जयपुरः पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग छात्रा का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले स्कूल वैन चालक को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के भाई ने 17 फरवरी, 2014 को सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी नाबालिग बहन को उसकी स्कूल का वैन चालक बहला फुसला कर अपने साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 22 फरवरी को अभियुक्त को गिरफ्तार किया.
वहीं, कुछ दिनों बाद ही अभियुक्त फरार हो गया. आखिर में पुलिस ने 16 जनवरी, 2019 को उसे पुन: गिरफ्तार किया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि कानून में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है. ऐसे में यदि घटना को लेकर पीड़िता की सहमति भी थी तो यह अपराध की श्रेणी में ही माना जाएगा, इसलिए अभियुक्त को कठोर सजा से दंडित किया जाए. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि विवाह के बदले उससे रुपए मांगे गए थे. जब उसने रुपए नहीं दिए तो दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा से दंडित किया है.