लखनऊ : जल जीवन मिशन की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जो काम 2030 तक पूरा होना था, वह हमने लगभग पूरा कर लिया है. मंत्री जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के संयुक्त दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन मुख्य अतिथि थे. स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन पूरी दुनिया के लिए परिवर्तन की एक मिसाल है उन्होंने सभी राज्यों से आए प्रमुख सचिवों और डायरेक्टरों से कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आप देश के बदलाव में योगदान दे रहे हैं. मंत्री ने कहा कि आपूर्ति हो रहे पानी की गुणवत्ता बनाए रखना ही आगे की चुनौती है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुझे याद है कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें यह शानदार अवसर देश चलाने के लिए नहीं मिला है. हमें यह बहुमत देश बदलने के लिए मिला है. उसके बाद अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए. साल 2014 में कोई सोच नहीं सकता था कि स्वच्छता के विषय पर प्रधानमंत्री लाल किले से बोलेगा और हाथ में झाड़ू लेकर सफाई करेगा. प्रधानमंत्री ने खुद शौचालय बनाने के लिए हाथ उठाया. क्या हमने कभी कल्पना की थी? हमने क्या सफाईकर्मियों के पैर धोने की कल्पना किसी प्रधानमंत्री से की थी? प्रधानमंत्री ने खुद आगे आकर सबको प्रेरित किया. उसका नतीजा था कि सबने मिशन मोड में काम किया. पूरा देश अब ओडीएफ हो चुका है.
मुझे यह काम बेहद कठिन लगा था : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे जल जीवन मिशन का काम बहुत कठिन लगा था. बुंदेलखंड में इतनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमने लक्ष्य को लगभग हासिल कर लिया है. हम तीन चौथाई घरों तक पानी पहुंचा पा रहे हैं. उत्तर प्रदेश ने जिस साधना से इस काम को किया है, उसी का नतीजा है कि हम आज दो करोड़ घरों को पानी का कनेक्शन दे चुके हैं. गांवों में कई बार पात्र ग्रामीणों को उनका हक नहीं मिलता था. इसलिए हमने प्रमाण पत्र की व्यवस्था शुरू की. अभी हमको बहुत गंभीरता से काम करने की जरूरत है. अब हमको इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता पड़ेगी.
हमारा लक्ष्य योजना की निरंतरता बनाए रखना : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस मुकाम पर अब स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन पहुंच गया है, वहां से आगे हमें बेहतर डिलिवरी की तरफ देखना है. गुणवत्तापूर्ण पानी ही जल जीवन मिशन की सबसे बड़ी चुनौती है. हमारा लक्ष्य केवल कनेक्शन की संख्या भर नहीं है. हमारा लक्ष्य योजना की निरंतरता बनाए रखना और पानी की गुणवत्ता बनाए रखना है. आप सब अधिकारियों को इस पर काम करना होगा. हमको अपने बजट का उपयोग अब गुणवत्ता बनाए रखने और बेहतर डिलीवरी के लिए करना है. जब तक पानी नहीं मिलता था तब तक कोई बात नहीं थी, लेकिन अब जब लोगों को पानी मिल रहा है तो हमें इस व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने की तरफ काम करना होगा. हम यूजर चार्ज लेने की व्यवस्था शुरू कर सकते हैं इससे यह व्यवस्था बनाए रखी जाएगी.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को जल जीवन मिशन के डैशबोर्ड पर ‘सिटीजन कॉर्नर’ की शुरुआत की. 'सिटीजन कॉर्नर' एक वन-स्टॉप समाधान है, जहां एक क्लिक पर गांव के जल की गुणवत्ता और जलापूर्ति से जुड़ी दूसरी जानकारियां लोगों को एक क्लिक पर मिल सकेंगी. जल प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सिटीजन कॉर्नर से लोग निकटतम प्रयोगशाला का पता जान सकेंगे, जहां जाकर वे पानी की गुणवत्ता की जांच करवा सकेंगे. अगर पानी की गुणवत्ता में उन्हें कमी दिखती है तो वे इसकी शिकायत भी दर्ज करवा सकेंगे.
दो करोड़ परिवारों को मिल रहा नल से जल : स्वतंत्र देव सिंह
प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश में महज पांच लाख ग्रामीणों के पास नल के कनेक्शन थे, लेकिन अब प्रदेश के 2 करोड़ 6 लाख परिवारों को नल से पानी मिल रहा है. वर्ष 2017 से पहले राज्य की स्थिति कुछ और थी. जिस बुंदेलखंड में लोगों को पीने का पानी नहीं मिलता था, उसी बुंदेलखंड में अब वॉटर लेवल 10-20 फुट ऊपर आ गया है. अब तो गर्मी में भी हैंडपंप चलते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 करोड़ पौधे लगवाए. लघु सिंचाई विभाग ने भी काफी प्रयास किए इसी का नतीजा है कि जलस्तर सुधरा है. जल जीवन मिशन का नतीजा है कि बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में भी नल से जल पहुंच रहा है. 98 प्रतिशत स्कूलों और 97 प्रतिशत से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल की आपूर्ति की जा रही है. प्लंबर, मोटर मैकेनिक, फिटर, पंप ऑपरेटर और अन्य श्रेणियों में 7.56 लाख से अधिक को प्रशिक्षित किया गया है. इन्हें इस मिशन से ही रोजगार मिलेगा.
गंदगी और गंदे पानी की वजह से हर साल मरते थे बच्चे : गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने कहा कि गंदगी और गंदे पानी की वजह से हर साल पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिगामी बुखार का प्रकोप होता था और 200-300 बच्चों की मौत हो जाती थी. अब तस्वीर बदल गई है, प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, स्थितियां बदल गई हैं. गोरखपुर के सबसे आखिरी गांव में भी वॉटर कनेक्शन के लिए गलियों में पाइपलाइन बिछ चुकी हैं. लोग आज कह रहे हैं कि उनको सब कुछ मिल रहा है. केवल सरकार ही नहीं बदली, सब कुछ बदल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने मिलकर सब कुछ बदल दिया.
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