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जल जीवन मिशन में फर्जी भुगतान, अब ईडी करेगी मनी लॉन्ड्रिंग की पड़ताल, फर्जी भुगतान की मांगी डिटेल

ईडी ने जलदाय विभाग के तीन रीजन में फर्जी भुगतान की जानकारी मांगी है. इसकी रिपोर्ट के बाद अधिकारियों पर ईडी शिकंजा कसेगी.

Jal Jeevan Mission
ईडी ने जलदाय विभाग के तीन रीजन में फर्जी भुगतान की जानकारी मांगी (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर: राजस्थान में जल जीवन मिशन में फर्जी प्रमाण पत्र से टेंडर हासिल करने की जांच के बाद अब फर्जी भुगतान के मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है. इस पूरे मामले में ईडी यह पता लगाने में जुटी हुई है कि बिना काम किए कितना भुगतान किसे किया गया. इसे लेकर ईडी ने पीएचईडी से जानकारी मांगी है. पीएचईडी के तीन रीजन में बिना काम के भुगतान करने की जानकारी सामने आने के बाद अब ईडी ने इन तीनों रीजन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी के तहत अब बिना काम के किए गए भुगतान को लेकर दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. इस संबंध में तीनों रीजन से रिपोर्ट मांगी गई है.

ईडी सूत्रों के अनुसार जल जीवन मिशन में पीएचईडी के जयपुर-1, जयपुर-2 और अजमेर रीजन में बिना काम के भुगतान करने की बात सामने आई है. इसे लेकर ईडी ने पीएचईडी के तीनों रीजन से रिपोर्ट मांगी गई है. फर्जी प्रमाण पत्र से हासिल किए टेंडर जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर एसीबी जांच कर रही है. इसके अलावा सीबीआई ने भी इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि बड़े पैमाने पर अवैध रूप से धन लेनदेन को लेकर ईडी मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें: जल जीवन मिशन घोटाला : पहले 15 लाख देकर बनवाए इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र, फिर सत्यापन के लिए बनवाई फर्जी ई मेल आईडी

पूर्व मंत्री सहित 20 पर एसीबी में मुकदमा: हाल ही में जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर एसीबी ने एक मुकदमा दर्ज किया है. इसमें पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी के अलावा उनके कई करीबियों के नाम शामिल हैं, जबकि पीएचईडी के 11 अधिकारियों, ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल के नाम भी इसमें शामिल हैं. इसके साथ ही मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल का नाम भी इस मुकदमे में है. अब मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी ने एक बार फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

जयपुर: राजस्थान में जल जीवन मिशन में फर्जी प्रमाण पत्र से टेंडर हासिल करने की जांच के बाद अब फर्जी भुगतान के मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है. इस पूरे मामले में ईडी यह पता लगाने में जुटी हुई है कि बिना काम किए कितना भुगतान किसे किया गया. इसे लेकर ईडी ने पीएचईडी से जानकारी मांगी है. पीएचईडी के तीन रीजन में बिना काम के भुगतान करने की जानकारी सामने आने के बाद अब ईडी ने इन तीनों रीजन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी के तहत अब बिना काम के किए गए भुगतान को लेकर दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. इस संबंध में तीनों रीजन से रिपोर्ट मांगी गई है.

ईडी सूत्रों के अनुसार जल जीवन मिशन में पीएचईडी के जयपुर-1, जयपुर-2 और अजमेर रीजन में बिना काम के भुगतान करने की बात सामने आई है. इसे लेकर ईडी ने पीएचईडी के तीनों रीजन से रिपोर्ट मांगी गई है. फर्जी प्रमाण पत्र से हासिल किए टेंडर जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर एसीबी जांच कर रही है. इसके अलावा सीबीआई ने भी इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि बड़े पैमाने पर अवैध रूप से धन लेनदेन को लेकर ईडी मामले की जांच कर रही है.

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पूर्व मंत्री सहित 20 पर एसीबी में मुकदमा: हाल ही में जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर एसीबी ने एक मुकदमा दर्ज किया है. इसमें पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी के अलावा उनके कई करीबियों के नाम शामिल हैं, जबकि पीएचईडी के 11 अधिकारियों, ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल के नाम भी इसमें शामिल हैं. इसके साथ ही मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल का नाम भी इस मुकदमे में है. अब मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी ने एक बार फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

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