विकासनगर: फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सहकारी बैंक में नौकरी पाने वाले 12 लोगों पर सरगार द्वारा की गई कार्रवाई से जन संघर्ष मोर्चा संतुष्ट नहीं है. मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम सरकार की नजरों में सरहानीय हो सकते हैं, लेकिन यह सिर्फ जनता की आंख में धूल झोंकने जैसा है.
सहकारी बैंक भर्ती घोटाला: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सहकारी बैंक भर्ती घोटाले में हुई कार्रवाई जनता की आंख में धूल झोंकने जैसी कहा है. उन्होंने कहा है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट सदन के पटल पर क्यों नहीं रखी गई है. फर्जी प्रमाण पत्र वालों पर कार्रवाई, तो मोटी रकम देने वालों पर क्यों नहीं की. बैंक खातों से निकाली गई मोटी रकम की जांच क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि न्यायालय के डर से ये धूल झोंकने जैसा कदम उठाया गया है.
बेलवाल समिति की जांच रिपोर्ट पेश करने की मांग: रघुनाथ नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी बैंक में सहयोगी और गार्ड की नौकरी पाए 12 लोगों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इसमें देहरादून, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर के नौकरी पाए कर्मचारी थे. ये कदम सरकार की नजर में सराहनीय तो हो सकता है, लेकिन यह सिर्फ जनता की आंख में धूल झोंकने जैसा है. नेगी ने कहा कि मुख्य रूप से मोटी रकम देकर नौकरी पाए लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार की सांस क्यों फूल रही है. बेलवाल समिति की जांच रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने से सरकार क्यों डर रही है.
खातों में बड़े लेनदेन पर कार्रवाई की मांग: रघुनाथ ने कहा कि हैरानी की बात तो यह है, कि सरकार द्वारा मामले को टालने के लिए कई बार जांच पर जांच व परामर्श की नौटंकी का सहारा लिया गया है. लेकिन उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के चलते थोड़ा बहुत कदम उठाने को सरकार ने यह कार्रवाई की. जिसमें सरकार को 25 जून तक घोटाले में हुई कार्रवाई का जवाब देना है. इस भर्ती घोटाले में नौकरी पाने के समय कई अभ्यर्थियों ने अपने बैंक खातों से बहुत बड़ी रकम लगभग 10 से 15 लाख रुपए प्रत्येक ने लेनदेन किया है. ऊंची पहुंच वालों का विशेष ध्यान रखा गया है. इन लोगों के खातों की जांच क्यों नहीं की गई. जबकि जनसंघर्ष मोर्चा द्वारा स्पष्ट रूप से बैंक से लेनदेन की जांच की मांग की गई थी.
जन संघर्ष मोर्चा ने राज्यपाल से की ये मांग: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी सहयोगी/ गार्ड कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी. जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और उधमसिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था. जिसको लेकर सरकार ने 1 अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित की थी. उन्होंने कहा कि मोर्चा राजभवन से पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने की मांग करता है.
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