीन बार, अंचल अधिकारी के पास चार बार और थाना पांच बार गए हैं. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि अबुआ आवास योजना का लाभ मिला है. आसपास के लोगों ने घर आने के लिए रास्ता बंद कर दिया है. जब भी काम किया जाता है तो वहां तोड़फोड़ कर दी जाती है. अब तक हजारों रुपया बर्बाद हो चुके हैं. प्रशासनिक पदाधिकारी और थाना से सहायता नहीं मिली तो बड़ी उम्मीद से इस शिविर में पहुंचा हूं ताकि समस्या का समाधान हो सके.
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