गिरिडीह: जमुआ विधानसभा सीट पर अदला बदली के खेल से नया समीकरण ही बनने लगा है. इस बनते बिगड़ते समीकरण से भाजपा गदगद है तो जेएमएम भी यहां फुल फॉर्म में नजर आ रहा है. हालांकि इन सबों के बीच किसी की जमीन खिसक रही है तो वह कांग्रेस है. अब ऐसा लगने लगा है कि इंडिया गठबंधन में जमुआ सीट की प्रबल दावेदार रही कांग्रेस को शायद यह सीट मिले ही नहीं. शायद गिरिडीह जिले के सभी छह सीट से कांग्रेस का सफाया ही हो जाए. ये आशंका जमुआ विधानसभा सीट के वर्तमान हालात को देखते हुए व्यक्त की जा रही है.
दरअसल, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस और राजद का गठबंधन हुआ. गठबंधन के तहत कांग्रेस को जिले की छह सीटों में से दो सीट मिले. एक सीट बगोदर थी तो दूसरी जमुआ. बगोदर में कांग्रेस के प्रत्याशी बासुदेव प्रसाद वर्मा को महज 2049 मत मिला. जबकि जमुआ सीट पर कांग्रेस से खड़ी मंजू देवी ने भाजपा के उम्मीदवार केदार हाजरा को कड़ी टक्कर दी. मंजू को यहां 40293 मत मिला. अब 2024 के विधानसभा चुनाव में मंजू को लेकर कांग्रेस की दावेदारी मजबूत हो गई थी.
14 अक्टूबर से बदला समीकरण
कांग्रेस की टीम मंजू के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई. 14 अक्टूबर से पहले तक यही लग रहा था कि भाजपा के सिटिंग एमएलए के सामने कांग्रेस की मंजू देवी चुनाव लड़ेंगी और टक्कर जोरदार होगी. लेकिन अचानक 14 अक्टूबर को मंजू देवी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और भाजपा में शामिल हो गई. यहीं कांग्रेस को जोरदार झटका लगा.
केदार के जेएमएम में जाते ही सकते में कांग्रेस
मंजू देवी के भाजपा में जाने के बाद इस सीट के लिए अभी कांग्रेस उम्मीदवार खोज ही रही थी. कांग्रेस नेता डॉ समीर राज चौधरी ने इस सीट पर दावा भी ठोक दिया था. अभी मंजू के जाने के झटके से कांग्रेस उबर भी नहीं पायी थी कि 18 अक्टूबर को भाजपा के साथ कांग्रेस को भी झटका लगा. इस बार भाजपा नेता सह जमुआ के सिटिंग विधायक केदार हाजरा ने दोनों दलों को झटका दिया.
शुक्रवार को केदार ने भाजपा का दामन छोड़ दिया और झामुमो में शामिल हो गए. केदार के झामुमो में जाने के बाद अब जमुआ सीट पर जेएमएम का दावा मजबूत हो गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग में शायद जमुआ सीट कांग्रेस को नहीं मिले. शायद इस बार इस सीट का टिकट जेएमएम के केदार को मिले. वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के सीट शेयरिंग में बगोदर की सीट भाकपा माले को मिले. ऐसे यह भी कहा जा रहा है कि गिरिडीह जिले की छह विधानसभा सीटों में से एक भी सीट कांग्रेस को न मिले.
झारखण्ड के दो जुझारू और कर्मठ नेताओं श्री केदार हाजरा जी और भाई उमाकांत रजक जी का अपने हजारों समर्थकों के साथ झामुमो परिवार में हार्दिक स्वागत है, जोहार है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 18, 2024
जीतेगा झारखण्ड!#जमुआ#चंदनकियारी pic.twitter.com/MbRoHnctsM
झामुमो के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में : केडिया
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सतीश केडिया ने कहा कि जमुआ सीट पर कांग्रेस पार्टी का दावा मजबूत है. इंडिया गठबंधन के सीट शेयरिंग में यह सीट कांग्रेस को मिलेगी, ऐसी पूरी उम्मीद है और हम मजबूती के साथ लड़ेंगे. रही बात केदार हाजरा के जेएमएम में जाने की तो यह उनका मामला है. वैसे इस सीट पर कांग्रेस का हक बनता है. अभी सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन के नेताओं की बैठक होनी है, उसके बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस गठबंधन की सुचिता का पूरा ख्याल रखती है और उसी तरह का निर्णय लेती है. उन्होंने कहा कि झामुमो के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में है. झामुमो के कई नेता यह कह रहे हैं कि उन्हें ज्वाइन करवाया जाए और टिकट दिया जाए लेकिन हमलोग गठबंधन धर्म का पालन कर रहे हैं.
जमुआ सीट जीतने की स्थिति में झामुमो : संजय
झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि जमुआ सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा मजबूत है और यह इस सीट को हमलोग जीतने की स्थिति में हैं. आगे गठबंधन का जो निर्णय होगा उसपर काम किया जाएगा. केदार हाजरा के उम्मीदवार बनाये जाने के सवाल पर संजय ने कहा कि यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा. वैसे इस सीट पर झामुमो के और भी दावेदार हैं.
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