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इंजेक्शन न मिलने से कैंसर मरीज की मौत का मामला, जयराम बोले: सरकार ने हिमकेयर को बनाया अपाहिज - HIMCARE SCHEME

हिमकेयर योजना से कैंसर मरीज को इंजेक्शन न मिलने पर सुक्खू सरकार घिरती नजर आ रही है. जयराम ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 2:40 PM IST

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल में कैंसर के मरीज को कीमो इंजेक्शन न मिलने के आरोपों के बीच सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. मृतक की बेटी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस मामले पर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, 'सरकार इस मामले की जांच करवाए. दो सालों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं. हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं. पूर्व की सरकार ने जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए हिम केयर योजना शुरू की थी, जिसके तहत लोगों का इलाज मुफ्त में किया जाता था, लेकिन इस सरकार ने इस योजना को तो बंद नहीं किया, लेकिन इस योजना के तहत कोई भी दवाइयां मरीजों को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं और इस योजना को अपाहिज कर दिया गया है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (ETV BHARAT)

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'ताजा मामला आईजीएमसी अस्पताल में सामने आया, जहां पर इंजेक्शन न मिलने से एक मरीज की जान गई और उनकी बेटी ने सवाल खड़े किए हैं. बेटी के आरोप के मुताबिक उनके पिता का आईजीएमसी से कैंसर का इलाज चल रहा था, उन्हें कीमोथेरेपी के इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसकी कीमत पचास हज़ार रुपए या उससे ज़्यादा थी. उसके पास हिम केयर का कार्ड था, लेकिन हिम केयर की पेमेंट न होने की वजह से हमें वह इंजेक्शन नहीं मिला'

जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली सुक्खू सरकार का क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है, जहां पर आम आदमी को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. आईजीएमसी अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन की तीन महीने तक की तारीख दी जा रही है. सुख सरकार ने अपने बजट में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन ये सरकार आम आदमी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं दे पा रही है. यही नहीं अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है और 2 सालों से डॉक्टरों की भर्ती तक नही हो पाई है.'

बता दें कि आईजीएमसी शिमला में मृतक कैंसर के मरीज की बेटी ने आरोप लगाया था कि समय पर इंजेक्शन न मिलने से उसके पिता की मौत हो गई थी. मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने बताया 'इंजेक्शन की कीमत 50 हजार रुपये या इससे अधिक थी. मेरा पापा का इलाज हिमकेयर कार्ड से चल रहा था और कार्ड में बैलेंस भी था, लेकिन जब इंजेक्शन लेने गए तो हमें कहा गया कि हिमकेयर कार्ड वालों ने पेमेंट नहीं की है इसलिए हम आपको इंजेक्शन नहीं दे सकते. इंजेक्शन न मिलने पर मेरे पिता की मौत हो गई'.

ये भी पढ़ें: हिमकेयर कार्ड से इंजेक्शन ना मिलने पर IGMC में कैंसर मरीज की हुई मौत, पीड़ित बेटी ने सुनाई दर्द भरी दास्तां

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल में कैंसर के मरीज को कीमो इंजेक्शन न मिलने के आरोपों के बीच सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. मृतक की बेटी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस मामले पर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, 'सरकार इस मामले की जांच करवाए. दो सालों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं. हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं. पूर्व की सरकार ने जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए हिम केयर योजना शुरू की थी, जिसके तहत लोगों का इलाज मुफ्त में किया जाता था, लेकिन इस सरकार ने इस योजना को तो बंद नहीं किया, लेकिन इस योजना के तहत कोई भी दवाइयां मरीजों को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं और इस योजना को अपाहिज कर दिया गया है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (ETV BHARAT)

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'ताजा मामला आईजीएमसी अस्पताल में सामने आया, जहां पर इंजेक्शन न मिलने से एक मरीज की जान गई और उनकी बेटी ने सवाल खड़े किए हैं. बेटी के आरोप के मुताबिक उनके पिता का आईजीएमसी से कैंसर का इलाज चल रहा था, उन्हें कीमोथेरेपी के इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसकी कीमत पचास हज़ार रुपए या उससे ज़्यादा थी. उसके पास हिम केयर का कार्ड था, लेकिन हिम केयर की पेमेंट न होने की वजह से हमें वह इंजेक्शन नहीं मिला'

जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली सुक्खू सरकार का क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है, जहां पर आम आदमी को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. आईजीएमसी अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन की तीन महीने तक की तारीख दी जा रही है. सुख सरकार ने अपने बजट में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन ये सरकार आम आदमी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं दे पा रही है. यही नहीं अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है और 2 सालों से डॉक्टरों की भर्ती तक नही हो पाई है.'

बता दें कि आईजीएमसी शिमला में मृतक कैंसर के मरीज की बेटी ने आरोप लगाया था कि समय पर इंजेक्शन न मिलने से उसके पिता की मौत हो गई थी. मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने बताया 'इंजेक्शन की कीमत 50 हजार रुपये या इससे अधिक थी. मेरा पापा का इलाज हिमकेयर कार्ड से चल रहा था और कार्ड में बैलेंस भी था, लेकिन जब इंजेक्शन लेने गए तो हमें कहा गया कि हिमकेयर कार्ड वालों ने पेमेंट नहीं की है इसलिए हम आपको इंजेक्शन नहीं दे सकते. इंजेक्शन न मिलने पर मेरे पिता की मौत हो गई'.

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