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28 फरवरी तक करवाएं अवैध जल कनेक्शन को नियमित, इसके बाद होगी कठोर कार्रवाई - Illegal Water Connections

जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव ने कहा है कि निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर और शुल्क जमा करवाकर अवैध जल कनेक्शन को 28 फरवरी तक नियमित नहीं किया गया, तो विभाग की ओर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.

Illegal Water Connections In Jaipur
अवैध जल कनेक्शन का नियमितीकरण का आदेश
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 17, 2024, 6:58 AM IST

जयपुर. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने आमजन से एक बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा कि अपने अवैध जल कनेक्शन को निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर और शुल्क जमा करवाकर 28 फरवरी तक नियमित कराएं, अन्यथा संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग के शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि आमजन को स्वच्छ, गुणवत्तायुक्त व नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जलदाय विभाग कटीबद्ध है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अवैध जल कनेक्शन व पानी की चोरी को रोकने के लिए विभाग की ओर से सघन अभियान चलाया जा रहा है. जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने भी प्रदेश में अवैध जल कनेक्शन व पानी की चोरी करने वालों के विरुद्ध उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

अवैध जल कनेक्शन से नियमित जल उपभोक्ताओं को उचित मात्रा व सही दबाव पर जल की आपूर्ति नहीं हो पाती है. अनिधिकृत व्यक्तियों की ओर से किए गए अवैध जल कनेक्शन की वजह से लीकेज आदि की समस्या होती है. इससे दूषित पानी आने की शिकायतें भी आती है और पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. इस प्रकार जल जनित रोग होने से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है.

इसे भी पढ़ें- प्रदेश के पीएचईड़ी दफ्तरों में शुरू हुआ विशेष सफाई अभियान, शासन सचिव ने भी की सफाई

शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा है कि 28 फरवरी के बाद संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध विभाग की ओर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसी के साथ ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 की धारा तीन की उपधारा दो और आईपीसी की धारा 379 व 430 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रेजीडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के खिलाफ एफआईआर : उदयपुर के भुवाणा स्थित हाईराइज बिल्डिंग में अवैध जल कनेक्शन के प्रकरण में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता ने सुखेर थाने में आर्ची पैरेडाइज रेजीडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. यह जानकारी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने शुक्रवार को दी. डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश भर में अवैध जल कनेक्शन व बूस्टर को चिन्हित कर अवैध कनेक्शन करने वालों के विरूद्ध पैनल्टी लगाने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने जैसे सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें- दौसा में पीएचईडी मंत्री को निरीक्षण के दौरान मिली खामी, 5 अधिकारी को किया निलंबित

सरकार को करोड़ों को हानि : 14 फरवरी को आयोजित विभाग की समीक्षा बैठक में उदयपुर की आर्ची पैरेडाइज हाईराइज बिल्डिंग में अवैध कनेक्शन का प्रकरण सामने आने पर पीएचईडी सचिव डॉ. समित शर्मा ने रेजीडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के खिलाफ 5 लाख 55 हजार 500 रुपए की पैनल्टी लगाकर 48 घंटों में वसूल करने और पैनल्टी जमा नहीं कराने की स्थिति में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. डॉ. शर्मा ने कहा कि पानी की चोरी व अवैध कनेक्शन की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. पानी की चोरी से नियमित उपभोक्ताओं को पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही, राज्य सरकार को करोड़ों रूपए की राजस्व हानि भी हो रही है.

जयपुर. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने आमजन से एक बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा कि अपने अवैध जल कनेक्शन को निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर और शुल्क जमा करवाकर 28 फरवरी तक नियमित कराएं, अन्यथा संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग के शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि आमजन को स्वच्छ, गुणवत्तायुक्त व नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जलदाय विभाग कटीबद्ध है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अवैध जल कनेक्शन व पानी की चोरी को रोकने के लिए विभाग की ओर से सघन अभियान चलाया जा रहा है. जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने भी प्रदेश में अवैध जल कनेक्शन व पानी की चोरी करने वालों के विरुद्ध उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

अवैध जल कनेक्शन से नियमित जल उपभोक्ताओं को उचित मात्रा व सही दबाव पर जल की आपूर्ति नहीं हो पाती है. अनिधिकृत व्यक्तियों की ओर से किए गए अवैध जल कनेक्शन की वजह से लीकेज आदि की समस्या होती है. इससे दूषित पानी आने की शिकायतें भी आती है और पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. इस प्रकार जल जनित रोग होने से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है.

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शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा है कि 28 फरवरी के बाद संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध विभाग की ओर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसी के साथ ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 की धारा तीन की उपधारा दो और आईपीसी की धारा 379 व 430 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रेजीडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के खिलाफ एफआईआर : उदयपुर के भुवाणा स्थित हाईराइज बिल्डिंग में अवैध जल कनेक्शन के प्रकरण में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता ने सुखेर थाने में आर्ची पैरेडाइज रेजीडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. यह जानकारी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने शुक्रवार को दी. डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश भर में अवैध जल कनेक्शन व बूस्टर को चिन्हित कर अवैध कनेक्शन करने वालों के विरूद्ध पैनल्टी लगाने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने जैसे सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

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सरकार को करोड़ों को हानि : 14 फरवरी को आयोजित विभाग की समीक्षा बैठक में उदयपुर की आर्ची पैरेडाइज हाईराइज बिल्डिंग में अवैध कनेक्शन का प्रकरण सामने आने पर पीएचईडी सचिव डॉ. समित शर्मा ने रेजीडेंसियल वेलफेयर सोसायटी के खिलाफ 5 लाख 55 हजार 500 रुपए की पैनल्टी लगाकर 48 घंटों में वसूल करने और पैनल्टी जमा नहीं कराने की स्थिति में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. डॉ. शर्मा ने कहा कि पानी की चोरी व अवैध कनेक्शन की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. पानी की चोरी से नियमित उपभोक्ताओं को पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही, राज्य सरकार को करोड़ों रूपए की राजस्व हानि भी हो रही है.

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