नई दिल्ली: जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष और हैदराबाद स्थित ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के उपाध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय मुस्लिम समुदाय को आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए.
जमाअत के अध्यक्ष ने कहा कि चुनावों के चलते भारतीय मुस्लिम समुदाय के सामने चुनौतियां दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. सांप्रदायिकता और कट्टरवादिता को बढ़ावा देने वाली संकीर्ण राजनीति हो रही हैं. मुसलमानों में काफी गुस्सा और चिंता है. हालांकि हमें निराश या भयभीत नहीं होना चाहिए. समय की मांग है कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस का परिचय देना चाहिए .
उन्होंने कहा हैं की यह पहली बार नहीं है कि भारतीय मुस्लिम समुदाय को ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. 1857 के विद्रोह से लेकर भारत की आजादी तक और देश का विभाजन सहित अन्य उदाहरण हमारे सामने हैं और हमने इन चुनौतियों का सामना किया है. जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने कहा कि हमें अपनी शक्ति के बारे में जागरूक होना चाहिए. जो हमारे धर्म और इसकी महान और प्राचीन शिक्षाओं और सिद्धांतों में निहित है. हम उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य करते हैं. हमें यह समझना चाहिए कि हमारी चुनौतियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है. यह दीर्घकालिक है.साथ ही उन्होंने कहा की मैं समुदाय के लिए छह कार्य बिंदु प्रस्तावित कर रहा हूं.
मुस्लिम समुदाय के लिए छह कार्य बिंदु प्रस्तावित
(1) अपने साथी देशवासियों के साथ अच्छे संबंध बनाएं, मुसलमानों और इस्लाम के बारे में उनकी गलतफहमियों को दूर करें
(2) मुस्लिम समुदाय की स्थिति सुधारने का प्रयास करें, उनकी शिक्षा, उनकी अर्थव्यवस्था और उनकी कमजोरियों को दूर करने पर ध्यान दें
(3) "खैर-ए-उम्मत" (सर्वोत्तम समुदाय) की भूमिका निभाएं
(4) धर्म, जाति और समुदाय का भेद किए बिना सभी कमजोरों और उत्पीड़ितों के न्याय के लिए खड़े हों
(5) रचनात्मक उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग करें
(6) आने वाले चुनाव देश के लिए महत्वपूर्ण हैं हमें शांति और न्यायप्रिय लोगों का समर्थन करना चाहिए
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साथ ही सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने मुस्लिम समुदाय से ये भी अपील की ज्यादा से ज्याद चुनावों के मतदान में भाग लें ताकि बड़ी संख्या में शांति और न्यायप्रिय लोग चुनकर शासन में आएं.
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