जयपुरः जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 11 साल के अनाथ बालक से दुराचार करने वाले 56 वर्षीय अभियुक्त चिरंजीलाल को पांच साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि पीड़ित के हितों और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए उसे पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत दो लाख रुपए बतौर मुआवजा दिया जाए.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 21 सितंबर, 2020 को मानव तस्करी निरोधी इकाई ने जयपुर ग्रामीण एसपी को रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि सरुंड थाना इलाके में 11 साल का लड़का रहता है, उसकी मां उसे छोड़कर अन्य पुरुष के साथ चली गई थी. ऐसे में लड़का अनाथ के तौर पर गांव में रहता है. घटना के दिन 16 सितंबर, 2020 को अभियुक्त उसे गौशाला के पास ले गया और उसके साथ दुराचार किया.
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इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी गई, लेकिन पुलिस ने उसे धारा 151 के तहत पाबंद कर छोड़ दिया. घटना को लेकर पीड़ित ने बताया कि अभियुक्त पूर्व में भी कई बार उसके साथ इस तरह का अपराध कर चुका है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. ट्रायल के दौरान पीड़ित ने अभियुक्त पर आरोप दोहराए. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.