देवघर: जिले के सारवां में झारखंड लोकतांत्रिक खतियानी मोर्चा के अध्यक्ष जयराम महतो की जनसभा हुई. जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के सारवां प्रखंड स्थित आदर्श प्लस टू स्कूल में यह जनसभा आयोजित की गई. जहां जयराम को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. जयराम महतो ने अपने वाहन की छत पर खड़े होकर लोगों को अपने अंदाज में संबोधित किया.
जयराम महतो ने कहा कि आज सभी राजनीतिक दल झारखंड को लूट रहे हैं लेकिन झारखंड में रहने वाले भोले-भाले लोगों की सुख-सुविधाओं और अधिकारों की किसी को चिंता नहीं है. सभी राजनीतिक दल सिर्फ अपने पार्टी नेताओं और उनके परिवारों का पेट भरने में लगे हैं.
बादल पत्रलेख पर बोला हमला
जरमुंडी विधायक सह पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख पर निशाना साधते हुए जयराम ने कहा कि दूसरे मंत्री और विधायक इसलिए पैसा कमाते हैं क्योंकि उनकी शादी हो जाती है और उन्हें अपने बच्चों के लिए पैसे बचाने होते हैं. लेकिन बादल पत्रलेख किसके लिए सरकारी पैसे लूट रहे हैं? यह समझना मुश्किल है. कई वर्षों तक कृषि मंत्री रहने के दौरान उन्होंने जरमुंडी क्षेत्र में एक भी कृषि विश्वविद्यालय या कॉलेज का निर्माण नहीं करवाया.
लोगों से मांगे वोट
जरमुंडी विधानसभा में अपनी पार्टी के लिए प्रचार करते हुए उन्होंने लोगों से अपने पक्ष में वोट करने की अपील की. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो डोमिसाइल नीति को और मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी कर्मचारी और पदाधिकारी सरकारी नौकरी कर रहे हैं. उनके लिए भी एक नियम लाया जाएगा, ताकि झारखंड के कर्मचारी अपने घर के नजदीक रहकर काम कर सकें.
सरकारी नौकरियों में 90% स्थानीय लोग
इसके अलावा उन्होंने झारखंड में सरकारी नौकरियों में 90% स्थानीय लोगों को रखने पर जोर दिया और यह भी कहा कि जो लोग सक्षम हैं और 10% में आते हैं, हम उनका स्वागत करेंगे. लेकिन अगर दूसरे राज्यों के लोग झारखंड के हक पर आएंगे तो हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. जयराम ने कहा कि उनकी पार्टी झारखंड के संथाल परगना की 18 में से 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अगर किसी अन्य विधानसभा से गुंजाइश होगी तो पार्टी वहां से भी अपना उम्मीदवार उतारेगी.
मंईयां सम्मान योजना एक छलावा
उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे मंईयां सम्मान योजना पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह महज एक छलावा है. चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा, दोनों झारखंड की महिलाओं को सिर्फ ठगने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों को असली सम्मान तब मिलेगा जब उनके भाइयों और उनके पतियों को अच्छी नौकरी मिलेगी. निशिकांत दुबे की पत्नी के जरमुंडी विधानसभा से चुनाव लड़ने की चल रही चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि झारखंड की राजनीतिक पार्टी में कुछ भी संभव है. सभी दलों के नेताओं को उम्मीद है कि वह सांसद बनें और उनके परिवार के सदस्य विधायक बनें.
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